ETV Bharat / state

Chaitra Navratri 2023: किस तरह के ज्योति कलश की करें स्थापना, जानिए क्या कहते हैं पंडित जी?

lighting Jyoti Kalash मिट्टी, तांबा, चांदी और सोने की सभी सभी तत्व बहुत ही शुभ माने जाते हैं. पदार्थों में इनका विशेष महत्व है. इन सभी पदार्थों का पूजा-पाठ अध्यात्म अनुष्ठान भागवत समस्त कथाओं में उपयोग किया जाता है. ये बहुत ही मांगलिक पदार्थ माने जाते हैं, इसलिए सनातन व्यवस्था में शुरू से ही इनसे बने कलश का उपयोग किया जाता है. आइए ज्योतिष एवं वास्तुविद पंडित विनीत शर्मा से इसकी वजह जानते हैं. Jyoti Kalash importance in hinduism

Chaitra Navratri 2023
चैत्र नवरात्रि 2023
author img

By

Published : Mar 20, 2023, 10:33 PM IST

Updated : Mar 21, 2023, 6:59 PM IST

ज्योति कलश का महत्व

रायपुर: मिट्टी, तांबा, चांदी और सोने को मांगलिक पदार्थ माना जाता है. इनका इस्तेमाल पूजा-पाठ, अध्यात्म, अनुष्ठान, भागवत और समस्त कथाओं में सदियों से उपयोग किया जाता रहा है. पूजा पाठ के दौरान इनसे बने कलश का उपयोग किया जाता है. कलश को देखने मात्र से ही मन शांत हो जाता है. आइए जानते हैं मिट्टी तांबा चांदी और सोने के पात्र में ही कलश क्यों प्रज्वलित किए जाते हैं.

मिट्टी के कलश का महत्व: मिट्टी में सभी तरह के पंच तत्वों का समावेश होता है. भूमि, वायु, आकाश, अग्नि और जल आदि पदार्थों से मिलकर मिट्टी पंच तत्वों का अनुभूति प्रदान करती है. मिट्टी से बने हुए कलश आंखों को काफी सूकून देते हैं. इन्हें देखने मात्र से ही श्रद्धा,भक्ति और आस्था की भावना मन में उमड़ने लगती है. इनका मध्यम गेरुआ रंग मन को शांति प्रदान करता है.

सूर्य ग्रह कमजोर हो, तो करें यह उपाय: तांबा तत्व विद्युत का सुचालक माना जाता है. यह देखने में मनोहारी और अनेक औषधीय गुणों से संपन्न माना गया है. तांबा में रखे हुए जल को विभिन्न रूपों में ग्रहण करने पर शरीर के दोष दूर होते हैं. यह अग्नि को अच्छी तरह से अपने भीतर समायोजित करने की क्षमता रखते हैं. पूजा पाठ में उपयोग में लाए जाने वाले चम्मच गिलास, कलश, यज्ञ कुंड सामग्री को रखने वाले पात्र तांबे के ही बने हुए होते हैं. इसमें सूर्य तत्व का प्रभाव रहता है. सूर्य ऊर्जा का प्रमुख केंद्र है. यह ऊर्जा का स्रोत माना गया है. जिनकी कुंडली में सूर्य ग्रह कमजोर हो या नीच का हो या राहु के साथ हो. ऐसे जातकों को तांबे के कलश में ज्योति प्रज्वलित करनी चाहिए.

चंद्र ग्रह कमजोर हो, तो करें यह उपाय: चांदी के पात्र बहुत ही मनोहारी और मन को अनुकूलता प्रदान करने वाले होते हैं. जिनकी सुंदर आकृतियां मन को भाती हैं. यह एक मूल्यवान धातु है. शुरु से ही पूजा-पाठ में सिक्के, कलश, चम्मच, दीपक, यज्ञ पात्र आदि में बहुतायत मात्रा में चांदी का भी उपयोग किया जाता है. देवी-देवताओं के आसन में भी चांदी तत्व विद्यमान रहता है. जिनकी कुंडली में चंद्र ग्रह नीच हो या किसी दोष से ग्रसित हो. उन्हें निश्चित तौर पर चांदी के कलश पर ज्योति प्रज्वलित करनी चाहिए. यह सकारात्मकता की केंद्रक है. यही वजह है कि सारी नेगेटिव एनर्जी चांदी के कलश लगाने से दूर हो जाती है.

यह भी पढ़ें: Hindu Nav Varsh 2023 : हिंदू नववर्ष विक्रम संवत 2080 में होंगे कुल 13 महीने, जानिए हर महीने की डिटेल


गुरु ग्रह कमजोर हो, तो करें यह उपाय: सोना एक मूल्यवान धातु है. यह मनोहारी मनहर और चित्त को अनुकूलता प्रदान करने वाला तत्व है. यह पीली धातु गुरु का प्रतिनिधित्व करती है. ऐसे जातक जिनके विवाह, संतान प्राप्ति आदि में बहुत बाधा आ रही हो. उनको निश्चित तौर पर सोने के कलश में दीप प्रज्वलित करना चाहिए. उनका उपयोग सावधानी पूर्वक करें. सोना एक महंगी धातु है. जिनकी कुंडली में गुरु संबंधित दोष हो या पीड़ा हो. उन्हें निश्चित तौर पर इस पीली धातु के द्वारा दीप प्रज्वलित करना चाहिए.

सोने के कलश में ज्योति करें प्रज्वलित, नाकारात्मकता होगी दूर: सोने के कलश में ज्योति प्रज्वलित करने से अग्नि को ऊर्जा मिलती है. वातावरण शुद्ध रहता है. नकारात्मक तरंगें और नेगेटिव सोच दूर होती है. सकारात्मकता का विकास होता है. कलश स्थापना से घर में सुख शांति और समृद्धि आती है.

ज्योति कलश का महत्व

रायपुर: मिट्टी, तांबा, चांदी और सोने को मांगलिक पदार्थ माना जाता है. इनका इस्तेमाल पूजा-पाठ, अध्यात्म, अनुष्ठान, भागवत और समस्त कथाओं में सदियों से उपयोग किया जाता रहा है. पूजा पाठ के दौरान इनसे बने कलश का उपयोग किया जाता है. कलश को देखने मात्र से ही मन शांत हो जाता है. आइए जानते हैं मिट्टी तांबा चांदी और सोने के पात्र में ही कलश क्यों प्रज्वलित किए जाते हैं.

मिट्टी के कलश का महत्व: मिट्टी में सभी तरह के पंच तत्वों का समावेश होता है. भूमि, वायु, आकाश, अग्नि और जल आदि पदार्थों से मिलकर मिट्टी पंच तत्वों का अनुभूति प्रदान करती है. मिट्टी से बने हुए कलश आंखों को काफी सूकून देते हैं. इन्हें देखने मात्र से ही श्रद्धा,भक्ति और आस्था की भावना मन में उमड़ने लगती है. इनका मध्यम गेरुआ रंग मन को शांति प्रदान करता है.

सूर्य ग्रह कमजोर हो, तो करें यह उपाय: तांबा तत्व विद्युत का सुचालक माना जाता है. यह देखने में मनोहारी और अनेक औषधीय गुणों से संपन्न माना गया है. तांबा में रखे हुए जल को विभिन्न रूपों में ग्रहण करने पर शरीर के दोष दूर होते हैं. यह अग्नि को अच्छी तरह से अपने भीतर समायोजित करने की क्षमता रखते हैं. पूजा पाठ में उपयोग में लाए जाने वाले चम्मच गिलास, कलश, यज्ञ कुंड सामग्री को रखने वाले पात्र तांबे के ही बने हुए होते हैं. इसमें सूर्य तत्व का प्रभाव रहता है. सूर्य ऊर्जा का प्रमुख केंद्र है. यह ऊर्जा का स्रोत माना गया है. जिनकी कुंडली में सूर्य ग्रह कमजोर हो या नीच का हो या राहु के साथ हो. ऐसे जातकों को तांबे के कलश में ज्योति प्रज्वलित करनी चाहिए.

चंद्र ग्रह कमजोर हो, तो करें यह उपाय: चांदी के पात्र बहुत ही मनोहारी और मन को अनुकूलता प्रदान करने वाले होते हैं. जिनकी सुंदर आकृतियां मन को भाती हैं. यह एक मूल्यवान धातु है. शुरु से ही पूजा-पाठ में सिक्के, कलश, चम्मच, दीपक, यज्ञ पात्र आदि में बहुतायत मात्रा में चांदी का भी उपयोग किया जाता है. देवी-देवताओं के आसन में भी चांदी तत्व विद्यमान रहता है. जिनकी कुंडली में चंद्र ग्रह नीच हो या किसी दोष से ग्रसित हो. उन्हें निश्चित तौर पर चांदी के कलश पर ज्योति प्रज्वलित करनी चाहिए. यह सकारात्मकता की केंद्रक है. यही वजह है कि सारी नेगेटिव एनर्जी चांदी के कलश लगाने से दूर हो जाती है.

यह भी पढ़ें: Hindu Nav Varsh 2023 : हिंदू नववर्ष विक्रम संवत 2080 में होंगे कुल 13 महीने, जानिए हर महीने की डिटेल


गुरु ग्रह कमजोर हो, तो करें यह उपाय: सोना एक मूल्यवान धातु है. यह मनोहारी मनहर और चित्त को अनुकूलता प्रदान करने वाला तत्व है. यह पीली धातु गुरु का प्रतिनिधित्व करती है. ऐसे जातक जिनके विवाह, संतान प्राप्ति आदि में बहुत बाधा आ रही हो. उनको निश्चित तौर पर सोने के कलश में दीप प्रज्वलित करना चाहिए. उनका उपयोग सावधानी पूर्वक करें. सोना एक महंगी धातु है. जिनकी कुंडली में गुरु संबंधित दोष हो या पीड़ा हो. उन्हें निश्चित तौर पर इस पीली धातु के द्वारा दीप प्रज्वलित करना चाहिए.

सोने के कलश में ज्योति करें प्रज्वलित, नाकारात्मकता होगी दूर: सोने के कलश में ज्योति प्रज्वलित करने से अग्नि को ऊर्जा मिलती है. वातावरण शुद्ध रहता है. नकारात्मक तरंगें और नेगेटिव सोच दूर होती है. सकारात्मकता का विकास होता है. कलश स्थापना से घर में सुख शांति और समृद्धि आती है.

Last Updated : Mar 21, 2023, 6:59 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.