रायपुर: माध्यमिक शिक्षा मंडल की ओर से हर साल दसवीं और बारहवीं के उत्तर पुस्तिका की जांच को लेकर काफी सख्ती बरती जाती है. इसी कड़ी में इस साल भी उत्तर पुस्तिका की जांच में लापरवाही सामने आई थी. जिस पर कार्रवाई करते हुए 101 शिक्षकों को 3 साल के लिए ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया है. इसके साथ ही कुछ शिक्षकों की 1 साल की वेतन वृद्धि पर भी रोक लगा दी गई है.
नंबर ज्यादा बढ़ाने पर होती है कार्रवाई: मामले पर माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव वीके गोयल ने कहा कि "हर साल पुनर्मूल्यांकन के आधार पर यदि किसी भी बच्चे का नंबर काफी ज्यादा बढ़ा हुआ दिखता है, तो शिक्षकों की जांच की जाती है. इस साल भी पुनर्मूल्यांकन के आधार पर शिक्षकों की जांच की गई. जिसमें 101 शिक्षकों द्वारा लापरवाही बरतने की बात सामने आई. जिस वजह से उन्हें 31 मई 2026 तक के लिए निलंबित कर दिया गया है. यह शिक्षक अब पराश्रमिक कार्य नहीं दे पाएंगे."
50 से ऊपर अंक बढ़ने पर शिक्षकों को किया बैन: पुनर्मूल्यांकन के दौरान इस साल 12वीं के 51 और दसवीं के 30 शिक्षकों को ब्लैक लिस्टेड किया गया है. इसके साथ ही 41-49 नंबर की बढ़ोतरी पर कक्षा 12वीं के 02, कक्षा 10वीं के 8 टीचर्स को बैन किया गया है. 50 से ऊपर अंक बढ़ने पर कक्षा 10वीं के 7 और कक्षा 12वीं के 3 शिक्षकों को बैन किया गया है. 10 मई को जारी परिणाम से अपने रिजल्ट से असंतुष्ट छात्रों ने पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन किया था. जिसके बाद जांच में लापरवाही बरतने के लिए शिक्षकों के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई की गई है.
10 मई को आया था बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट: 10 मई को बोर्ड परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया था. जिसमें कक्षा 12वीं का रिजल्ट 79.96 प्रतिशत रहा, तो वहीं कक्षा दसवीं का रिजल्ट 75.5 प्रतिशत रहा. पूरे प्रदेश में कक्षा दसवीं में राहुल यादव ने पहले स्थान पर अपनी जगह बनाई थी. कक्षा 12वीं में विधि 98 फीसदी अंक से पूरे प्रदेश में टॉप किया था. वेबसाइट पर परिणाम जारी करने के पहले माध्यमिक शिक्षा मंडल में शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम द्वारा टॉप 10 की सूची जारी की गई थी. इसके अलावा अपने वादे के अनुरूप शिक्षा मंत्री द्वारा छत्तीसगढ़ के टॉपर्स को हेलीपैड में जॉइराइड भी कराई थी.