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छग विधानसभा मानसून सत्र: छत्तीसगढ़ उपकर संशोधन विधेयक समेत कई बिल पास

छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र चल रहा (CG Vidhan Sabha Monsoon Session) है. सोमवार को सत्र के चौथे दिन सदन में विपक्ष ने सरकार को रेडी टू ईट फूड की सप्लाई और गोबर खरीदी के मुद्दे पर (Uproar in House over employees strike ) घेरा. इसके अलावा साल 2018 से भ्रष्टाचार के मामले में छत्तीसगढ़ में कोई कार्रवाई नहीं हो रही (issue of supply of ready to eat food) है. उसको लेकर भी सदन में विपक्ष ने सरकार से सवाल किया. सदन में छत्तीसगढ़ कर्मचारियों की हड़ताल का मुद्दा भी (CG Legislative Assembly) गूंजा. छत्तीसगढ़ उपकर विधेयक समेत 11 बिल छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र में पारित किए गए हैं.

CG Vidhan Sabha Monsoon Session
छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र
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Published : Jul 25, 2022, 6:59 PM IST

Updated : Jul 25, 2022, 9:44 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन कई विधेयक पारित किए गए जिसमें मुख्य रूप से छत्तीसगढ़ उपकर विधेयक शामिल है. इस विधेयक के पास हो जाने के बाद प्रदेश में संपति की ब्रिक्री, दान , बंधक या तीस साल से अधिक के लीज पर लगने वाले स्टाम्प शुक्ल में होगी वृद्धि. स्टाम्प शुल्क पर लगने वाले शुल्क को 5% से बढ़ाकर 12% कर दिया गया है. जो कि उपकर की राशि है. इस उपकर (सेस) के जरिये 100 करोड़ प्राप्ति का लक्ष्य है. इस प्राप्त राशि का उपयोग रोजगार मिशन और राजीव गांधी मितान क्लब में खर्च किया जाएगा. विपक्ष ने इस विधेयक को जल्दबाजी में लाने का लगाया आरोप. विपक्ष ने विधेयक पर आपत्ति जताते हुए विरोध किया. विपक्ष ने वॉक आउट कर विरोध जताया. विपक्ष की गैरमौजूदगी में विधेयक बहुमत से पारित हुआ.

छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र में पारित किए विधेयकों पर एक नजर

  1. छत्तीसगढ़ भू-जल (प्रबंधन और विनियमन) विधेयक 2022 सर्वसम्मति से पारित.
  2. छत्तीसगढ़ सहकारी सोसायटी (संशोधन) विधेयक 2022 दोहरी मत से पारित
  3. छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता (संशोधन) विधेयक 2022 दोहरी मत से पास
  4. छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय स्थापना एवं संचालन (संशोधन) विधेयक 2022 ध्वनिमत से पारित
  5. छत्तीसगढ़ आदिम जनजातियों के संरक्षण (वृक्षों में हित) (संशोधन)विधेयक 2022 ध्वनिमत से पारित
  6. छत्तीसगढ़ विद्युत शुल्क संशोधन विधेयक 2022 चर्चा के बाद सदक 2022 पर चर्चा जारी
  7. विधानसभा में छग उपकर संशोधन विधेयक पास
  8. प्रदेश में संपति की ब्रिक्री, दान, बंधक या तीस साल से अधिक के लीज पर लगाने वाले स्टाम्प शुक्ल में होगी वृद्धि.
  9. स्टाम्प शुल्क पर लगने वाले शुल्क में 5% से बढ़ाकर 12% उपकर लगेगा
  10. इस उपकर (सेस) के जरिये 100 करोड़ प्राप्ति का लक्ष्य है

चौथे दिन सदन में हुआ हंगामा: छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र का चौथा दिन काफी हंगामेदार (CG Vidhan Sabha Monsoon Session) रहा. सोमवार को सदन में सरकारी कर्मचारियों के आंदोलन का मामला गूंजा. बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के 5 दिनों की हड़ताल शुरू (Uproar in House over employees strike ) है. सुबह से स्कूल बंद है. सरकारी कार्यालय बंद हैं. सभी विभागों के शासकीय कार्यालयों में ताला लगा हुआ है. ऐसे में जनता अपने काम के लिए भटक रही (issue of supply of ready to eat food) है. उन्हें पता नहीं कि सरकार और कर्मचारियों के बीच का मामला क्या है. लोग कार्यालय पहुंचे तो दफ्तर में ताला लटका मिला. बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि डीए और अन्य मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों से सरकार ने वादाखिलाफी की. घोषणा पत्र में जो वादे किए गए थे एक भी पूरे नहीं किए गए. हमने इस मामले में स्थगन लाया है आप चर्चा कराएं. अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ की हालत आज इतनी बदतर है कि हम चार चार स्थगन पर चर्चा करना चाहते हैं. इस पर आसंदी ने कहा कि चर्चा कैसे संभव है. इस पर बृजमोहन ने कहा कि संभव (CG Legislative Assembly) है.

नेता प्रतिपक्ष ने कर्मचारियों की हड़ताल को लेकर सरकार पर उठाए सवाल: वहीं नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि "प्रदेशभर के और मंत्रालय के कर्मचारी सड़कों पर हैं. एक दिन के लिए नहीं बल्कि पांच दिनों के लिए कार्यालयों में ताला लगा है. छत्तीसगढ़ में ऐसी स्थिति कभी नहीं आई. पूरे प्रदेश में अफरा-तफरी मची हुई है. आखिर जनता कहां जाए और इसका कारण ये सरकार है. धरमलाल कौशिक ने कहा कि साढ़े 3 साल का समय निकल चुका है. धैर्य की सीमा टूटती जा रही है. आखिर कितनी प्रतीक्षा करें. कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर बैठे हुए हैं. मुख्यमंत्री को उन्हें बुलाकर उनसे बातचीत करनी चाहिए. पहले उनके साथ जाकर कई घोषणाएं की थी, लेकिन अब सरकार में आने के बाद मंत्रियों को बोलना चाहिए कि हम आपके साथ खड़े हैं"

ये भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ के बच्चों को मिलेगी अब और बेहतर शिक्षा

छत्तीसगढ़ में बढ़ते अपराध पर विपक्ष ने सरकार पर किया वार: सोमवार को सत्र में विपक्ष ने राज्य सरकार को प्रदेश में बढ़ रहे अपराधों को लेकर घेरा. साथ ही सदन में जमकर हंगामा भी किया. शून्यकाल में बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने रायपुर में मूकबधिर का गला रेतकर नाबालिग लड़की द्वारा हत्या, अकलतरा दुष्कर्म मामला और कानून व्यवस्था को लेकर सवाल किया. बीजेपी विधायकों ने हत्या, लूट और बलात्कार के मामलों को लेकर स्थगन के जरिये चर्चा की मांग की. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि "उत्तरप्रदेश से आकर अपराधी यहां शरण ले रहे हैं. केवल दिखावे के लिए कानून-व्यवस्था को लेकर समीक्षा बैठक होती है. किशोरों की हत्या में छत्तीसगढ़ देश में पहले नंबर पर है. सदन में बीजेपी विधायकों ने जमकर नारेबाजी की. हंगामे की वजह से विधानसभा की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित की गई. उसके बाद छत्तीसगढ़ में बढ़ते क्राइम के मु्द्दे पर बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि "रायपुर का नाम अब चाकूपुर लिखा जाने लगा है. लगातार अपराध बढ़ रहे है. इसे रोकना चाहिए नहीं तो प्रदेश की जनता माफ नहीं करेगी. विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है" सरकार का एक भी नुमाइंदा अकलतरा नहीं पहुंचा. 5 सितारा होटल में 11 युवतियां बरामद हुई. "

घटोई डैम प्रभावितों का मुद्दा भी सदन में उठा: सदन में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक रामकुमार यादव ने चंद्रपुर विधानसभा क्षेत्र के केकराभाट और कबारीपाली के घटोई डैम में प्रभावित व्यक्तियों के मुआवजा राशि का मामला उठाया. इस पर मंत्री रविन्द्र चौबे ने मुआवजा राशि नहीं मिलने की बात स्वीकार की है. सवाल का जवाब देते हुए कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि चंद्रपुर विधानसभा के केकराभाट और कबारी पाली के घटोई डैम में प्रभावित सभी किसानों को मुआवजा राशि नहीं दी गई है. 6 किसानों का मुआवजा बाकी है. मुआवजा एक जटिल प्रक्रिया है. इसकी प्रकिया जारी है. इस मामले की गंभीरता देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष चरणदास मंहत ने 40 साल पुराने मामले में प्रभावितों को मुआवजा दिलवाने के निर्देश दिए.

ये भी पढ़ें: चरणदास महंत ने 40 साल पुराने मामले में मुआवजा देने के दिए निर्देश

वर्मी कंपोस्ट से जुड़ा मामला सदन में उठा: सदन में गौठान और गोबर खरीदी को लेकर विपक्ष ने बघेल सरकार को घेरा. जेसीसीजे विधायक धरमजीत सिंह ने गौठान और गोबर खरीदी का मामला प्रश्नकाल में उठाया. यह चर्चा तब रोचक बन गई. जब विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने कृषि मंत्री रविंद्र चौबे से वर्मी कम्पोस्ट को लेकर सवाल कर दिया. उन्होंने पूछा कि एक किलो वर्मी कम्पोस्ट बनाने में कितना किलो गोबर लगेगा. जवाब में मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि एक किलो गोबर में एक किलो गोबर का 35 से 40 फीसदी वर्मी कंपोस्ट तैयार होता है. वर्मी कंपोस्ट के एक्सपायरी को लेकर भी सवाल पूछा गया. जिस पर कृषि मंत्री ने कहा कि एक्सपायरी डेट से संबंधित कोई अभी तय समय सीमा नहीं है. "मैं अधिकारियों से धरमजीत सिंह को गौठान दिखाने के लिए कहूंगा"

रेडी टू ईट फूड सप्लाई पर विपक्ष ने सरकार को घेरा: छत्तीसगढ़ के आंगनबाड़ी केंद्रों में रेडी टू फूड की आपूर्ति का मामला सदन में गूंजा. बीजेपी विधायक सौरभ सिंह ने रेडी टू ईट का मामला उठाया. सौरभ सिंह ने आरोप लगाया कि रेडी टू ईट सप्लाई में माफिया की एंट्री हो गई है. इस पर सदन में जोरदार हंगामा हो गया. बीजेपी विधायकों ने पूरे मामले में जांच की मांग कर दी. उसके बाद सौरभ सिंह के बयान पर महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया ने जवाब दिया. उन्होंने कहा कि" महिला स्व-सहायता समूह की हाईकोर्ट में लगी याचिका की वजह से सप्लाई नहीं हो सकी. विधायक सौरभ सिंह ने पूछा- हाईकोर्ट ने ये भी आदेश दिया था कि जिन-जिन समूहों का अनुबंध खत्म नहीं हुआ है. उनकी सप्लाई जारी रहेगी. इसके बाद विपक्ष आक्रामक हो गया. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा, रेडी टू ईट फूड की सप्लाई में भी अब माफिया घुस गए हैं. विपक्ष ने इस पूरे मामले की विधानसभा की कमेटी से जांच की मांग की. सरकार की ओर से संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा, अगर जांच की आवश्यकता होगी आगे निर्णय लिया जाएगा

भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई 2018 से है लंबित-बीजेपी : भाजपा विधायक कृष्णमूर्ति बांधी ने कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ ईओडब्ल्यू, एसीबी, विभागीय जांच या अन्य जांच को लेकर सवाल पूछा. जवाब में कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया, "ईओडब्ल्यू में चार, विभागीय जांच में 12 और लोक आयोग के 10 मामलों की जांच चल रही है." विधायक बांधी ने पूछा, जांच की अधिकतम सीमा एक साल है. कितने मामलों की जांच इससे ज्यादा वक्त से लंबित है. कृषि मंत्री ने बताया, अधिकतर मामले 2018 से पहले के हैं. विभाग ने 25 अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए दो-दो वेतनवृद्धि रोकने की कार्रवाई की है.

रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन कई विधेयक पारित किए गए जिसमें मुख्य रूप से छत्तीसगढ़ उपकर विधेयक शामिल है. इस विधेयक के पास हो जाने के बाद प्रदेश में संपति की ब्रिक्री, दान , बंधक या तीस साल से अधिक के लीज पर लगने वाले स्टाम्प शुक्ल में होगी वृद्धि. स्टाम्प शुल्क पर लगने वाले शुल्क को 5% से बढ़ाकर 12% कर दिया गया है. जो कि उपकर की राशि है. इस उपकर (सेस) के जरिये 100 करोड़ प्राप्ति का लक्ष्य है. इस प्राप्त राशि का उपयोग रोजगार मिशन और राजीव गांधी मितान क्लब में खर्च किया जाएगा. विपक्ष ने इस विधेयक को जल्दबाजी में लाने का लगाया आरोप. विपक्ष ने विधेयक पर आपत्ति जताते हुए विरोध किया. विपक्ष ने वॉक आउट कर विरोध जताया. विपक्ष की गैरमौजूदगी में विधेयक बहुमत से पारित हुआ.

छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र में पारित किए विधेयकों पर एक नजर

  1. छत्तीसगढ़ भू-जल (प्रबंधन और विनियमन) विधेयक 2022 सर्वसम्मति से पारित.
  2. छत्तीसगढ़ सहकारी सोसायटी (संशोधन) विधेयक 2022 दोहरी मत से पारित
  3. छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता (संशोधन) विधेयक 2022 दोहरी मत से पास
  4. छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय स्थापना एवं संचालन (संशोधन) विधेयक 2022 ध्वनिमत से पारित
  5. छत्तीसगढ़ आदिम जनजातियों के संरक्षण (वृक्षों में हित) (संशोधन)विधेयक 2022 ध्वनिमत से पारित
  6. छत्तीसगढ़ विद्युत शुल्क संशोधन विधेयक 2022 चर्चा के बाद सदक 2022 पर चर्चा जारी
  7. विधानसभा में छग उपकर संशोधन विधेयक पास
  8. प्रदेश में संपति की ब्रिक्री, दान, बंधक या तीस साल से अधिक के लीज पर लगाने वाले स्टाम्प शुक्ल में होगी वृद्धि.
  9. स्टाम्प शुल्क पर लगने वाले शुल्क में 5% से बढ़ाकर 12% उपकर लगेगा
  10. इस उपकर (सेस) के जरिये 100 करोड़ प्राप्ति का लक्ष्य है

चौथे दिन सदन में हुआ हंगामा: छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र का चौथा दिन काफी हंगामेदार (CG Vidhan Sabha Monsoon Session) रहा. सोमवार को सदन में सरकारी कर्मचारियों के आंदोलन का मामला गूंजा. बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के 5 दिनों की हड़ताल शुरू (Uproar in House over employees strike ) है. सुबह से स्कूल बंद है. सरकारी कार्यालय बंद हैं. सभी विभागों के शासकीय कार्यालयों में ताला लगा हुआ है. ऐसे में जनता अपने काम के लिए भटक रही (issue of supply of ready to eat food) है. उन्हें पता नहीं कि सरकार और कर्मचारियों के बीच का मामला क्या है. लोग कार्यालय पहुंचे तो दफ्तर में ताला लटका मिला. बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि डीए और अन्य मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों से सरकार ने वादाखिलाफी की. घोषणा पत्र में जो वादे किए गए थे एक भी पूरे नहीं किए गए. हमने इस मामले में स्थगन लाया है आप चर्चा कराएं. अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ की हालत आज इतनी बदतर है कि हम चार चार स्थगन पर चर्चा करना चाहते हैं. इस पर आसंदी ने कहा कि चर्चा कैसे संभव है. इस पर बृजमोहन ने कहा कि संभव (CG Legislative Assembly) है.

नेता प्रतिपक्ष ने कर्मचारियों की हड़ताल को लेकर सरकार पर उठाए सवाल: वहीं नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि "प्रदेशभर के और मंत्रालय के कर्मचारी सड़कों पर हैं. एक दिन के लिए नहीं बल्कि पांच दिनों के लिए कार्यालयों में ताला लगा है. छत्तीसगढ़ में ऐसी स्थिति कभी नहीं आई. पूरे प्रदेश में अफरा-तफरी मची हुई है. आखिर जनता कहां जाए और इसका कारण ये सरकार है. धरमलाल कौशिक ने कहा कि साढ़े 3 साल का समय निकल चुका है. धैर्य की सीमा टूटती जा रही है. आखिर कितनी प्रतीक्षा करें. कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर बैठे हुए हैं. मुख्यमंत्री को उन्हें बुलाकर उनसे बातचीत करनी चाहिए. पहले उनके साथ जाकर कई घोषणाएं की थी, लेकिन अब सरकार में आने के बाद मंत्रियों को बोलना चाहिए कि हम आपके साथ खड़े हैं"

ये भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ के बच्चों को मिलेगी अब और बेहतर शिक्षा

छत्तीसगढ़ में बढ़ते अपराध पर विपक्ष ने सरकार पर किया वार: सोमवार को सत्र में विपक्ष ने राज्य सरकार को प्रदेश में बढ़ रहे अपराधों को लेकर घेरा. साथ ही सदन में जमकर हंगामा भी किया. शून्यकाल में बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने रायपुर में मूकबधिर का गला रेतकर नाबालिग लड़की द्वारा हत्या, अकलतरा दुष्कर्म मामला और कानून व्यवस्था को लेकर सवाल किया. बीजेपी विधायकों ने हत्या, लूट और बलात्कार के मामलों को लेकर स्थगन के जरिये चर्चा की मांग की. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि "उत्तरप्रदेश से आकर अपराधी यहां शरण ले रहे हैं. केवल दिखावे के लिए कानून-व्यवस्था को लेकर समीक्षा बैठक होती है. किशोरों की हत्या में छत्तीसगढ़ देश में पहले नंबर पर है. सदन में बीजेपी विधायकों ने जमकर नारेबाजी की. हंगामे की वजह से विधानसभा की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित की गई. उसके बाद छत्तीसगढ़ में बढ़ते क्राइम के मु्द्दे पर बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि "रायपुर का नाम अब चाकूपुर लिखा जाने लगा है. लगातार अपराध बढ़ रहे है. इसे रोकना चाहिए नहीं तो प्रदेश की जनता माफ नहीं करेगी. विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है" सरकार का एक भी नुमाइंदा अकलतरा नहीं पहुंचा. 5 सितारा होटल में 11 युवतियां बरामद हुई. "

घटोई डैम प्रभावितों का मुद्दा भी सदन में उठा: सदन में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक रामकुमार यादव ने चंद्रपुर विधानसभा क्षेत्र के केकराभाट और कबारीपाली के घटोई डैम में प्रभावित व्यक्तियों के मुआवजा राशि का मामला उठाया. इस पर मंत्री रविन्द्र चौबे ने मुआवजा राशि नहीं मिलने की बात स्वीकार की है. सवाल का जवाब देते हुए कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि चंद्रपुर विधानसभा के केकराभाट और कबारी पाली के घटोई डैम में प्रभावित सभी किसानों को मुआवजा राशि नहीं दी गई है. 6 किसानों का मुआवजा बाकी है. मुआवजा एक जटिल प्रक्रिया है. इसकी प्रकिया जारी है. इस मामले की गंभीरता देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष चरणदास मंहत ने 40 साल पुराने मामले में प्रभावितों को मुआवजा दिलवाने के निर्देश दिए.

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वर्मी कंपोस्ट से जुड़ा मामला सदन में उठा: सदन में गौठान और गोबर खरीदी को लेकर विपक्ष ने बघेल सरकार को घेरा. जेसीसीजे विधायक धरमजीत सिंह ने गौठान और गोबर खरीदी का मामला प्रश्नकाल में उठाया. यह चर्चा तब रोचक बन गई. जब विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने कृषि मंत्री रविंद्र चौबे से वर्मी कम्पोस्ट को लेकर सवाल कर दिया. उन्होंने पूछा कि एक किलो वर्मी कम्पोस्ट बनाने में कितना किलो गोबर लगेगा. जवाब में मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि एक किलो गोबर में एक किलो गोबर का 35 से 40 फीसदी वर्मी कंपोस्ट तैयार होता है. वर्मी कंपोस्ट के एक्सपायरी को लेकर भी सवाल पूछा गया. जिस पर कृषि मंत्री ने कहा कि एक्सपायरी डेट से संबंधित कोई अभी तय समय सीमा नहीं है. "मैं अधिकारियों से धरमजीत सिंह को गौठान दिखाने के लिए कहूंगा"

रेडी टू ईट फूड सप्लाई पर विपक्ष ने सरकार को घेरा: छत्तीसगढ़ के आंगनबाड़ी केंद्रों में रेडी टू फूड की आपूर्ति का मामला सदन में गूंजा. बीजेपी विधायक सौरभ सिंह ने रेडी टू ईट का मामला उठाया. सौरभ सिंह ने आरोप लगाया कि रेडी टू ईट सप्लाई में माफिया की एंट्री हो गई है. इस पर सदन में जोरदार हंगामा हो गया. बीजेपी विधायकों ने पूरे मामले में जांच की मांग कर दी. उसके बाद सौरभ सिंह के बयान पर महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया ने जवाब दिया. उन्होंने कहा कि" महिला स्व-सहायता समूह की हाईकोर्ट में लगी याचिका की वजह से सप्लाई नहीं हो सकी. विधायक सौरभ सिंह ने पूछा- हाईकोर्ट ने ये भी आदेश दिया था कि जिन-जिन समूहों का अनुबंध खत्म नहीं हुआ है. उनकी सप्लाई जारी रहेगी. इसके बाद विपक्ष आक्रामक हो गया. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा, रेडी टू ईट फूड की सप्लाई में भी अब माफिया घुस गए हैं. विपक्ष ने इस पूरे मामले की विधानसभा की कमेटी से जांच की मांग की. सरकार की ओर से संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा, अगर जांच की आवश्यकता होगी आगे निर्णय लिया जाएगा

भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई 2018 से है लंबित-बीजेपी : भाजपा विधायक कृष्णमूर्ति बांधी ने कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ ईओडब्ल्यू, एसीबी, विभागीय जांच या अन्य जांच को लेकर सवाल पूछा. जवाब में कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया, "ईओडब्ल्यू में चार, विभागीय जांच में 12 और लोक आयोग के 10 मामलों की जांच चल रही है." विधायक बांधी ने पूछा, जांच की अधिकतम सीमा एक साल है. कितने मामलों की जांच इससे ज्यादा वक्त से लंबित है. कृषि मंत्री ने बताया, अधिकतर मामले 2018 से पहले के हैं. विभाग ने 25 अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए दो-दो वेतनवृद्धि रोकने की कार्रवाई की है.

Last Updated : Jul 25, 2022, 9:44 PM IST
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