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छत्तीसगढ़ सरकार का बड़ा फैसला, Raipur sky walk की जांच करेगी ACB और EOW

छत्तीसगढ़ सरकार Government of Chhattisgarh ने रायपुर स्काई वॉक Sky Walk in Raipur को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है.CG government big decision रायपुर स्काई वॉक की जांच अब ACB और EOW करेगी. स्काई वॉक का निर्माण बीजेपी शासन में शुरू हुआ था. चुनाव से पहले काम पूरा नहीं हो पाया. बीजेपी सत्ता से बाहर हुई तो कांग्रेस ने निर्माण कार्य पूरा नहीं कराया.अब स्काई वॉक के निर्माण में खामियों को लेकर सरकार ने जांच का मन बनाया है.

sky walk irregularity case investigated
स्काई वॉक अनियमितता मामले की होगी जांच
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Published : Dec 26, 2022, 5:11 PM IST

रायपुर : छत्तीसगढ़ शासन Government of Chhattisgarh ने स्काई वॉक निर्माण मामले को लेकर प्रथम दृष्टया अनियमितता पाए जाने पर इसकी जांच एसीबी और ईओडब्ल्यू (EOW) को सौंपने का निर्णय लिया है. शुरुआती जांच में यह पाया गया कि 77 करोड़ की परियोजना में जान बूझकर 2 बार प्राक्कलन estimate तैयार किया गया ताकि PFIC से मंजूरी की आवश्यकता न रहे. PFIC के माध्यम से किसी भी परियोजना के जनहित के संबंध में परीक्षण किया जाता है. लेकिन स्काई वॉक बनाने के लिए ऐसा नहीं किया गया. Skywalk construction irregularities in raipur है.

निर्माण में आचार संहिता का भी उल्लंघन : विधानसभा निर्वाचन 2018 की अधिसूचना जारी रहने के दौरान ही छत्तीसगढ़ लोक निर्माण विभाग ने पुनरीक्षण प्रस्ताव तैयार कर 5 दिसम्बर 2018 को वित्त विभाग को भेजा. यह आचार संहिता का स्पष्ट उल्लंघन है.

कब हुआ था टेंडर जारी : पीडब्ल्यूडी विभाग ने स्काई वॉक बनाने के लिए पहला टेंडर 4 फरवरी 2017 को जारी किया था. टेंडर के लिए सिर्फ 15 दिन का वक्त दिया गया. 4 फरवरी तक वित्त विभाग से प्रशासकीय स्वीकृति भी नहीं मिली थी. 15 दिनों में निविदा के लिए कोई आवश्यकता और औचित्य नहीं दर्शाया गया है, न सक्षम स्वीकृति ली गई.Raipur sky walk construction irregularities

सीएम भूपेश का स्काई वॉक पर बयान : रायपुर स्काईवॉक में जांच के आदेश को लेकर भाजपा के आरोप को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि '' अभी जांच भी शुरू नहीं हुई है और पूर्व मंत्री राजेश मूणत कह रहे हैं कि मुझे फंसाया जा रहा है और मुझे ये कहा जा रहा था कि ईडी का सहयोग करो . अब जब खुद पर आई है बताइए तो भाषा बदल गई. अब उन्हें सहयोग करना चाहिए.''Raipur sky walk construction irregularities

पहले दिन से कर रहे विरोध : आरटीआई एक्टिविस्ट कुणाल शुक्ला RTI activist Kunal Shukla का आरोप है कि ''स्काई वॉक भ्रष्टाचार की मूरत और भ्रष्टाचार की इमारत है. शहर में फ्लाईओवर के लिए दो बार लाखों रुपए निकाले गए. उसके बाद पूरे प्लान को चेंज कर कमीशन के लिए स्काईवॉक बनाने का निर्णय लिया गया. दुनिया में स्काई वॉक का चलन समाप्त हो रहा है, लेकिन कमीशन के चक्कर में रमन सिंह और राजेश मूणत ने स्काई वॉक थोप दिया. इसके लिए ना कोई सर्वे कराया गया और ना ही सेंट्रल जेल अथॉरिटी की एनओसी ली गई. शहर के नागरिकों की राय जानने की भी कोशिश नहीं की गई. हम पहले दिन से यह मांग कर रहे थे कि इसमें टैक्सपेयर के पैसों की बर्बादी हुई है और उसकी वसूली रमन सिंह और राजेश मूणत से की जाए.''

ये भी पढ़ें- रायपुर में ड्रग्स पैडलर्स गिरफ्तार

दो बार टेंडर कर भ्रष्टाचार : छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर Chhattisgarh Congress spokesperson Dhananjay Singh Thakur ने बताया कि '' भाजपा को यह बताना चाहिए कि 37 करोड़ का प्रोजेक्ट 1 महीने में 67 करोड़ कैसे पहुंच गया. उस भ्रष्टाचार में कौन कौन शामिल हैं. भारतीय जनता पार्टी अपने भ्रष्टाचार और काले कारनामे से नहीं बच सकती. भ्रष्टाचार करने के लिए स्काई वॉक का निर्माण कराया जा रहा था. इसकी शिकायत लगातार की जा रही थी. आज सरकार ने उसी स्काई वॉक की जांच कराने का निर्णय लिया है. बहुत जल्द उसके भ्रष्टाचार भ्रष्टाचारी सलाखों के पीछे होंगे. प्रदेश की जनता के सामने रमन सरकार का बड़ा भ्रष्टाचार उजागर होने वाला है.''

स्काई वॉक पर सरकार का मत : छत्तीसगढ़ में सत्ता बदलते ही कांग्रेस सरकार ने स्काई वॉक को गिराने या फिर अधूरे काम को पूरा करने को लेकर एक समिति बनाई. कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा MLA Satyanarayan Sharma की अध्यक्षता में कमेटी ने स्काई वॉक को लेकर लोगों से राय मशविरा किया. उन्होंने 22 सदस्यीय कमेटी के साथ पीडब्ल्यूडी और विशेषज्ञों की स्काई वॉक पर बैठक ली थी. बैठक के बाद ये फैसला लिया गया था कि स्काई वॉक को तोड़ा नहीं जाएगा. अब तक स्काई वॉक को बनाने में 45 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं. अब 31 करोड़ रुपए खर्च कर इस अधूरे निर्माण कार्य को पूरा किया जा सकता है.

रायपुर : छत्तीसगढ़ शासन Government of Chhattisgarh ने स्काई वॉक निर्माण मामले को लेकर प्रथम दृष्टया अनियमितता पाए जाने पर इसकी जांच एसीबी और ईओडब्ल्यू (EOW) को सौंपने का निर्णय लिया है. शुरुआती जांच में यह पाया गया कि 77 करोड़ की परियोजना में जान बूझकर 2 बार प्राक्कलन estimate तैयार किया गया ताकि PFIC से मंजूरी की आवश्यकता न रहे. PFIC के माध्यम से किसी भी परियोजना के जनहित के संबंध में परीक्षण किया जाता है. लेकिन स्काई वॉक बनाने के लिए ऐसा नहीं किया गया. Skywalk construction irregularities in raipur है.

निर्माण में आचार संहिता का भी उल्लंघन : विधानसभा निर्वाचन 2018 की अधिसूचना जारी रहने के दौरान ही छत्तीसगढ़ लोक निर्माण विभाग ने पुनरीक्षण प्रस्ताव तैयार कर 5 दिसम्बर 2018 को वित्त विभाग को भेजा. यह आचार संहिता का स्पष्ट उल्लंघन है.

कब हुआ था टेंडर जारी : पीडब्ल्यूडी विभाग ने स्काई वॉक बनाने के लिए पहला टेंडर 4 फरवरी 2017 को जारी किया था. टेंडर के लिए सिर्फ 15 दिन का वक्त दिया गया. 4 फरवरी तक वित्त विभाग से प्रशासकीय स्वीकृति भी नहीं मिली थी. 15 दिनों में निविदा के लिए कोई आवश्यकता और औचित्य नहीं दर्शाया गया है, न सक्षम स्वीकृति ली गई.Raipur sky walk construction irregularities

सीएम भूपेश का स्काई वॉक पर बयान : रायपुर स्काईवॉक में जांच के आदेश को लेकर भाजपा के आरोप को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि '' अभी जांच भी शुरू नहीं हुई है और पूर्व मंत्री राजेश मूणत कह रहे हैं कि मुझे फंसाया जा रहा है और मुझे ये कहा जा रहा था कि ईडी का सहयोग करो . अब जब खुद पर आई है बताइए तो भाषा बदल गई. अब उन्हें सहयोग करना चाहिए.''Raipur sky walk construction irregularities

पहले दिन से कर रहे विरोध : आरटीआई एक्टिविस्ट कुणाल शुक्ला RTI activist Kunal Shukla का आरोप है कि ''स्काई वॉक भ्रष्टाचार की मूरत और भ्रष्टाचार की इमारत है. शहर में फ्लाईओवर के लिए दो बार लाखों रुपए निकाले गए. उसके बाद पूरे प्लान को चेंज कर कमीशन के लिए स्काईवॉक बनाने का निर्णय लिया गया. दुनिया में स्काई वॉक का चलन समाप्त हो रहा है, लेकिन कमीशन के चक्कर में रमन सिंह और राजेश मूणत ने स्काई वॉक थोप दिया. इसके लिए ना कोई सर्वे कराया गया और ना ही सेंट्रल जेल अथॉरिटी की एनओसी ली गई. शहर के नागरिकों की राय जानने की भी कोशिश नहीं की गई. हम पहले दिन से यह मांग कर रहे थे कि इसमें टैक्सपेयर के पैसों की बर्बादी हुई है और उसकी वसूली रमन सिंह और राजेश मूणत से की जाए.''

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दो बार टेंडर कर भ्रष्टाचार : छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर Chhattisgarh Congress spokesperson Dhananjay Singh Thakur ने बताया कि '' भाजपा को यह बताना चाहिए कि 37 करोड़ का प्रोजेक्ट 1 महीने में 67 करोड़ कैसे पहुंच गया. उस भ्रष्टाचार में कौन कौन शामिल हैं. भारतीय जनता पार्टी अपने भ्रष्टाचार और काले कारनामे से नहीं बच सकती. भ्रष्टाचार करने के लिए स्काई वॉक का निर्माण कराया जा रहा था. इसकी शिकायत लगातार की जा रही थी. आज सरकार ने उसी स्काई वॉक की जांच कराने का निर्णय लिया है. बहुत जल्द उसके भ्रष्टाचार भ्रष्टाचारी सलाखों के पीछे होंगे. प्रदेश की जनता के सामने रमन सरकार का बड़ा भ्रष्टाचार उजागर होने वाला है.''

स्काई वॉक पर सरकार का मत : छत्तीसगढ़ में सत्ता बदलते ही कांग्रेस सरकार ने स्काई वॉक को गिराने या फिर अधूरे काम को पूरा करने को लेकर एक समिति बनाई. कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा MLA Satyanarayan Sharma की अध्यक्षता में कमेटी ने स्काई वॉक को लेकर लोगों से राय मशविरा किया. उन्होंने 22 सदस्यीय कमेटी के साथ पीडब्ल्यूडी और विशेषज्ञों की स्काई वॉक पर बैठक ली थी. बैठक के बाद ये फैसला लिया गया था कि स्काई वॉक को तोड़ा नहीं जाएगा. अब तक स्काई वॉक को बनाने में 45 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं. अब 31 करोड़ रुपए खर्च कर इस अधूरे निर्माण कार्य को पूरा किया जा सकता है.

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