रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रायपुर असम दौरे पर हैं. असम रवाना होने से पहले उन्होंने मीडिया से चर्चा की है. इस दौरान उन्होंने केंद्रीय बजट में पेश किए गए पेट्रोल और डीजल पर सेस को वापस लेने की मांग की है.
उन्होंने कहा कि सेस लगाए जाने से राज्य पर अतिरिक्त दबाव बढ़ेगा. साथ ही राज्यों को हक की राशि भी नहीं मिल पाएगी. इसलिए सेस वापस लिया जाना चाहिए. केंद्रीय बजट में कृषि सेस लगये जाने की घोषणा की गई थी. पेट्रोल-डीजल पर कृषि सेस लगाया गया है. पेट्रोल पर प्रति लीटर 2.50 रुपये और डीजल पर प्रति लीटर 4 रुपये का कृषि सेस लगाया गया है.
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पेट्रोल और डीजल पर लगाया गया कृषि सेस
पेट्रोल-डीजल पर कृषि सेस लगाए जाने के साथ ही मौलिक उत्पाद शुल्क (बीईडी) और विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (एसएईडी) को कम किया गया है. इसके कारण कृषि सेस का भार ग्राहकों पर नहीं पड़ेगा. अब अनब्रान्डेड पेट्रोल और डीजल पर 1.4 रुपये और 1.8 रुपये प्रति लीटर का बीईडी लगेगा. वहीं अनब्रांडेड पेट्रोल और डीजल पर एसएईडी को 11 रुपये और 8 रुपये प्रति लीटर बीईडी लगेगा.
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क्या होता है सेस?
सेस का मतलब होता है टैक्स के ऊपर लगाया जाने वाला टैक्स. सेस आमतौर पर विशिष्ट उद्देश्यों के लिए लगाया जाता है. इसका उद्देश्य पूरा हो जाने पर इसे समाप्त भी कर दिया जाता है. सेस से मिलने वाली राशि को भारत सरकार अन्य राज्य सरकारों के साथ नहीं बांटती है. सेस को लगाने का उद्देश्य केवल किसी विशेष उद्देश्य, सेवा या क्षेत्र को विकसित करना होता है.