रायपुर/नई दिल्लीः भारत सरकार द्वारा लाए गए मोटर व्हीकल एक्ट-2019 की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आलोचना की है. उन्होंने कहा कि इसे लागू करने या बिल पास करने के पहले केंद्र ने राज्यों से उनकी सहमति नहीं मांगी. केंद्र को राज्यों के साथ पहले इसे लेकर चर्चा करनी चाहिए थी.
सीएम बघेल ने कहा कि गुजरात ने इसे उसी रूप में लागू करने से इंकार कर दिया है. हमने ट्रांसपोर्ट व लॉ डिपार्टमेंट को इस बारे में अध्ययन करने के लिए कहा है. इस एक्ट में तीन बिंदूओं पर हमें एतराज है. पहला इसमें प्रस्तावित फाइन बहुत ज्यादा है. दूसरी बात यदि किसी व्यक्ति के नाम पर गाड़ी का रजिस्ट्रेशन है और उसकी संतान से कोई दुर्घटना हुई है तो पिता को जेल भेजने का प्रस्ताव है, जो पूरी तरह गलत है. वहीं लाल बत्ती क्रास करने को लेकर बेगारी का प्रस्ताव है ऐसे में सरकार दोबारा बेगारी का कानून लागू कर रही है जो बहुत पहले खत्म हो चुका है.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ये नीति बिल्कुल भी उचित नहीं है. इसे लोकसभा में पास करा लिया गया लेकिन इस पर सदन में कोई चर्चा नहीं की गई. चूंकि ये पूरे देश को प्रभावित करने वाला मामला है, इस मुद्दे पर मीडिया के माध्यम से आम लोगों से बातचीत कर उनकी राय लेनी चाहिए थी.
बता दें कि भारत सरकार द्वारा लाया गया मोटर व्हीकल एक्ट-2019 छत्तीसगढ़ में भी 1 सितंबर से प्रभावित हो गया है, लेकिन प्रदेश सरकार ने वाहन चालकों को इसमें विशेष राहत दी है. इसके तहत समझौता शुल्क की दरें पहले की तरह की प्रभावित रहेंगी.