रायपुर: केंद्रीय जीएसटी टीम (Central GST team)ने राजधानी रायपुर में बड़ी कार्रवाई की है. रायपुर टीम को सूचना मिली थी कि मैसर्स टोपिस्टो प्रोडक्ट प्राइवेट लिमिटेड की ओर से किसी भी प्रकार के माल या सेवाओं की आपूर्ति किए बिना बड़े पैमाने पर फर्जी बिल बनाने और नकली इनपुट टैक्स क्रेडिट किया (Central GST team arrested accused) जा रहा है. इसके बाद टीम ने वहां दबिश देकर कार्रवाई की है. accused of GST evasion
जांच में हुआ खुलासा: जांच में पता चला कि कंपनी के निदेशक मो तबरेज अमदानी और चार्टेड एकाउंटेड ने मिलकर फर्जी फर्मों का समूह बनाया है. इन फर्मों के समूह के माध्यम से तबरेज और तिवारी ने 114.70 करोड़ रुपये का नकली इनपुट टैक्स क्रेडिट बनाया. इसके बाद किसी भी प्रकार के माल और सेवाओं की आपूर्ति किए बिना 1.92 करोड़ रुपये का नकली क्रेडिट कई फर्मों को पारित किया. इसके साथ ही 112.78 करोड़ रुपये के फर्जी आईटीसी और पारित करने की योजना बना रहे थे. लेकिन सीजीएसटी रायपुर आयुक्त की त्वरित और समय पर की गई कार्रवाई के कारण वे ऐसा करने में विफल रहे. raipur crime news
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आरोपियों को 14 दिनों की रिमांड पर भेजा: सीजीएसटी आयुक्त अतुल गुप्ता ने बताया कि "दोनों आरोपियों को केंद्रीय टीम ने सीजीएसटी 2017 की धारा 69 (1) के प्रावधान के तहत गिरफ्तार किया है. दोनों को अदालत के समक्ष पेश किया गया. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने आरोपियों को 14 दिनों की रिमांड पर भेजा है."
सीजीएसटी रायपुर ने कर चोरी करने वालों पर कसा शिकंजा: सीजीएसटी आयुक्त अतुल गुप्ता आगे बताते हैं कि "पहले भी सीजीएसटी रायपुर ने कर चोरी करने वालों के खिलाफ और विशेष रुप से फर्जी बिलिंग के कारोबार में शामिल करदाताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है. इन गिरफ्तारियों के साथ जीएसटी लागू होने के बाद सीजीएसटी रायपुर आयुक्तालय की ओर से गिरफ्तार किए गए आरोपियों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है.