रायपुर: प्रदेश में लगातार हो रही बेमौसम बरसात की वजह से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. इसका सबसे ज्यादा असर किसानों पर पड़ा है. जहां एक और उनके खेतों में रखा हुआ धान खराब हो गया है, तो वहीं चना, मसूर जैसी रबी की फसल भी बर्बाद हो गई है. साथ ही सब्जी की फसलों पर भी इसका खासा असर देखने को मिला है, जिसकी वजह से सरकार की भी मुश्किलें बढ़ गई हैं.
इन्हीं सब मुद्दों पर जब ETV भारत की टीम ने कृषि मंत्री रविंद्र चौबे से खास बातचीत की. इस दौरान रविंद्र चौबे से जब सवाल किया गया कि किसानों को धान का समर्थन मूल्य 2500 रुपए दिए जाने का वादा तो आप ने किया था, लेकिन अब तक देने में नाकाम रहे हैं. जिसके जवाब में मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि 'हर बात बताई नहीं जाती है, इस काम में केंद्र सरकार अडंगा लगा रही है'.
'अलग से रखी गई है समर्थन मूल्य की राशि'
मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि 'हम आज किसानों को 2500 रुपए धान का समर्थन मूल्य दे देंगे, तो केंद्र सरकार कल से चावल लेना बंद कर देगी. इसलिए हमें दोनों पक्षों का ध्यान रखना होता है'. उन्होंने बताया कि 'किसानों को 2500 रुपए धान का समर्थन मूल्य देने के लिए 5000 करोड़ की राशि अलग से निकाल कर रखी गई है'.
सभी इंश्योरेंस कंपनियों को सरकार ने दिए निर्देश
साथ ही रविंद्र चौबे से जब बेमौसम बारिश की वजह से फसल बर्बाद होने और धान संग्रहण केंद्र में धान खराब होने को लेकर सवाल किया , तो उन्होंने कहा के 'इस बेमौसम बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है. साथ ही सरकार की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं'. उन्होंने कहा कि 'सभी इंश्योरेंस कंपनियों को सरकार ने निर्देश दिए हैं कि बारिश थमते ही किसानों की फसल का सर्वे किया जाए'.
'किसानों को मुआवजा देने की तैयारी कर रही सरकार'
कृषि मंत्री ने कहा कि 'पात्रता रखने वाले किसानों को इंश्योरेंस की राशि का भुगतान किया जाए', इसके अलावा उन्होंने 'जिला कलेक्टर को भी किसानों को मुआवजा दिए जाने के निर्देश जारी किए हैं'. किसानों को इंश्योरेंस की राशि पाने में आने वाली दिक्कतों को लेकर चौबे ने कहा कि, 'किसानों को कोई परेशानी नहीं होगी, पिछले साल सरकार ने प्रीमियम राशि से डेढ़ गुना ज्यादा राशि किसानों को भुगतान कराया था'.
कृषि मंत्री ने दिया किसानों को आश्वासन
बता दें कि लगातार हो रही बारिश की वजह से जहां एक और किसान परेशान हैं, तो वहीं शासन-प्रशासन की भी नींद उड़ गई है कि वे इस समस्या से निपटने किस तरह के उपाय करें अब देखने वाली बात है कि कृषि मंत्री यह आश्वासन किसानों को कितनी राहत पहुंचाती है.