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SPECIAL: शिक्षक पदों के लिए अभ्यार्थियों की अर्जी, कब होगी हमारी भर्ती

प्रदेश में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया वैसे ही शुरू से विवादों में रही है. अब इसमें एक और विवाद जुड़ गया है. राज्य सरकार के दोबारा सत्यापन कराने को लेकर शिक्षक अभ्यार्थियों ने नाराजगी जताई है.

candidates demanded the government to recruit teachers
शिक्षक भर्ती की मांग
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Published : Sep 29, 2020, 9:48 PM IST

Updated : Sep 29, 2020, 11:41 PM IST

रायपुर: शिक्षक भर्ती के मामले में छत्तीसगढ़ में विवाद का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है. प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग के विभिन्न वर्गों में 14 हजार 580 पदों पर शिक्षकों की भर्ती होनी है. इसे लेकर अभ्यर्थियों ने जल्द ही भर्ती प्रकिया को पूरा करने को लेकर आंदोलन भी किया था. सड़क पर उतरकर गिरफ्तारी भी दी थी. साथ ही इन पर एफआईआर भी हुई. लेकिन बाद में राज्य सरकार ने इनकी भर्ती को लेकर जल्द से जल्द आदेश निकाल दिया. अब शिक्षक भर्ती के मामले में स्कूल शिक्षा विभाग ने एक बार फिर अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन कराने का आदेश जारी कर दिया है. इसे लेकर अभ्यर्थियों में खासी नाराजगी है. क्योंकि बीते साल 2019 में शिक्षक भर्ती करने के लिए हुई तमाम प्रक्रियाओं में अभ्यर्थियों का सत्यापन भी किया जा चुका है. ऐसे में दोबारा सत्यापन कराना अभ्यर्थियों के लिए परेशानी का सबब ही बन गया है.

शिक्षक भर्ती की मांग

अभ्यर्थियों की सूची तैयार हो चुकी है. अब अफसरों का कहना है कि दोबारा कागजात जांच कराने में अभ्यर्थियों को आपत्ति नहीं होनी चाहिए. दूसरी ओर तमाम अभ्यर्थियों का कहना है कि फिर से पूरी प्रक्रिया होने से भर्ती में देरी होगी. प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शिक्षकों की भर्ती जल्द से जल्द करने का निर्देश दे रहे हैं और स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी इस तरह का आदेश निकाल रहे हैं.

मार्च 2019 में जारी हुआ था विज्ञापन

दरअसल स्कूल शिक्षा विभाग ने विभिन्न वर्गों में 14 हजार 580 पदों पर, शिक्षकों की भर्ती के लिए मार्च 2019 में विज्ञापन जारी किया गया था. व्यवसायिक परीक्षा मंडल ने मई में परीक्षा ली थी. विभिन्न वर्गों के परिणाम 30 सितंबर से लेकर 22 नवंबर 2019 तक जारी किए गए थे. फिर विभाग ने व्यापम की मेरिट सूची के आधार पर अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन किया था. इसके बाद चयन सूची के आधार पर नियुक्ति होनी थी. कोरोना के कारण भर्ती प्रक्रिया रोकने पर अभ्यर्थियों ने सरकार के खिलाफ आंदोलन भी किया था. अब विभाग ने भर्ती को लेकर नए सिरे से दिशा-निर्देश जारी किए हैं. नियुक्ति के लिए 8 बिंदू तय किए गए हैं. नियुक्ति के आदेश अलग-अलग जारी होंगे और वरिष्ठता का निर्धारण व्यापम की मेरिट सूची के आधार पर होगा.

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दोबारा सभी प्रक्रिया से गुजरना होगा

शिक्षक भर्ती को लेकर लंबे समय से आंदोलन कर रहे तमाम अभ्यर्थियों का मानना है कि एक बार सत्यापन हो चुका है. बस्तर से लेकर सरगुजा तक के तमाम अभ्यर्थियों ने रायपुर आकर अपने दस्तावेजों का सत्यापन कराया था. इस दौरान उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना भी करना पड़ा था. अब दोबारा इन प्रक्रियाओं को लेकर आदेश जारी किया जा रहा है. इस आदेश के मुताबिक एक बार फिर अभ्यर्थियों को कार्यालय में बुलाकर दस्तावेजों का सत्यापन किया जाएगा. प्रदेश में कोरोना के हालात बेकाबू हो रहे हैं. ऐसे में तमाम अभ्यर्थियों को दोबारा इन दस्तावेजों का सत्यापन कराना बेहद मुश्किल काम होगा.

समर्थन में आए कई संगठन

शिक्षक भर्ती को लेकर तमाम कर्मचारी संगठन भी समर्थन में आ गए हैं. प्रदेश के संविदा कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि राज्य सरकार शिक्षकों की नियमित भर्ती करने जा रही है. इसका हम स्वागत करते हैं. लेकिन दोबारा सत्यापन करनाकर अभ्यर्थियों को परेशान किया जा रहा है. यह बेहद ही दुखद है. बीते दिनों जब शिक्षक भर्ती की मांग को लेकर अभ्यर्थी प्रदर्शन कर रहे थे. तो उन पर एफआईआर दर्ज किया गया. जो कि बहुत ही गलत फैसला था. अब दोबारा सत्यापन कराना केवल भर्ती प्रक्रिया को टालना और अभ्यर्थियों को परेशान करने जैसा लग रहा है.

2014 से पहले टीईटी करने वाले हो जाएंगे अपात्र

राज्य में शिक्षकों की भर्ती के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा टीईटी (Teacher eligibility test) पास करना जरूरी है. 5 साल बाद टीईटी की बाध्यता समाप्त हो जाती है. ऐसे में साल 2014 के पहले की टीमें सफल अभ्यर्थी प्रक्रिया में देरी होने से अपात्र हो जाएंगे. क्योंकि शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया 2019 में ही पूरी की जा चुकी है. अब अगर दस्तावेजों का सत्यापन नए सिरे से किया जाता है, ऐसे में 1 साल देरी होने से कई अभ्यर्थियों को सरकार इस दौड़ से बाहर करना चाहती है.

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शिक्षक भर्ती से जुड़े कुछ आंकड़े

  • कुल पदों की संख्या- 14 हजार 580
  • व्याख्याता शिक्षक - 3 हजार 177
  • सहायक शिक्षक - 4 हजार
  • शिक्षक - 5 हजार 441
  • प्रयोगशाला शिक्षक - 1 हजार 200
  • अंग्रेजी माध्यम शिक्षक - 456
  • अंग्रेजी कला शिक्षक - 306

पहले हो चुकी है प्रक्रिया

  • परीक्षा परिणाम 1 अक्टूबर 2019 से लेकर 21 नवंबर 2019 तक
  • मेरिट लिस्ट वेरिफिकेशन 5 नवंबर 2019 से लेकर 5 फरवरी 2020 तक
  • दावा आपत्ति 25 नवंबर 2019 से लेकर 30 नवंबर 2019 तक

पहले भी कई तरह के विवाद रहे हैं

छत्तीसगढ़ में शिक्षक भर्ती को लेकर कई विवाद सामने आ चुके हैं. पहला विवाद इंजीनियरिंग के अभ्यर्थियों को लेकर है. दरअसल व्यापमं ने जब आवेदन मंगाया था, तब इंजीनियरिंग के छात्रों को स्वीकार किया गया था. बाद में यह कहकर उन्हें बाहर कर दिया गया कि इंजीनियरिंग के विषय को गणित के रूप में स्कूलों में शामिल नहीं किया जा सकता है. तब अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. मामला अभी हाईकोर्ट में ही लंबित है. इसी तरह से व्यायाम शिक्षक के लिए भी 12वीं पास जरूर होना बताया गया था. इसे लेकर विवाद की स्थिति बनी हुई है. क्योंकि पहले के व्यायाम शिक्षक स्नातक स्तर के हैं.

रायपुर: शिक्षक भर्ती के मामले में छत्तीसगढ़ में विवाद का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है. प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग के विभिन्न वर्गों में 14 हजार 580 पदों पर शिक्षकों की भर्ती होनी है. इसे लेकर अभ्यर्थियों ने जल्द ही भर्ती प्रकिया को पूरा करने को लेकर आंदोलन भी किया था. सड़क पर उतरकर गिरफ्तारी भी दी थी. साथ ही इन पर एफआईआर भी हुई. लेकिन बाद में राज्य सरकार ने इनकी भर्ती को लेकर जल्द से जल्द आदेश निकाल दिया. अब शिक्षक भर्ती के मामले में स्कूल शिक्षा विभाग ने एक बार फिर अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन कराने का आदेश जारी कर दिया है. इसे लेकर अभ्यर्थियों में खासी नाराजगी है. क्योंकि बीते साल 2019 में शिक्षक भर्ती करने के लिए हुई तमाम प्रक्रियाओं में अभ्यर्थियों का सत्यापन भी किया जा चुका है. ऐसे में दोबारा सत्यापन कराना अभ्यर्थियों के लिए परेशानी का सबब ही बन गया है.

शिक्षक भर्ती की मांग

अभ्यर्थियों की सूची तैयार हो चुकी है. अब अफसरों का कहना है कि दोबारा कागजात जांच कराने में अभ्यर्थियों को आपत्ति नहीं होनी चाहिए. दूसरी ओर तमाम अभ्यर्थियों का कहना है कि फिर से पूरी प्रक्रिया होने से भर्ती में देरी होगी. प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शिक्षकों की भर्ती जल्द से जल्द करने का निर्देश दे रहे हैं और स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी इस तरह का आदेश निकाल रहे हैं.

मार्च 2019 में जारी हुआ था विज्ञापन

दरअसल स्कूल शिक्षा विभाग ने विभिन्न वर्गों में 14 हजार 580 पदों पर, शिक्षकों की भर्ती के लिए मार्च 2019 में विज्ञापन जारी किया गया था. व्यवसायिक परीक्षा मंडल ने मई में परीक्षा ली थी. विभिन्न वर्गों के परिणाम 30 सितंबर से लेकर 22 नवंबर 2019 तक जारी किए गए थे. फिर विभाग ने व्यापम की मेरिट सूची के आधार पर अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन किया था. इसके बाद चयन सूची के आधार पर नियुक्ति होनी थी. कोरोना के कारण भर्ती प्रक्रिया रोकने पर अभ्यर्थियों ने सरकार के खिलाफ आंदोलन भी किया था. अब विभाग ने भर्ती को लेकर नए सिरे से दिशा-निर्देश जारी किए हैं. नियुक्ति के लिए 8 बिंदू तय किए गए हैं. नियुक्ति के आदेश अलग-अलग जारी होंगे और वरिष्ठता का निर्धारण व्यापम की मेरिट सूची के आधार पर होगा.

रायपुर : कृषि कानून के विरोध में कांग्रेस का हल्ला बोल, राजभवन तक निकाला पैदल मार्च

दोबारा सभी प्रक्रिया से गुजरना होगा

शिक्षक भर्ती को लेकर लंबे समय से आंदोलन कर रहे तमाम अभ्यर्थियों का मानना है कि एक बार सत्यापन हो चुका है. बस्तर से लेकर सरगुजा तक के तमाम अभ्यर्थियों ने रायपुर आकर अपने दस्तावेजों का सत्यापन कराया था. इस दौरान उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना भी करना पड़ा था. अब दोबारा इन प्रक्रियाओं को लेकर आदेश जारी किया जा रहा है. इस आदेश के मुताबिक एक बार फिर अभ्यर्थियों को कार्यालय में बुलाकर दस्तावेजों का सत्यापन किया जाएगा. प्रदेश में कोरोना के हालात बेकाबू हो रहे हैं. ऐसे में तमाम अभ्यर्थियों को दोबारा इन दस्तावेजों का सत्यापन कराना बेहद मुश्किल काम होगा.

समर्थन में आए कई संगठन

शिक्षक भर्ती को लेकर तमाम कर्मचारी संगठन भी समर्थन में आ गए हैं. प्रदेश के संविदा कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि राज्य सरकार शिक्षकों की नियमित भर्ती करने जा रही है. इसका हम स्वागत करते हैं. लेकिन दोबारा सत्यापन करनाकर अभ्यर्थियों को परेशान किया जा रहा है. यह बेहद ही दुखद है. बीते दिनों जब शिक्षक भर्ती की मांग को लेकर अभ्यर्थी प्रदर्शन कर रहे थे. तो उन पर एफआईआर दर्ज किया गया. जो कि बहुत ही गलत फैसला था. अब दोबारा सत्यापन कराना केवल भर्ती प्रक्रिया को टालना और अभ्यर्थियों को परेशान करने जैसा लग रहा है.

2014 से पहले टीईटी करने वाले हो जाएंगे अपात्र

राज्य में शिक्षकों की भर्ती के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा टीईटी (Teacher eligibility test) पास करना जरूरी है. 5 साल बाद टीईटी की बाध्यता समाप्त हो जाती है. ऐसे में साल 2014 के पहले की टीमें सफल अभ्यर्थी प्रक्रिया में देरी होने से अपात्र हो जाएंगे. क्योंकि शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया 2019 में ही पूरी की जा चुकी है. अब अगर दस्तावेजों का सत्यापन नए सिरे से किया जाता है, ऐसे में 1 साल देरी होने से कई अभ्यर्थियों को सरकार इस दौड़ से बाहर करना चाहती है.

कृषि कानून के खिलाफ रायपुर में कांग्रेस का प्रदर्शन, मंत्री अनिला भेड़िया और बालोद विधायक मार्च में हुए शामिल

शिक्षक भर्ती से जुड़े कुछ आंकड़े

  • कुल पदों की संख्या- 14 हजार 580
  • व्याख्याता शिक्षक - 3 हजार 177
  • सहायक शिक्षक - 4 हजार
  • शिक्षक - 5 हजार 441
  • प्रयोगशाला शिक्षक - 1 हजार 200
  • अंग्रेजी माध्यम शिक्षक - 456
  • अंग्रेजी कला शिक्षक - 306

पहले हो चुकी है प्रक्रिया

  • परीक्षा परिणाम 1 अक्टूबर 2019 से लेकर 21 नवंबर 2019 तक
  • मेरिट लिस्ट वेरिफिकेशन 5 नवंबर 2019 से लेकर 5 फरवरी 2020 तक
  • दावा आपत्ति 25 नवंबर 2019 से लेकर 30 नवंबर 2019 तक

पहले भी कई तरह के विवाद रहे हैं

छत्तीसगढ़ में शिक्षक भर्ती को लेकर कई विवाद सामने आ चुके हैं. पहला विवाद इंजीनियरिंग के अभ्यर्थियों को लेकर है. दरअसल व्यापमं ने जब आवेदन मंगाया था, तब इंजीनियरिंग के छात्रों को स्वीकार किया गया था. बाद में यह कहकर उन्हें बाहर कर दिया गया कि इंजीनियरिंग के विषय को गणित के रूप में स्कूलों में शामिल नहीं किया जा सकता है. तब अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. मामला अभी हाईकोर्ट में ही लंबित है. इसी तरह से व्यायाम शिक्षक के लिए भी 12वीं पास जरूर होना बताया गया था. इसे लेकर विवाद की स्थिति बनी हुई है. क्योंकि पहले के व्यायाम शिक्षक स्नातक स्तर के हैं.

Last Updated : Sep 29, 2020, 11:41 PM IST
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