रायपुर: आज के समय में कैंसर दुनियाभर में एक बड़ी समस्या बनकर उभर रहा है. अधिकतर लोग जागरूकता की कमी होने की वजह से लास्ट स्टेज पर अस्पताल पहुंचते हैं. इस वजह से उनको बचाना भी मुश्किल होता है. इसको देखते हुए ही 7 नवंबर को राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस देश में मनाया जाता है. ताकि लोगों को कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी के बारे में लोगों को जागरूक कर सकें. कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसमें असामान्य कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ती है. शरीर में अपने आसपास के हिस्सों पर आक्रमण करने या अन्य अंगों में फैलने के लिए अपनी सामान्य सीमाओं को पार कर जाती हैं. इस बीमारी में अंतिम अवस्था को मेटास्टेसिज़िंग (Metastasizing) कहा जाता है और यह कैंसर से मृत्यु का एक प्रमुख कारण है.
रायपुर में ऐसे कई हॉस्पिटल है, जहां कैंसर के इलाज संभव है. रायपुर एम्स, मेकाहारा जैसे सरकारी हॉस्पिटल है, जहां कैंसर का इलाज हो रहा है. इसके साथ ही सरकारी अस्पताल में अलग से कैंसर डिपार्टमेंट भी बनाया गया है जहां पर कैंसर के मरीजों का इलाज होता है. साथ ही रायपुर में ऐसे कई प्राइवेट अस्पताल भी हैं, जो कैंसर का इलाज करते हैं.
मैमोग्राफी की सुविधा
मेकाहारा डिपार्टमेंट कैंसर डिपार्टमेंट (Mekahara Department Cancer Department) के डॉ. प्रदीप जैन ने बताया कि सबसे पहले हम बात करते हैं कि अगर कोई कैंसर का मरीज हॉस्पिटल आता है तो उसकी स्क्रीनिंग कैसे करेंगे तो उसकी स्क्रीनिंग करने के लिए जो हमारे पास सुविधा है. जैसे मान लीजिए किसी को ब्रेस्ट कैंसर है उसके लिए हमारे यहां मैमोग्राफी की सुविधा (Mammography Facility) है. इसके अलावा MRI और सोनोग्राफी भी होती है. वह भी हमारे यहां अवेलेबल है. दूसरा जो फीमेल में इंपोर्टेंट कैंसर है. वह सर्वाइकल कैंसर है. सर्वाइकल कैंसर के लिए बेसिकली स्क्रीनिंग होती है. इसमें सबसे पहले पैप टेस्ट होता है. इसकी भी सुविधा हमारे यहां है और बाकी सारी सुविधा भी रायपुर के मेकाहारा हॉस्पिटल में कैंसर के मरीजों के लिए उपलब्ध है.
रायपुर के अस्पतालों में कैंसर के मरीज हर साल बढ़ रहे हैं. ज्यादातर छत्तीसगढ़ के लोगों में गले का कैंसर देखा जाता है. वहीं महिलाओं में ज्यादातर सर्वाइकल कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर देखने को मिलता है. इसके अलावा लंग कैंसर, किडनी कैंसर, आहार नली के कैंसर ज्यादातर देखने को मिलते हैं.
कैंसर को ट्रीट करने के तीन ही तरीके हैं, जोकि रायपुर के मेकाहारा हॉस्पिटल में किए जाते हैं. सबसे पहली विधा जिसको रेडियोथैरेपी कहा जाता ह. दूसरे प्रोसीजर को अंगोसर्जरी कहा जाता है और तीसरा है कीमो थेरेपी यह सारी हमारे यहां होती है. इसके अलावा कुछ टारगेटेड थेरेपी भी की जाती है वह सब हमारे यहां अवेलेबल है.
5 सालों में रायपुर एम्स में कैंसर मरीजों की संख्या बढ़ी है.
साल | पेशेंट |
2015 | 428 |
2016 | 749 |
2017 | 1,255 |
2018 | 1,488 |
2019 | 1,750 |
छत्तीसगढ़ में 6 सालों में हुई कैंसर से मौत
साल | मौतें |
2014 | 14,472 |
2015 | 15,231 |
2016 | 16,030 |
2017 | 16,868 |
2018 | 17,751 |
2019 | 18,000 |
कैंसर के लक्षण
• अचानक दर्द और थकान
• लंबे समय तक खाने को निगलने में कठिनाई
• धब्बे, तिल और त्वचा में बदलाव
• लार में खून आना
• वजन में अचानक बदलाव
• अत्याधिक खांसी और खांसी में खून की शिकायत