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कैब ड्राइवर्स की छिन गई रोजी-रोटी, परिवार चलाना भी हुआ दूभर

लॉकडाउन की वजह से हजारों कैब ड्राइवरों के पास रोजी रोटी की समस्या आकर खड़ी हो गई है. लॉकडाउन की वजह से पिछले कई दिनों से कैब ड्राइवर्स घऱ पर खाली बैठे हैं, जिससे उनकी रोजी रोटी की जरिया छिन गई है. अब परिवार पालना एक चुनौती बन गई है.

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छिन गई रोजी-रोटी
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Published : Apr 8, 2020, 9:34 PM IST

रायपुर: कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए 21 दिनों के लिए लॉकडाउन की घोषणा की गई है, लेकिन लॉकडाउन रोज कमाकर खाने वालों के लिए मुसीबत का सबब बन गया है. लॉकडाउन के ऐलान के बाद सड़कों पर निकलने पर रोक लगा दी गई है, जिसके कारण जो शहर में कैब ड्राइवर्स थे, उनके सामने परिवार चलाने की मुसीबत आ गई है. इस लॉकडाउन की वजह से 15 दिनों से कैब्स के थमे हुए हैं, जिससे इनके रोजी रोटी की जरिया भी छिन गई है.

छिन गई रोजी-रोटी

दिनभर जो कैब ड्राइवर गाड़ी चलाकर हजार से 2000 रोजाना कमा लेते थे, अब वह घर बैठ गए हैं. कैब ड्राइवरों की कमाई पूरी तरह से ठप पड़ गई है. इन कैब ड्राइवर की इतने समय में जमा की गई पूंजी भी अब खत्म हो चली है, जिससे घर चलाना अब उनके लिए संभव नहीं हो पा रहा है. बस कैसे गुजारा करें, यही चिंता सताने लगी है.

शहर में 10 हजार से ज्यादा कैब ड्राइवर्स परेशान

कैब ड्राइवर शैलेश कुमार ने बताया कि 'पिछले 2 हफ्ते से उनके कमाई का जरिया उनके घरों में बंद है. लॉकडाउन के बाद से सड़कें भी सूनसान है. कैब उनके घरों में बंद है. ऐसे में कैब वाले अपना घर कैसे चला रहे हैं, वह वही जानते हैं. उन्होंने बताया कि शहर में तकरीबन 8000 से 10000 हजार ओला डाइवर हैं, जिसमें 1000 से ज्यादा उबर ड्राइवर हैं, जिनके पास अब घर चलाना मुसीबत बन गया है.

लॉकडाउन खुलने का इंतजार

गौरतलब है कि कैब ड्राइवर को बस उस दिन का इंतजार है, जब यह लॉकडाउन खुलेगा और फिर वह अपनी गाड़ी लेकर शहरों के खुली सड़कों पर निकलेंगे, जिससे फिर कैब ड्राइवरों के चेहरे पर खुशी ती चमक दिखेगी.

रायपुर: कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए 21 दिनों के लिए लॉकडाउन की घोषणा की गई है, लेकिन लॉकडाउन रोज कमाकर खाने वालों के लिए मुसीबत का सबब बन गया है. लॉकडाउन के ऐलान के बाद सड़कों पर निकलने पर रोक लगा दी गई है, जिसके कारण जो शहर में कैब ड्राइवर्स थे, उनके सामने परिवार चलाने की मुसीबत आ गई है. इस लॉकडाउन की वजह से 15 दिनों से कैब्स के थमे हुए हैं, जिससे इनके रोजी रोटी की जरिया भी छिन गई है.

छिन गई रोजी-रोटी

दिनभर जो कैब ड्राइवर गाड़ी चलाकर हजार से 2000 रोजाना कमा लेते थे, अब वह घर बैठ गए हैं. कैब ड्राइवरों की कमाई पूरी तरह से ठप पड़ गई है. इन कैब ड्राइवर की इतने समय में जमा की गई पूंजी भी अब खत्म हो चली है, जिससे घर चलाना अब उनके लिए संभव नहीं हो पा रहा है. बस कैसे गुजारा करें, यही चिंता सताने लगी है.

शहर में 10 हजार से ज्यादा कैब ड्राइवर्स परेशान

कैब ड्राइवर शैलेश कुमार ने बताया कि 'पिछले 2 हफ्ते से उनके कमाई का जरिया उनके घरों में बंद है. लॉकडाउन के बाद से सड़कें भी सूनसान है. कैब उनके घरों में बंद है. ऐसे में कैब वाले अपना घर कैसे चला रहे हैं, वह वही जानते हैं. उन्होंने बताया कि शहर में तकरीबन 8000 से 10000 हजार ओला डाइवर हैं, जिसमें 1000 से ज्यादा उबर ड्राइवर हैं, जिनके पास अब घर चलाना मुसीबत बन गया है.

लॉकडाउन खुलने का इंतजार

गौरतलब है कि कैब ड्राइवर को बस उस दिन का इंतजार है, जब यह लॉकडाउन खुलेगा और फिर वह अपनी गाड़ी लेकर शहरों के खुली सड़कों पर निकलेंगे, जिससे फिर कैब ड्राइवरों के चेहरे पर खुशी ती चमक दिखेगी.

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