रायपुर: भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के बस्तर में आयोजित 3 दिवसीय शिविर में प्रदेश प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी (D Purandeshwar) सहित तमाम नेता शामिल हुए. इस दौरान डी पुरंदेश्वरी ने कार्यकर्ताओं को रिचार्ज करते हुए बयान दिया की बीजेपी के कार्यकर्ता पीछे मुड़कर थूक देंगे तो सरकार बह जाएगी. अब इस बयान को लेकर छत्तीसगढ़ की सियासत गरमा गई है.
सीएम भूपेश बघेल ने कहा है कि हमारी छत्तीसगढ़ महतारी सभी का सम्मान करती है. यहां पर्दा प्रथा नहीं है. छत्तीसगढ़ में हमेशा नारियों का सम्मान रहा है. मैं पुरंदेश्वरी को कुछ नहीं कहूंगा. बीजेपी की सबसे बड़ी चिंता किसान मुख्यमंत्री होना है और ये किसानों पर थूकने की बात कही है. उनके मन में कितनी घृणा है, यह दिख रही है.
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सीएम भूपेश बघेल ने यह भी कहा कि भाजपा के चिंतन में नक्सली समस्या, आदिवासियों की समस्या, शिक्षा, स्वास्थ्य की चिंता नहीं थी. उनकी चिंता थी धर्मान्तरण, ओबीसी को कैसे साधना है, आदिवासियों को कैसे साधना है?
वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने साधा निशाना
वन मंत्री मोहम्मद अकबर (Forest Minister Mohammad Akbar) ने कहा कि प्रदेश में बारिश नहीं होने से सूखे के हालात हैं, उस पर चिंतन करने के बजाय केवल घृणा व थूक की बात करते हैं. थूकने के लिए प्रेरित करना महामारी अधिनियम में दंडनीय अपराध है. हम किसान है, हमारे मन में घृणा नहीं है. आज 3 दिन बाद भी बीजेपी के तरफ से कोई खण्डन नहीं आया.
कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने भी घेरा
कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने भी भाजपा पर तीखा हमला किया. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की खनिज संपदा को केंद्र सरकार बेच रही है, उस पर चर्चा नहीं हुई. बीजेपी के एक प्रभारी कहते हैं कि यहां के मुख्यमंत्री का किसान होना उनके लिए बड़ी चुनौती है. छत्तीसगढ़ के किसान मॉडल को पूरा देश देख रहा है. बीजेपी के 3 दिन के चिंतन में केवल थूक निकला. यह बेहद शर्मनाक है. इससे साबित होता है कि बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व भी छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़ के किसानों को नफ़रत और घृणा की दृष्टि से देखती है.
ये मंत्री रहे मौजूद
राजीव भवन में हुई कांग्रेस की प्रेस कॉंफ्रेंस में वरिष्ठ मंत्री रविन्द्र चौबे, मोहम्मद अकबर, कैबिनेट मंत्री प्रेम सिंह टेकाम, कैबिनेट मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, कवासी लखमा, मंत्री अमरजीत भगत, उमेश पटेल सहित कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मौजूद रहे.