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SPECIAL: मौसम किसानों पर मेहरबान, इस साल धान की होगी बंपर पैदावार

प्रदेश में खरीफ की फसल सामान्य से बेहतर होने की उम्मीद जताई जा रही है. धान की फसल पिछले साल की अपेक्षा इस साल कहीं ज्यादा होने की संभावना है. इस साल प्रदेश में 670.7 मिलीमीटर बारिश हुई है. जबकि पिछले 10 वर्षों के औसत आंकड़े 671.7 मिलीमीटर है. इस तरह प्रदेश में इस साल 99.8% बारिश दर्ज की गई है. इस साल औसत बारिश का आंकड़ा लगभग पूरा हो चुका है.

Bumper paddy yield due to good rains
धान की होगी बंपर पैदावार
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Published : Aug 14, 2020, 8:55 PM IST

Updated : Aug 14, 2020, 10:38 PM IST

रायपुर: किसानों की उम्मीद हर साल बारिश पर टिकी होती है. बारिश ही किसानों के आगे का भविष्य तय करती है. किसानों का नफा-नुकसान बारिश की बूंदों के साथ तय हो जाता है. इस साल की बारिश ने किसानों के चेहरों पर मुस्कान बिखेर दी है. इस साल छत्तीसगढ़ में औसत से अच्छी बारिश हुई है. प्रदेश में खरीफ की फसल भी सामान्य से बेहतर होने की उम्मीद जताई जा रही है. धान की फसल पिछले साल की अपेक्षा इस साल कहीं ज्यादा होने की संभावना है. धान के अलावा मक्का, सोयाबीन, मूंगफली अरहर और उड़द भी खरीफ की फसल हैं.

मौसम किसानों पर महरबान

प्रदेश में 21 जून से 11 अगस्त तक हुई बारिश के आंकड़ों पर एक नजर डाली जाए तो :-

  • सबसे अच्छी बारिश सूरजपुर में, यहां समान्य के मुकाबले इस साल 170.9% अधिक बारिश दर्ज की गई है. अब तक जिले में 957. 4 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है.
  • सबसे अच्छी बारिश वाली लिस्ट में दूसरा नाम है जशपुर का यहां 821. 4 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है, जो 10 वर्षों के औसत के मुकाबले 140.4 % अधिक है.
  • सबसे कम बारिश वाले जिले में कांकेर सबसे ऊपर है. यहां इस साल 57.2 % बारिश हुई है. औसत बारिश 971.4 मिली के मुकाबले 555.3 मिलीमीटर प्रतिशत बारिश यहां दर्ज की गई है.
  • सबसे कम बारिश वाले जिले में दूसरा नाम बस्तर का है. यहां अब तक 74% बारिश हुई है. 10 साल में औसत बारिश 858.5 मिलीमीटर के मुकाबले इस साल 635.1 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है.
  • इस साल प्रदेश में 670.7 मिलीमीटर बारिश हुई है. जबकि पिछले 10 वर्षों के औसत आंकड़े 671.7 मिलीमीटर है. इस तरह प्रदेश में इस साल 99.8% बारिश दर्ज की गई है. इस साल औसत बारिश का आंकड़ा लगभग पूरा हो चुका है.
    good rains this year at Chhattisgarh
    मौसम किसानों पर महरबान

कृषि मंत्री ने दिए हैं निर्देश

प्रदेश में हुई बारिश के कारण जलाशयों में भी पर्याप्त पानी उपलब्ध है. छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने भी स्पष्ट कहा है कि अच्छी बारिश के बावजूद जिन इलाकों में किसानों को पानी कमी होगी वहां जलाशयों से पानी उपलब्ध कराया जाएगा. इसके लिए पूर्व में निर्देश भी दिए गए हैं.

प्रदेश में लगभग 90 फीसदी रकबे पर धान की खेती की जाती है. राज्य के किसान लगभग 47 लाख हेक्टेयर भूमि पर खरीफ की फसल उगाते हैं. इसमें करीब 44 लाख हेक्टेयर रकबा धान का है. हर साल लगभग 17 लाख के आसपास किसान धान बेचते थे. लेकिन इस साल 19 लाख से अधिक किसानों ने धान बेचा है.

प्रदेश में धान की खेती पर नजर डाली जाए तो : -

  • धान की खेती का कुल रकबा 44 लाख हेक्टेयर
  • कुल खरीदी 83.67 लाख मीट्रिक टन
  • चावल लगभग 56.51 लाख मीट्रिक टन
  • पीडीएस के लिए 25.40 लाख मीट्रिक टन
  • FCI के लिए 24.00 लाख मीट्रिक टन
  • राज्य सरकार के पास 07.11 लाख मीट्रिक टन

कुछ इलाकों को छोड़ दें तो बाकी प्रदेश में इस साल अच्छी बारिश हुई है इसकी वजह से किसानों के चेहरे खिले हुए हैं किसानों ने संभावना जताई है कि इस साल खेती अच्छी होगी. कृषि मंत्री ने भी इस पर मुहर लगा दी है. मंत्री ने कहा है कि इस साल जिस तरह से बीज की उपलब्ध कराए गए, फर्टिलाइजर उपलब्ध कराए गए, किसानों ने खेती के लिए लोन लिया और बारिश भी अच्छे संकेत दे रही है. प्रदेश में धान की अच्छी फसल होगी.

रायपुर: किसानों की उम्मीद हर साल बारिश पर टिकी होती है. बारिश ही किसानों के आगे का भविष्य तय करती है. किसानों का नफा-नुकसान बारिश की बूंदों के साथ तय हो जाता है. इस साल की बारिश ने किसानों के चेहरों पर मुस्कान बिखेर दी है. इस साल छत्तीसगढ़ में औसत से अच्छी बारिश हुई है. प्रदेश में खरीफ की फसल भी सामान्य से बेहतर होने की उम्मीद जताई जा रही है. धान की फसल पिछले साल की अपेक्षा इस साल कहीं ज्यादा होने की संभावना है. धान के अलावा मक्का, सोयाबीन, मूंगफली अरहर और उड़द भी खरीफ की फसल हैं.

मौसम किसानों पर महरबान

प्रदेश में 21 जून से 11 अगस्त तक हुई बारिश के आंकड़ों पर एक नजर डाली जाए तो :-

  • सबसे अच्छी बारिश सूरजपुर में, यहां समान्य के मुकाबले इस साल 170.9% अधिक बारिश दर्ज की गई है. अब तक जिले में 957. 4 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है.
  • सबसे अच्छी बारिश वाली लिस्ट में दूसरा नाम है जशपुर का यहां 821. 4 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है, जो 10 वर्षों के औसत के मुकाबले 140.4 % अधिक है.
  • सबसे कम बारिश वाले जिले में कांकेर सबसे ऊपर है. यहां इस साल 57.2 % बारिश हुई है. औसत बारिश 971.4 मिली के मुकाबले 555.3 मिलीमीटर प्रतिशत बारिश यहां दर्ज की गई है.
  • सबसे कम बारिश वाले जिले में दूसरा नाम बस्तर का है. यहां अब तक 74% बारिश हुई है. 10 साल में औसत बारिश 858.5 मिलीमीटर के मुकाबले इस साल 635.1 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है.
  • इस साल प्रदेश में 670.7 मिलीमीटर बारिश हुई है. जबकि पिछले 10 वर्षों के औसत आंकड़े 671.7 मिलीमीटर है. इस तरह प्रदेश में इस साल 99.8% बारिश दर्ज की गई है. इस साल औसत बारिश का आंकड़ा लगभग पूरा हो चुका है.
    good rains this year at Chhattisgarh
    मौसम किसानों पर महरबान

कृषि मंत्री ने दिए हैं निर्देश

प्रदेश में हुई बारिश के कारण जलाशयों में भी पर्याप्त पानी उपलब्ध है. छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने भी स्पष्ट कहा है कि अच्छी बारिश के बावजूद जिन इलाकों में किसानों को पानी कमी होगी वहां जलाशयों से पानी उपलब्ध कराया जाएगा. इसके लिए पूर्व में निर्देश भी दिए गए हैं.

प्रदेश में लगभग 90 फीसदी रकबे पर धान की खेती की जाती है. राज्य के किसान लगभग 47 लाख हेक्टेयर भूमि पर खरीफ की फसल उगाते हैं. इसमें करीब 44 लाख हेक्टेयर रकबा धान का है. हर साल लगभग 17 लाख के आसपास किसान धान बेचते थे. लेकिन इस साल 19 लाख से अधिक किसानों ने धान बेचा है.

प्रदेश में धान की खेती पर नजर डाली जाए तो : -

  • धान की खेती का कुल रकबा 44 लाख हेक्टेयर
  • कुल खरीदी 83.67 लाख मीट्रिक टन
  • चावल लगभग 56.51 लाख मीट्रिक टन
  • पीडीएस के लिए 25.40 लाख मीट्रिक टन
  • FCI के लिए 24.00 लाख मीट्रिक टन
  • राज्य सरकार के पास 07.11 लाख मीट्रिक टन

कुछ इलाकों को छोड़ दें तो बाकी प्रदेश में इस साल अच्छी बारिश हुई है इसकी वजह से किसानों के चेहरे खिले हुए हैं किसानों ने संभावना जताई है कि इस साल खेती अच्छी होगी. कृषि मंत्री ने भी इस पर मुहर लगा दी है. मंत्री ने कहा है कि इस साल जिस तरह से बीज की उपलब्ध कराए गए, फर्टिलाइजर उपलब्ध कराए गए, किसानों ने खेती के लिए लोन लिया और बारिश भी अच्छे संकेत दे रही है. प्रदेश में धान की अच्छी फसल होगी.

Last Updated : Aug 14, 2020, 10:38 PM IST
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