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Chhattisgarh Politics: यूपी के बाद अब छत्तीसगढ़ में सियासी बुलडोजर की एंट्री !

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 का दंगल शुरू हो गया है. वोटरों को साधने के लिए सियासी दल अलग अलग पैंतरे अपना रहे हैं. छत्तीसगढ़ की राजनीति में भी अब यूपी की तर्ज पर सियासी बुलडोजर की एंट्री हो गई है. बीजेपी की बुलडोजर की राजनीति पर कांग्रेस तंज कस रही है. भाजपा की यूपी वाली राजनीति से छत्तीसगढ़ में नफा नुकसान का सियासी गणित समझिए.

Bulldozer entry in Chhattisgarh Politics
छत्तीसगढ़ में सियासी बुलडोजर की एंट्री
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Published : Apr 25, 2023, 5:23 PM IST

छत्तीसगढ़ में सियासी बुलडोजर की एंट्री

रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजनीति में अचानक बुलडोजर की एंट्री होने के बाद राजनीतिक गलियारों में इसकी चर्चा जोरों से हो रही है. गुजरात फार्मूले की बात करने वाली भाजपा ने अचानक से उत्तर प्रदेश के बुलडोजर माॅडल का सहारा ले लिया है. इस पर कांग्रेस ने रमन सिंह के कार्यकाल में गरीबों के मकान और दुकानों पर बुलडोजर चलाने बात याद दिलाई और साफ किया कि प्रदेश में उन्माद फैलाने वालों के लिए कोई जगह नहीं है. छत्तीसगढ़ की राजनीति में भाजपा के बुलडोजर एंट्री को लेकर पढ़ें ईटीवी की खास रिपोर्ट.

छत्तीसगढ़ में भाजपा ने विकास को भी बताया मुद्दा: बीजेपी प्रवक्ता राजीव चक्रवर्ती के मुताबिक छत्तीसगढ़ में चुनाव के बहुत से मुद्दे हैं. सबसे बड़ा मुद्दा विकास का भी है, जो पिछले साढ़े चार सालों में बंद हो गया है. छत्तीसगढ़ में विकास तो बंद हो गया है, लेकिन आपराधिक सिंडिकेट सरकार और प्रशासन के साथ मिलकर जनता पर अत्याचार कर रहे है. पिछले साढे 4 सालों में छत्तीसगढ़ अपराधियों की शरणस्थली बन गई है. प्रदेश में लगातार अपराधी बढ़ते जा रहे हैं और उनके ऊपर प्रशासन का आशीर्वाद है. छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनेगी तो इन अपराधियों के गढ़ में यूपी की तर्ज पर बुलडोजर चलेगा.

छत्तीसगढ़ में दो बुलडोजर चलाएगी भाजपा सरकार: भाजपा प्रवक्ता राजीव चक्रवर्ती ने कहा कि "छत्तीसगढ़ में अगर भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनेगी तो हम दो बुलडोजर चलाएंगे. एक बुलडोजर विकास का चलाया जाएगा और दूसरा बुलडोजर विनाश का रहेगा, जो अपराधियों के ऊपर कहर बनकर टूटेगा."


मुद्दा नहीं है इसलिए भाजपा कर रही हिंसा की बात-कांग्रेस: इस मामले पर कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर का कहना है "मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की जन कल्याणकारी योजनाओं के आगे भारतीय जनता पार्टी चारों खाने चित है. 2023 विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी के पास न कोई प्लान है और न ही उनके पास एजेंडा है. इसलिए हमेशा की तरह भाजपा हिंदू -मुस्लिम कराकर हिंसा फैला रही है. इसके साथ ही वैमनस्यता फैलाकर और बुलडोजर चलाने की बात कहकर वे चुनाव में बने रहना चाहते हैं."


रमन सिंह के समय में गरीबों पर चलते थे बुलडोजर: कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि "भारतीय जनता पार्टी आज बुलडोजर चलाने की बात कह रही है. लेकिन प्रदेश की जनता ने 15 साल भाजपा के रमन सिंह सरकार का भी कार्यकाल देखा है. गरीबों के मकान और दुकान पर भाजपा सरकार के दौरान बुलडोजर चलते थे. प्रदेश के प्राचीन मंदिरों पर बुलडोजर चला कर रमन सरकार ने तोड़ा है. प्रदेश में हिंसा की सोच रखने वाले और उन्माद फैलाने वाले लोगों के लिए जगह नहीं है. प्रदेश की जनता 2023 में दोबारा कांग्रेस की सरकार बनाएगी और यह सरकार किसानों, युवाओ और छत्तीसगढ़ की सरकार है."

यह भी पढ़ें- छत्तीसगढ़ में बुलडोजर पर सियासत: सीएम बघेल का बीजेपी पर हमला, कहा-बुलडोजर दहशत का प्रतीक

बुलडोजर के सहारे वोटरों को साधने की जुगत: वरिष्ठ पत्रकार अनिरुद्ध दुबे का कहना है "छत्तीसगढ़ में बीजेपी की ओर से अब तक गुजरात फार्मूले की बात होती थी. गुजरात में पुराने चेहरों के टिकट काटे गए थे और नेताओं को निर्देश दिया गया था कि मैदान में लगे रहो और नए प्रत्याशियों के लिए काम करो. गुजरात का फार्मूला सफल रहा. छत्तीसगढ़ भाजपा में भी गुजरात फार्मूले की बात कई महीनों से होती आ रही है. लेकिन अभी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव और नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल दोनों के मुंह से बुलडोजर शब्द धामके के साथ निकाला है. इससे यह प्रतीत होता है कि यह पब्लिक को संदेश देने की कोशिश है. वह कह तो रहे हैं कि बुलडोजर चलेगा लेकिन इस खुलकर नहीं बता रहे कि कहां चलेगा और किस ओर चलेगा. जब भी बुलडोजर की बात आती है तो उत्तर प्रदेश और योगी आदित्यनाथ ख्याल में आते हैं. कहीं ना कहीं साइकोलॉजिकली इस मुद्दे को लेकर बीजेपी आगे बढ़ रही है."



छत्तीसगढ़ की राजनीति में भारतीय जनता पार्टी ने बुलडोजर की एंट्री तो करा दी है. अब मतदाताओं को साधने के लिए बुलडोजर कितना कारगर साबित होगा यह आने वाले चुनाव में ही पता चल पाएगा. मगर जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी के नेता लगातार छत्तीसगढ़ में बुलडोजर चलाने की बात कह रहे हैं इसका कुछ असर जरूर देखने को मिल सकता है.

छत्तीसगढ़ में सियासी बुलडोजर की एंट्री

रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजनीति में अचानक बुलडोजर की एंट्री होने के बाद राजनीतिक गलियारों में इसकी चर्चा जोरों से हो रही है. गुजरात फार्मूले की बात करने वाली भाजपा ने अचानक से उत्तर प्रदेश के बुलडोजर माॅडल का सहारा ले लिया है. इस पर कांग्रेस ने रमन सिंह के कार्यकाल में गरीबों के मकान और दुकानों पर बुलडोजर चलाने बात याद दिलाई और साफ किया कि प्रदेश में उन्माद फैलाने वालों के लिए कोई जगह नहीं है. छत्तीसगढ़ की राजनीति में भाजपा के बुलडोजर एंट्री को लेकर पढ़ें ईटीवी की खास रिपोर्ट.

छत्तीसगढ़ में भाजपा ने विकास को भी बताया मुद्दा: बीजेपी प्रवक्ता राजीव चक्रवर्ती के मुताबिक छत्तीसगढ़ में चुनाव के बहुत से मुद्दे हैं. सबसे बड़ा मुद्दा विकास का भी है, जो पिछले साढ़े चार सालों में बंद हो गया है. छत्तीसगढ़ में विकास तो बंद हो गया है, लेकिन आपराधिक सिंडिकेट सरकार और प्रशासन के साथ मिलकर जनता पर अत्याचार कर रहे है. पिछले साढे 4 सालों में छत्तीसगढ़ अपराधियों की शरणस्थली बन गई है. प्रदेश में लगातार अपराधी बढ़ते जा रहे हैं और उनके ऊपर प्रशासन का आशीर्वाद है. छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनेगी तो इन अपराधियों के गढ़ में यूपी की तर्ज पर बुलडोजर चलेगा.

छत्तीसगढ़ में दो बुलडोजर चलाएगी भाजपा सरकार: भाजपा प्रवक्ता राजीव चक्रवर्ती ने कहा कि "छत्तीसगढ़ में अगर भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनेगी तो हम दो बुलडोजर चलाएंगे. एक बुलडोजर विकास का चलाया जाएगा और दूसरा बुलडोजर विनाश का रहेगा, जो अपराधियों के ऊपर कहर बनकर टूटेगा."


मुद्दा नहीं है इसलिए भाजपा कर रही हिंसा की बात-कांग्रेस: इस मामले पर कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर का कहना है "मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की जन कल्याणकारी योजनाओं के आगे भारतीय जनता पार्टी चारों खाने चित है. 2023 विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी के पास न कोई प्लान है और न ही उनके पास एजेंडा है. इसलिए हमेशा की तरह भाजपा हिंदू -मुस्लिम कराकर हिंसा फैला रही है. इसके साथ ही वैमनस्यता फैलाकर और बुलडोजर चलाने की बात कहकर वे चुनाव में बने रहना चाहते हैं."


रमन सिंह के समय में गरीबों पर चलते थे बुलडोजर: कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि "भारतीय जनता पार्टी आज बुलडोजर चलाने की बात कह रही है. लेकिन प्रदेश की जनता ने 15 साल भाजपा के रमन सिंह सरकार का भी कार्यकाल देखा है. गरीबों के मकान और दुकान पर भाजपा सरकार के दौरान बुलडोजर चलते थे. प्रदेश के प्राचीन मंदिरों पर बुलडोजर चला कर रमन सरकार ने तोड़ा है. प्रदेश में हिंसा की सोच रखने वाले और उन्माद फैलाने वाले लोगों के लिए जगह नहीं है. प्रदेश की जनता 2023 में दोबारा कांग्रेस की सरकार बनाएगी और यह सरकार किसानों, युवाओ और छत्तीसगढ़ की सरकार है."

यह भी पढ़ें- छत्तीसगढ़ में बुलडोजर पर सियासत: सीएम बघेल का बीजेपी पर हमला, कहा-बुलडोजर दहशत का प्रतीक

बुलडोजर के सहारे वोटरों को साधने की जुगत: वरिष्ठ पत्रकार अनिरुद्ध दुबे का कहना है "छत्तीसगढ़ में बीजेपी की ओर से अब तक गुजरात फार्मूले की बात होती थी. गुजरात में पुराने चेहरों के टिकट काटे गए थे और नेताओं को निर्देश दिया गया था कि मैदान में लगे रहो और नए प्रत्याशियों के लिए काम करो. गुजरात का फार्मूला सफल रहा. छत्तीसगढ़ भाजपा में भी गुजरात फार्मूले की बात कई महीनों से होती आ रही है. लेकिन अभी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव और नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल दोनों के मुंह से बुलडोजर शब्द धामके के साथ निकाला है. इससे यह प्रतीत होता है कि यह पब्लिक को संदेश देने की कोशिश है. वह कह तो रहे हैं कि बुलडोजर चलेगा लेकिन इस खुलकर नहीं बता रहे कि कहां चलेगा और किस ओर चलेगा. जब भी बुलडोजर की बात आती है तो उत्तर प्रदेश और योगी आदित्यनाथ ख्याल में आते हैं. कहीं ना कहीं साइकोलॉजिकली इस मुद्दे को लेकर बीजेपी आगे बढ़ रही है."



छत्तीसगढ़ की राजनीति में भारतीय जनता पार्टी ने बुलडोजर की एंट्री तो करा दी है. अब मतदाताओं को साधने के लिए बुलडोजर कितना कारगर साबित होगा यह आने वाले चुनाव में ही पता चल पाएगा. मगर जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी के नेता लगातार छत्तीसगढ़ में बुलडोजर चलाने की बात कह रहे हैं इसका कुछ असर जरूर देखने को मिल सकता है.

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