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Builder arrested for forgery in Raipur: जमीन बिक्री फर्जीवाड़े में बिल्डर विजय नागपुरे गिरफ्तार - जीके कॉलोनाइजर

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में जमीन की खरीद बिक्री में फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है. इस बार जमीन खरीद बिक्री में फ्रॉड का आरोप एक बिल्डल पर लगा है. पुलिस ने आरोपी बिल्डर विजय नागपुरे को गिरफ्तार कर लिया है. रायपुर में लगातार फर्जीवाड़े और फ्रॉड के कई मामले सामने आ चुके हैं. Raipur crime news

Builder arrested for forgery in Raipur
बिल्डर विजय नागपुरे गिरफ्तार
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Published : Feb 1, 2023, 8:42 AM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में फर्जी दस्तावेज तैयार कर करोड़ों की जमीन बेचने वाले बिल्डर को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपी कल्पवृक्ष प्रोजेक्ट का मालिक विजय नागपुरे है. उसने अपने ही प्रोजेक्ट पार्टनर को धोखा देकर अपने ही प्रोजेक्ट की जमीन का फर्जी दस्तावेज तैयार किया. फिर उसे बेच दिया. विजय नागपुरे पर आरोप है कि उसने एक करोड़ 66 लाख रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की है.


इस तरह विजय नागपुरे ने किया फर्जीवाड़ा: यह मामला न्यू राजेन्द्र नगर थाना का है. जहां खम्हारडीह निवासी अभिषेक अटलानी ने धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज करवाई. प्रार्थी जीके कॉलोनाइजर एंड बिल्डर लिमिटेड कंपनी में डायरेक्टर के पद पर कार्यरत है. अभिषेक ने बताया कि ग्राम कोलर टेकारी और छछानपैरी स्थित भूमि में एक कल्पवृक्ष नामक प्रोजेक्ट लाया गया था. इस प्रोजेक्ट की देखरेख और विकास के लिए जीके कॉलोनाइजर एंड बिल्डर लिमिटेड के डायरेक्टर विनोद जैन और विजय नागपुरे को एमओयू करवा कर जिम्मेदारी दी गई थी.

कंपनी के अन्य डायरेक्टर ने लगाया धोखाधड़ी का आरोप: अन्य डायरेक्टरों को यह जानकारी दी कि कंपनी के डायरेक्टर विजय नागपुरे और विनोद जैन कंपनी के कल्पवृक्ष प्रोजेक्ट की देखरेख और विकास कार्य में अनियमिता कर रहे है. अलग अलग साइज के प्लॉटों को कंपनी का डायरेक्टर विजय नागपुरे ने अकेले ही कंपनी के डायरेक्टर सुरेश अटलानी के हस्ताक्षर के बिना अवैध रूप से फर्जी रजिस्ट्री कर बेच दिया. इसके बाद मामले की जांच कर विजय नागपुरे के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई गई.

ये भी पढ़ें: विवादित जमीन की खरीदी बिक्री पर रोक, जांच तक जमीन की नहीं होगी रजिस्ट्री

जमीन खरीद बिक्री के फर्जीवाड़े पर क्या कहते हैं अफसर: इस मामले को लेकर सीएसपी राजेश चौधरी ने कहा कि " प्रार्थी की शिकायत के बाद मामले की जांच की गई. जिसमें आरोपी विजय नागपुरे की ओर से दस्तावेज में फर्जीवाड़े की बात सामने आई. उस पर आरोप है कि उसने कूटरचना कर कई प्लॉट को बेच दिया. कूटरचित दस्तावेज के माध्यम से बिना अपने पार्टनर के हस्ताक्षर के प्रोजेक्ट की बहुत सी प्लाटें बेच दी गई. इसके बाद एफआईआर दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किया गया है. उसके खिलाफ धोखाधड़ी समेत अनेक मामलों में अपराध पंजीबद्ध किया गया है."

रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में फर्जी दस्तावेज तैयार कर करोड़ों की जमीन बेचने वाले बिल्डर को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपी कल्पवृक्ष प्रोजेक्ट का मालिक विजय नागपुरे है. उसने अपने ही प्रोजेक्ट पार्टनर को धोखा देकर अपने ही प्रोजेक्ट की जमीन का फर्जी दस्तावेज तैयार किया. फिर उसे बेच दिया. विजय नागपुरे पर आरोप है कि उसने एक करोड़ 66 लाख रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की है.


इस तरह विजय नागपुरे ने किया फर्जीवाड़ा: यह मामला न्यू राजेन्द्र नगर थाना का है. जहां खम्हारडीह निवासी अभिषेक अटलानी ने धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज करवाई. प्रार्थी जीके कॉलोनाइजर एंड बिल्डर लिमिटेड कंपनी में डायरेक्टर के पद पर कार्यरत है. अभिषेक ने बताया कि ग्राम कोलर टेकारी और छछानपैरी स्थित भूमि में एक कल्पवृक्ष नामक प्रोजेक्ट लाया गया था. इस प्रोजेक्ट की देखरेख और विकास के लिए जीके कॉलोनाइजर एंड बिल्डर लिमिटेड के डायरेक्टर विनोद जैन और विजय नागपुरे को एमओयू करवा कर जिम्मेदारी दी गई थी.

कंपनी के अन्य डायरेक्टर ने लगाया धोखाधड़ी का आरोप: अन्य डायरेक्टरों को यह जानकारी दी कि कंपनी के डायरेक्टर विजय नागपुरे और विनोद जैन कंपनी के कल्पवृक्ष प्रोजेक्ट की देखरेख और विकास कार्य में अनियमिता कर रहे है. अलग अलग साइज के प्लॉटों को कंपनी का डायरेक्टर विजय नागपुरे ने अकेले ही कंपनी के डायरेक्टर सुरेश अटलानी के हस्ताक्षर के बिना अवैध रूप से फर्जी रजिस्ट्री कर बेच दिया. इसके बाद मामले की जांच कर विजय नागपुरे के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई गई.

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जमीन खरीद बिक्री के फर्जीवाड़े पर क्या कहते हैं अफसर: इस मामले को लेकर सीएसपी राजेश चौधरी ने कहा कि " प्रार्थी की शिकायत के बाद मामले की जांच की गई. जिसमें आरोपी विजय नागपुरे की ओर से दस्तावेज में फर्जीवाड़े की बात सामने आई. उस पर आरोप है कि उसने कूटरचना कर कई प्लॉट को बेच दिया. कूटरचित दस्तावेज के माध्यम से बिना अपने पार्टनर के हस्ताक्षर के प्रोजेक्ट की बहुत सी प्लाटें बेच दी गई. इसके बाद एफआईआर दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किया गया है. उसके खिलाफ धोखाधड़ी समेत अनेक मामलों में अपराध पंजीबद्ध किया गया है."

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