रायपुर: भूपेश सरकार के मौजूदा कार्यकाल का अंतिम बजट पेश होने वाला है और इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव भी होने हैं. ऐसे में इस बार का बजट लोकलुभावन होने की पूरी उम्मीद जताई जा रही है. आखिर कैसा होगा बजट सत्र, विपक्ष किस तरह से सरकार को घेरेगा और इससे निपटने सरकार की क्या तैयारी है. इस बजट सत्र के दौरान कितने सवाल लगाए गए हैं, बजट का अनुमानित आकार कितना होगा, भूपेश सरकार बजट के दौरान क्या-क्या सौगातें दे सकती है, इन तमाम सवालों के जवाब के लिए पढ़िए यह खास रिपोर्ट.
बजट सत्र के लिए लगाए गए डेढ़ हजार से ज्यादा सवाल: छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र 1 मार्च से शुरू होने वाला है. जो 24 मार्च तक चलेगा. इस बीच कुल 14 बैठकें होंगी. इस बजट सत्र के लिए 27 फरवरी तक कुल 1590 सवाल लगाए गए हैं. सवाल ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरीके से लगाए गए हैं. कुल सवालों में से 1556 सवाल ऑनलाइन हैं, जबकि ऑफलाइन केवल 34 है. पहले दिन 1 मार्च को राज्यपाल बिस्वा भूषण हरिचंदन का अभिभाषण होगा. इस बजट सत्र में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बतौर वित्तमंत्री अपने कार्यकाल का पांचवां और अंतिम बजट पेश करेंगे. हालांकि अभी तक बजट की तारीखों का एलान नहीं किया गया है.
अब तक का सबसे बड़ा बजट होगा: संभावना जताई जा रही है कि राज्य निर्माण के बाद अब तक का सबसे बड़ा बजट इस बार पेश किया जाएगा. एक अनुमान के मुताबिक इस बार का बजट लगभग 1 लाख 10 हजार करोड़ से ऊपर का हो सकता है. चुनावी साल का बजट होने की वजह से काफी लोकलुभावन होने की भी संभावना जताई जा रही है. कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बतौर वित्त मंत्री प्रदेश की जनता को कई सौगातें दे सकते हैं. हालांकि यह क्या सौगातें होंगी, इसका खुलासा अब तक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नहीं किया है. उन्होंने इसके लिए बजट तक इंतजार करने की बात कही है.
भूपेश सरकार कर सकती है कई महत्वपूर्ण एलान: एक अनुमान के मुताबिक इस बार भूपेश सरकार बजट में संपत्ति कर में छूट, पेट्रोल के वैट में कमी, जमीन मकान के पंजीयन शुल्क में छूट, कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाने, शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने सहित कई महत्वपूर्ण ऐलान कर सकती है. संभावना यह भी जताई जा रही है कि अनियमित और संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण का तोहफा भी इस बजट के दौरान सरकार दे सकती है. इसके अलावा बेरोजगारी भत्ते को लेकर भी बजट में प्रावधान किया जा सकता है.
सरकार को घेरने के लिए नहीं है मुद्दों की कमी: हालांकि भाजपा प्रदेश प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास का कहना है कि "बजट सत्र के दौरान सरकार को घेरने भाजपा पूरी तरह से तैयार है. प्रदेश में बढ़ते अपराध, बेरोजगारी, महिलाओं पर अत्याचार, बलात्कार, लूट, चाकूबाजी, किसानों की मांग, कर्मचारियों की मांग, अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण, शराबबंदी सहित तमाम ऐसे मुद्दे हैं, जिसे लेकर सरकार को घेरने की तैयारी है."
सदन में चर्चा से भागता रहा है विपक्ष: कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी का कहना है कि "वह विपक्ष के सवालों का मुंह तो जवाब देने के लिए तैयार हैं." घनश्याम राजू का तो यह भी आरोप है कि "विपक्ष हमेशा सत्र बढ़ाए जाने की मांग करता है, लेकिन सदन में चर्चा से भाग जाता है."
हर वर्ग को साधने की भूपेश सरकार की रहेगी कोशिश: वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी का कहना है कि "साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. यही वजह है कि इस बजट में शायद सभी के लिए कुछ ना कुछ देने की कोशिश सरकार की होगी, जिससे कोई भी वर्ग असंतुष्ट न रहे. इस बार के बजट के माध्यम से प्रदेश के मतदाताओं को साधने का पूरा प्रयास भूपेश सरकार की ओर से किया जाएगा."