रायपुर: पिछड़े वर्ग को आरक्षण देने के मामले पर भारतीय जनता पार्टी ने छत्तीसगढ़ सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. पूर्व कैबिनेट मंत्री बृजमोहन अग्रवाल का कहना है कि राज्य सरकार सिर्फ पिछड़े वर्ग के लोगों को गुमराह करने का काम कर रही है.
बृजमोहन अग्रवाल का कहना है कि अगर सरकार वास्तव में पिछड़े वर्ग का भला चाहती तो अब तक उनके लिए कुछ न कुछ करती. उन्होंने कहा कि सरकार बनने के बाद से ही सरकार ने पिछड़े वर्ग के लोगों को नजर अंदाज किया है और उनके लिए कुछ खास नहीं किया है. बृजमोहन अग्रवाल का आरोप है कि सरकार आरक्षण के नाम पर केवल छत्तीसगढ़ की जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रही है.
वर्गवार डेटा तैयार करने का निर्णय
बृजमोहन ने कहा कि ओबीसी और सामान्य वर्ग को आरक्षण देने को लेकर किए जा रहे प्रयास पर पहले भी हाईकोर्ट ने सवाल खड़े किए थे, जिसका सरकार आधार तक नहीं दे पाई है. बता दें कि छत्तीसगढ़ शासन के आरक्षण अध्यादेश पर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए स्थगन के निराकरण के संबंध में नवीन प्रक्रिया के माध्यम से वर्गवार डेटा तैयार करने का निर्णय लिया गया. यह नया डेटा राज्य में प्रचलित राशनकार्ड को आधार मानकर तैयार किया जाएगा, ताकि वर्गवार छूटे हुए लोगों का भी डेटा एकत्र हो सके.
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डाटाबेस में छूटे हुए परिवारों को किया जाएगा शामिल
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित सभी मंत्रीगणों ने राज्य में प्रचलित राशनकार्ड के आधार पर खाद्य विभाग द्वारा तैयार डेटाबेस को विश्वसनीय बताते हुए इस डाटाबेस में छूटे हुए परिवारों को शामिल करने की बात कही. वर्तमान में प्रचलित राशनकार्डो में से 99 प्रतिशत राशनकार्ड संबंधित परिवारों के आधार नम्बर एवं बैंकों खाते से लिंक हैं.
छूटे हुए परिवारों का बनाया जाएगा राशनकार्ड
छत्तीसगढ़ सरकार ओबीसी आरक्षण के मामले में माननीय हाईकोर्ट के स्थगन के संबंध में ठोस आधार प्रस्तुत करने के लिए पूरी तरह से पारदर्शी और विश्वसनीय डेटा एकत्र करने के संबंध में नयी प्रक्रिया अपनाने जा रही है, इसके तहत वर्तमान में प्रचलित राशनकार्ड धारी परिवारों की सूची का सार्वजनिक प्रकाशन ग्राम पंचायतों और नगरीय निकायों के वार्डो में किया जाएगा. इस संबंध में दावा आपत्ति लेकर उसका निराकरण करने के साथ ही छूटे हुए परिवारों का राशनकार्ड बनाने हेतु नए सिरे से आवेदन भी लिया जाएगा.