रायपुर: पूरा देश इस समय कोरोना संक्रमण से लड़ रहा है. लेकिन छत्तीसगढ़ में कोरोना के साथ ही पीलिया ने भी अपना प्रकोप दिखाना शुरू कर दिया. हालांकि इस समय पीलिया कंट्रोल में है. पीलिया फैलने का सबसे अहम कारण गंदा पानी माना गया. लेकिन प्रदेश सरकार का ये दावा है कि उनके प्रदेश के पानी की गुणवत्ता सबसे अच्छी है.
बृजमोहन अग्रवाल का प्रदेश सरकार पर निशाना
सरकार के इस दावे पर पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है. बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 40% से ज्यादा जंगल है और ऐसे में भी अगर प्रदेश की जनता को शुद्ध पीने का पानी नहीं मिल रहा है और गंदे पानी के कारण लोगों की मौत हो रही है तो यह दुर्भाग्य जनक है.
राजधानी में पीलिया से हुई 3 मौत
बता दें कि इस साल पीलिया से राजधानी में 3 मौतें हुई है. पीलिया का प्रकोप कोई पहली बार नहीं है. हर बार इस तरह के मामले सामने आते रहते हैं. इस बार पीलिया की शुरुआत आमापारा के एक बस्ती से हुई. वहां एक ही गली के लगभग 20 घरों में पीलिया का प्रकोप देखने को मिला. उसके बाद राजधानी के अलग-अलग हिस्सों से पीलिया के मरीज मिलते रहे. हालांकि निजी और सरकारी अस्पतालों में इलाज के बाद ज्यादातर मरीज स्वस्थ होकर अपने घर लौट गए.
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नवंबर 2019 में केंद्र सरकार की तरफ 21 राज्यों में नलों से सप्लाई होने वाले पानी की शुद्धता की जांच की गई थी. राजधानी रायपुर में अलग-अलग 10 इलाकों से नमूने एकत्रित कर उनकी जांच की गई जिसमें 5 नमूने मानदंडों पर खरे नहीं उतरे. यहां नलों से सप्लाई होने वाले शुद्ध जल की रैंकिंग में रायपुर देश में चौथे स्थान पर रहा. मुंबई का पानी पीने के लिए सबसे अच्छा माना गया. जबकि दिल्ली का पानी पीने योग्य ही नहीं मिला.
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