ETV Bharat / state

कौन शामिल होने वाला है बीजेपी में ? बृजमोहन बाले- 17 जून के बाद छत्तीसगढ़ में बड़ा घटनाक्रम होगा - टीएस सिंहदेव

छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार (bhupesh government) के ढाई साल पूरे होने जा रहे हैं. इसी बीच छत्तीसगढ़ में ढाई-ढाई साल सीएम को लेकर चर्चा फिर से शुरू हो गई है. पूर्व कैबिनेट मंत्री और रायपुर दक्षिण से विधायक भाजपा के कद्दावर नेता बृजमोहन अग्रवाल (Brijmohan Agrawal) ने बड़ा बयान दिया है. अग्रवाल ने कहा है कि 17 जून के बाद छत्तीसगढ़ में बड़ा घटनाक्रम देखने को मिल सकता है.

brijmohan-agarwal-says-there-will-be-big-political-development-in-chhattisgarh-after-17-june
बृजमोहन अग्रवाल
author img

By

Published : Jun 11, 2021, 5:48 PM IST

Updated : Jun 11, 2021, 7:40 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की राजनीति इन दिनों 17 जून के ईर्द-गिर्द घूम रही है. प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री और रायपुर दक्षिण से विधायक भाजपा के कद्दावर नेता बृजमोहन अग्रवाल (Brijmohan Agrawal) ने बड़ा बयान दिया है. बृजमोहन अग्रवाल ने कहा है कि 17 जून के बाद छत्तीसगढ़ में बड़ा घटनाक्रम देखने को मिल सकता है. हमें इंतजार करना चाहिए.

छत्तीसगढ़ में 17 जून के बाद क्या होने वाला है बड़ा घटनाक्रम

नेता बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि 'कांग्रेस पार्टी में पूरे देश मे भगदड़ मची हुई है. जिस तरीके से ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) पहले बीजेपी में आए फिर जितिन प्रसाद (Jitin Prasada) आए. सचिन पायलट (Sachin Pilot) कब बीजेपी में आ जाएंगे, ये कहा नहीं जा सकता. 17 जून के बाद छत्तीसगढ़ में बड़ा घटनाक्रम होगा, हमें उसका इंतजार करना चाहिए.

पिछले साल ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने छोड़ी थी कांग्रेस

मार्च 2020 में राहुल गांधी की टीम का मजबूत हिस्सा माने जाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस का साथ छोड़कर भाजपा ज्वॉइन कर ली थी. सिंधिया ने कांग्रेस से 18 साल का नाता तोड़कर बीजेपी में शामिल होने का फैसला लिया था. कांग्रेस छोड़ते वक्त सिंधिया ने कहा था कि 'वर्तमान में जो स्थिति कांग्रेस में है, वो कांग्रेस पार्टी आज नहीं रही जो पहले थी.' सिंधिया के इस्तीफे के बाद उनके करीबी समझे जाने वाले करीब 22 विधायकों ने भी रिजाइन कर दिया था.

सिंहदेव को सिंहासन ? : बीजेपी के सवाल पर कांग्रेस का जवाब, 'भूपेश हैं और भूपेश रहेंगे'

दो बार केंद्र में मंत्री रहे सिंधिया

ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया भारत सरकार की पंद्रहवीं लोकसभा के मंत्रिमंडल में वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री रह चुके हैं. वे लोकसभा की मध्य प्रदेश स्थित गुना संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व करते थे. ज्योतिरादित्य सिंधिया मनमोहन सिंह के सरकार में केन्द्रीय मंत्री रहे हैं. फिलहाल वे उच्च सदन के सदस्य हैं.

पिता की मौत के बाद ज्वॉइन की थी कांग्रेस

30 सितम्बर 2001 को उनके पिता माधवराव सिंधिया की एक हवाई जहाज हादसे में मृत्यु हो गई. 18 दिसंबर को ज्योतिरादित्य राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी से जुड़े थे. उन्होंने अपने पिता की सीट गुना से चुनाव लड़ने का फैसला किया. 24 फरवरी को वे बड़े मार्जिन वोट से जीत हासिल कर सांसद बने. 2014 में वे गुना से फिर चुने गए थे लेकिन 2019 में कृष्ण पाल सिंह यादव से वह सीट हार गए. 2020 में उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी.

17 जून: अजय चंद्राकर ने पोस्ट की दिनकर की पंक्तियां- 'क्या है उचित उसे मारें हम न्याय छोड़कर छल से?'

जितिन प्रसाद (Jitin Prasada) ने छोड़ा कांग्रेस का साथ

9 जून को पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे. जितिन प्रसाद का जन्म 29 नवंबर 1973 को हुआ. देहरादून के दून स्कूल में पढ़ाई की और फिर दिल्ली के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से बीकॉम ऑनर्स किया. जितिन प्रसाद ने दिल्ली के आईएमआई से एमबीए की डिग्री भी ली है. पिता और दादा सक्रिय राजनीति में रहे तो उनका सियासत में आना लाजमी सा था. पिता जितेंद्र प्रसाद कांग्रेस में बड़े ओहदों पर रहे तो कांग्रेस में उनकी एंट्री भी आसान हो गई. लेकिन दो दशक से ज्यादा वक्त तक कांग्रेस में रहने वाले जितेंद्र प्रसाद अब बीजेपी के हो गए हैं.

राहुल गांधी के करीबी रहे हैं जितिन प्रसाद

जितिन प्रसाद कांग्रेस के महासचिव पद की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं. कांग्रेस का युवा चेहरा रहे जितिन प्रसाद को राहुल गांधी का करीबी माना जाता है. ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ सचिन पायलट और जितिन प्रसाद राहुल गांधी की यूथ ब्रिगेड का चेहरा थे. यूपी की शाहजहांपुर और आस-पास के क्षेत्रों में जितिन प्रसाद की पकड़ मानी जाती है. 2017 में हुए यूपी विधानसभा चुनाव के बाद से कई बार जितिन प्रसाद के बीजेपी में जाने की अटकलें लगाई गई. 2019 लोकसभा चुनाव के बाद भी ऐसा ही हुआ, यहां तक कहा गया कि प्रियंका गांधी के कहने पर जितिन प्रसाद मान गए हैं. लेकिन जितिन प्रसाद का कांग्रेस से मोहभंग होने की कई वजहें हैं. जो उन्हें आज बीजेपी के खेमे में ले आई हैं.

ढाई-ढाई साल का हो रहा बार-बार जिक्र, मतलब कुछ तो होने वाला है: रमन सिंह

राजस्थान में भी सब ठीक नहीं !

राजस्थान में भी कांग्रेस की नैय्या ठीक नहीं चल रही है. सचिन पायलट (Sachin Pilot) कई मौकों पर अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से उनके रिश्ते छिपे नहीं हैं. उप-मुख्यमंत्री पद से भी उन्होंने इस्तीफा दे दिया है. कई बार ये कयास लगाए जा चुके हैं कि राहुल के प्रिय सचिन पायलट पार्टी छोड़ सकते हैं.

छत्तीसगढ़ विधानसभा का गणित-

कुल विधानसभा सीटेंकांग्रेसभाजपाजेसीसी (जे)बसपा
90701442

रायपुर: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की राजनीति इन दिनों 17 जून के ईर्द-गिर्द घूम रही है. प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री और रायपुर दक्षिण से विधायक भाजपा के कद्दावर नेता बृजमोहन अग्रवाल (Brijmohan Agrawal) ने बड़ा बयान दिया है. बृजमोहन अग्रवाल ने कहा है कि 17 जून के बाद छत्तीसगढ़ में बड़ा घटनाक्रम देखने को मिल सकता है. हमें इंतजार करना चाहिए.

छत्तीसगढ़ में 17 जून के बाद क्या होने वाला है बड़ा घटनाक्रम

नेता बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि 'कांग्रेस पार्टी में पूरे देश मे भगदड़ मची हुई है. जिस तरीके से ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) पहले बीजेपी में आए फिर जितिन प्रसाद (Jitin Prasada) आए. सचिन पायलट (Sachin Pilot) कब बीजेपी में आ जाएंगे, ये कहा नहीं जा सकता. 17 जून के बाद छत्तीसगढ़ में बड़ा घटनाक्रम होगा, हमें उसका इंतजार करना चाहिए.

पिछले साल ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने छोड़ी थी कांग्रेस

मार्च 2020 में राहुल गांधी की टीम का मजबूत हिस्सा माने जाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस का साथ छोड़कर भाजपा ज्वॉइन कर ली थी. सिंधिया ने कांग्रेस से 18 साल का नाता तोड़कर बीजेपी में शामिल होने का फैसला लिया था. कांग्रेस छोड़ते वक्त सिंधिया ने कहा था कि 'वर्तमान में जो स्थिति कांग्रेस में है, वो कांग्रेस पार्टी आज नहीं रही जो पहले थी.' सिंधिया के इस्तीफे के बाद उनके करीबी समझे जाने वाले करीब 22 विधायकों ने भी रिजाइन कर दिया था.

सिंहदेव को सिंहासन ? : बीजेपी के सवाल पर कांग्रेस का जवाब, 'भूपेश हैं और भूपेश रहेंगे'

दो बार केंद्र में मंत्री रहे सिंधिया

ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया भारत सरकार की पंद्रहवीं लोकसभा के मंत्रिमंडल में वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री रह चुके हैं. वे लोकसभा की मध्य प्रदेश स्थित गुना संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व करते थे. ज्योतिरादित्य सिंधिया मनमोहन सिंह के सरकार में केन्द्रीय मंत्री रहे हैं. फिलहाल वे उच्च सदन के सदस्य हैं.

पिता की मौत के बाद ज्वॉइन की थी कांग्रेस

30 सितम्बर 2001 को उनके पिता माधवराव सिंधिया की एक हवाई जहाज हादसे में मृत्यु हो गई. 18 दिसंबर को ज्योतिरादित्य राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी से जुड़े थे. उन्होंने अपने पिता की सीट गुना से चुनाव लड़ने का फैसला किया. 24 फरवरी को वे बड़े मार्जिन वोट से जीत हासिल कर सांसद बने. 2014 में वे गुना से फिर चुने गए थे लेकिन 2019 में कृष्ण पाल सिंह यादव से वह सीट हार गए. 2020 में उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी.

17 जून: अजय चंद्राकर ने पोस्ट की दिनकर की पंक्तियां- 'क्या है उचित उसे मारें हम न्याय छोड़कर छल से?'

जितिन प्रसाद (Jitin Prasada) ने छोड़ा कांग्रेस का साथ

9 जून को पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे. जितिन प्रसाद का जन्म 29 नवंबर 1973 को हुआ. देहरादून के दून स्कूल में पढ़ाई की और फिर दिल्ली के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से बीकॉम ऑनर्स किया. जितिन प्रसाद ने दिल्ली के आईएमआई से एमबीए की डिग्री भी ली है. पिता और दादा सक्रिय राजनीति में रहे तो उनका सियासत में आना लाजमी सा था. पिता जितेंद्र प्रसाद कांग्रेस में बड़े ओहदों पर रहे तो कांग्रेस में उनकी एंट्री भी आसान हो गई. लेकिन दो दशक से ज्यादा वक्त तक कांग्रेस में रहने वाले जितेंद्र प्रसाद अब बीजेपी के हो गए हैं.

राहुल गांधी के करीबी रहे हैं जितिन प्रसाद

जितिन प्रसाद कांग्रेस के महासचिव पद की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं. कांग्रेस का युवा चेहरा रहे जितिन प्रसाद को राहुल गांधी का करीबी माना जाता है. ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ सचिन पायलट और जितिन प्रसाद राहुल गांधी की यूथ ब्रिगेड का चेहरा थे. यूपी की शाहजहांपुर और आस-पास के क्षेत्रों में जितिन प्रसाद की पकड़ मानी जाती है. 2017 में हुए यूपी विधानसभा चुनाव के बाद से कई बार जितिन प्रसाद के बीजेपी में जाने की अटकलें लगाई गई. 2019 लोकसभा चुनाव के बाद भी ऐसा ही हुआ, यहां तक कहा गया कि प्रियंका गांधी के कहने पर जितिन प्रसाद मान गए हैं. लेकिन जितिन प्रसाद का कांग्रेस से मोहभंग होने की कई वजहें हैं. जो उन्हें आज बीजेपी के खेमे में ले आई हैं.

ढाई-ढाई साल का हो रहा बार-बार जिक्र, मतलब कुछ तो होने वाला है: रमन सिंह

राजस्थान में भी सब ठीक नहीं !

राजस्थान में भी कांग्रेस की नैय्या ठीक नहीं चल रही है. सचिन पायलट (Sachin Pilot) कई मौकों पर अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से उनके रिश्ते छिपे नहीं हैं. उप-मुख्यमंत्री पद से भी उन्होंने इस्तीफा दे दिया है. कई बार ये कयास लगाए जा चुके हैं कि राहुल के प्रिय सचिन पायलट पार्टी छोड़ सकते हैं.

छत्तीसगढ़ विधानसभा का गणित-

कुल विधानसभा सीटेंकांग्रेसभाजपाजेसीसी (जे)बसपा
90701442
Last Updated : Jun 11, 2021, 7:40 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.