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Chhattisgarh budget session: सीएसआर फंड के मुद्दे पर भाजपा का वॉकआउट

छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र 2023 में सीएसआर फंड मुद्दे की गूंज सुनाई दी. प्रश्नकाल में नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने सीएसआर मद से खर्च का मुद्दा उठाया. विपक्षी विधायक मंत्री के जवाब से असंतुष्ट नजर आए. आखिरकार भाजपा विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया.

Chhattisgarh budget session
छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र 2023
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Published : Mar 23, 2023, 2:23 PM IST

रायपुर: नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कोरबा, बिलासपुर और जांजगीर चांपा में सीएसआर मद से खर्च का मुद्दा उठाया. नारायण चंदेल ने पूछा कि साल 2021, 2022 और 15 फरवरी 2023 तक किन किन औद्योगिक संस्थानों से कितनी राशि सीएसआर से मिली है. नारायण चंदेल ने यह भी पूछा कि राज्य की जमीन पर उद्योग लगते हैं. राज्य के संसाधनों का इस्तेमाल होता है लेकिन सीएसआर फंड के उपयोग के लिए कोई नीति नहीं है. उन्होंने मंत्री से यह सवाल भी पूछा कि सीएसआर मद के तहत कितनी राशि आवंटित होनी चाहिए थी और कितनी राशि मिली?

छत्तीसगढ़ में नीति नहीं: नारायण चंदेल के सवाल का मंत्री मोहम्मद अकबर ने जवाब दिया. मंत्री अकबर ने सीएसआर फंड के तहत राशि देने का अनुरोध किया जाता है, दबाव नहीं बनाया जा सकता है. नारायण चंदेल ने यह सवाल भी किया कि ओडिशा ने सीएसआर फंड पर स्पष्ट नीति बनाई है लेकिन छत्तीसगढ़ में ऐसी कोई नीति नहीं है. मंत्री मोहम्मद अकबर ने जवाब दिया कि ओडिशा की नीति की स्टडी की जाएगी.

यह भी पढ़ें: Journalist protection law: छत्तीसगढ़ विधानसभा से पत्रकार सुरक्षा बिल पास, पूर्व विधायकों की पेंशन से जुड़ा बिल भी पारित

सरकार को कार्रवाई का अधिकार नहीं: भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने सवाल उठाया कि जिसने सीएसआर मद में पैसा नहीं दिया, उस पर क्या कार्रवाई हुई? जवाब में मंत्री अकबर ने बताया कि कंपनी एक्ट के तहत कार्रवाई होती है. बकाया राशि लेने के लिए सिर्फ अनुरोध किया जा सकता है. मंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार को कार्रवाई का अधिकार नहीं है.

भाजपा विधायकों ने भूपेश सरकार को घेरा: भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने भी इस मुद्दे पर भूपेश सरकार को घेरा. शिवरतन शर्मा ने कहा कि सीएसआर की 40 से 50 फीसदी राशि राज्य सरकार ले लेती है. ज्यादातर राशि का सही इस्तेमाल नहीं करती है. वहीं कांग्रेस विधायक शैलेश पांडे ने पूछा कि ''क्या प्रदेश सरकार ऐसा कानून बना सकती है कि सीएसआर मद की राशि खर्च करने का अधिकार विधायकों को हो?'' मंत्री अकबर ने कहा कि ऐसी व्यवस्था नहीं है.

भाजपा का वॉकआउट: विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत ने कहा कि मंत्री लिस्ट ले लें और जानकारी दे दें कि किस संस्थान से कितनी राशि सीएसआर मद में आई है. नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने आरोप लगाया कि कलेक्टर सीएसआर का पैसा वसूलता है. वह पैसा सरकार को भेजता है और अपनी मर्जी से खर्च करता है. यहां के संसाधनों का उपयोग उद्योग करते हैं. सीएसआर की लूट बंद होनी चाहिए. इस मुद्दे पर छत्तीसगढ़ विधानसभा में जमकर हंगामा बरपा. मंत्री के जवाब से असंतुष्ट भाजपा विधायकों ने वॉकआउट कर दिया.

रायपुर: नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कोरबा, बिलासपुर और जांजगीर चांपा में सीएसआर मद से खर्च का मुद्दा उठाया. नारायण चंदेल ने पूछा कि साल 2021, 2022 और 15 फरवरी 2023 तक किन किन औद्योगिक संस्थानों से कितनी राशि सीएसआर से मिली है. नारायण चंदेल ने यह भी पूछा कि राज्य की जमीन पर उद्योग लगते हैं. राज्य के संसाधनों का इस्तेमाल होता है लेकिन सीएसआर फंड के उपयोग के लिए कोई नीति नहीं है. उन्होंने मंत्री से यह सवाल भी पूछा कि सीएसआर मद के तहत कितनी राशि आवंटित होनी चाहिए थी और कितनी राशि मिली?

छत्तीसगढ़ में नीति नहीं: नारायण चंदेल के सवाल का मंत्री मोहम्मद अकबर ने जवाब दिया. मंत्री अकबर ने सीएसआर फंड के तहत राशि देने का अनुरोध किया जाता है, दबाव नहीं बनाया जा सकता है. नारायण चंदेल ने यह सवाल भी किया कि ओडिशा ने सीएसआर फंड पर स्पष्ट नीति बनाई है लेकिन छत्तीसगढ़ में ऐसी कोई नीति नहीं है. मंत्री मोहम्मद अकबर ने जवाब दिया कि ओडिशा की नीति की स्टडी की जाएगी.

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सरकार को कार्रवाई का अधिकार नहीं: भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने सवाल उठाया कि जिसने सीएसआर मद में पैसा नहीं दिया, उस पर क्या कार्रवाई हुई? जवाब में मंत्री अकबर ने बताया कि कंपनी एक्ट के तहत कार्रवाई होती है. बकाया राशि लेने के लिए सिर्फ अनुरोध किया जा सकता है. मंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार को कार्रवाई का अधिकार नहीं है.

भाजपा विधायकों ने भूपेश सरकार को घेरा: भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने भी इस मुद्दे पर भूपेश सरकार को घेरा. शिवरतन शर्मा ने कहा कि सीएसआर की 40 से 50 फीसदी राशि राज्य सरकार ले लेती है. ज्यादातर राशि का सही इस्तेमाल नहीं करती है. वहीं कांग्रेस विधायक शैलेश पांडे ने पूछा कि ''क्या प्रदेश सरकार ऐसा कानून बना सकती है कि सीएसआर मद की राशि खर्च करने का अधिकार विधायकों को हो?'' मंत्री अकबर ने कहा कि ऐसी व्यवस्था नहीं है.

भाजपा का वॉकआउट: विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत ने कहा कि मंत्री लिस्ट ले लें और जानकारी दे दें कि किस संस्थान से कितनी राशि सीएसआर मद में आई है. नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने आरोप लगाया कि कलेक्टर सीएसआर का पैसा वसूलता है. वह पैसा सरकार को भेजता है और अपनी मर्जी से खर्च करता है. यहां के संसाधनों का उपयोग उद्योग करते हैं. सीएसआर की लूट बंद होनी चाहिए. इस मुद्दे पर छत्तीसगढ़ विधानसभा में जमकर हंगामा बरपा. मंत्री के जवाब से असंतुष्ट भाजपा विधायकों ने वॉकआउट कर दिया.

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