रायपुर: पांच राज्यों के 57 बीजेपी विधायक एक अभियान में भाग लेने के लिए सोमवार को रायपुर पहुंचे. जिसके दौरान प्रत्येक विधायक को एक विधानसभा क्षेत्र आवंटित किया जाएगा. जहां वे एक सप्ताह बिताएंगे और काम करेंगे. बीजेपी ने इस अभियान को विधायक प्रवास अभियान का नाम दिया है. जिसकी शुरुआत सोमवार से हुई है. सभी निर्वाचन क्षेत्रों के उनके दौरे से पहले रायपुर बीजेपी कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में इन सभी बीजेपी नेताओं को ट्रेनिंग दी गई है. जिन राज्यों से विधायक आए हैं. उनमें कर्नाटक, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और असम के विधायक हैं. इसमें प्रमुख संयोजक के तौर पर कर्नाटक के अभय पाटिल और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव शामिल हुए.
विधायक प्रवास अभियान के तहत ट्रेनिंग का आयोजन: ट्रेनिंग सत्र के उद्घाटन में बीजेपी के क्षेत्रीय महासचिव अजय जामवाल, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव और नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल मौजूद रहे. इस मौके पर अरुण साव ने कहा कि" पांच राज्यों के भाजपा विधायक छत्तीसगढ़ पहुंचे हैं. उनमें से प्रत्येक को एक विधानसभा सीट दी जाएगी जहां वे एक सप्ताह बिताएंगे और काम करेंगे. पड़ोसी राज्य ओडिशा के बीजेपी विधायकों के सुझाव और इनपुट अंतरराज्यीय सीमा पर पड़ने वाले निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव की तैयारी में मददगार होंगे. "
"इस अभियान से आने वाले विधायकों को संगठनात्मक संरचना, राज्य के राजनीतिक परिदृश्य और राज्य में पार्टी कार्यकर्ता कैसे काम करते हैं. इसके बारे में जानने का मौका मिलेगा. इसके अलावा राज्य के भाजपा कार्यकर्ताओं को अन्य राज्यों के विधायकों के अनुभव से लाभ मिलेगा. उन्हें दूसरे राज्यों में बीजेपी के कामकाज के बारे में जानकारी मिलेगी. ये विधायक विधानसभा क्षेत्रों में अपने सप्ताह भर के दौरे के दौरान विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेंगे. उन्होंने कहा कि विधायकों को कांग्रेस शासित राज्य में राजनीतिक स्थिति के बारे में बताया जा रहा है"- अरुण साव, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष
एक सप्ताह तक विधायक करेंगे दौरा: कार्यक्रम के बाद मीडिया से बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने चर्चा की. उन्होंने कहा कि " बीजेपी ने एक राष्ट्र, श्रेष्ठ राष्ट्र की दिशा में काम किया है. बीजेपी के पांच अलग राज्यों के विधायक 1 सप्ताह के प्रवास पर छत्तीसगढ़ आए हुए हैं. उन्हें एक-एक विधानसभा में 1 सप्ताह रह कर काम करना है. ये विधायक विधानसभा क्षेत्र के हर चीज पर बारीकी से जांच करेंगे.छत्तीसगढ़ के विधायक किस तरह से काम कर रहे हैं? संगठन की यहां किस तरह से रचना है? इन सारे बिंदुओं पर ये विधायक चर्चा करेंगे. राज्य के विधायकों को भी बाहर राज्य से आए हुए विधायकों की कार्य प्रणाली और कार्यशाली को जानने का इससे मौका मिलेगा."
कांग्रेस ने साधा निशाना: कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर भाजपा पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि, "भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को प्रदेश के स्थानीय नेताओं पर भरोसा नहीं है. इसीलिए वह बाहर से विधायक बुलाकर प्रचार-प्रसार करने की ट्रेनिंग दे रहे हैं. बीजेपी ने प्रत्याशियों की सूची जारी की है, उसमें अधिकतर प्रत्याशी दूसरे दलों से आए हुए हैं. कई लोगों का भारतीय जनता पार्टी से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं है. जो भाजपा के स्थानीय नेता हैं, चाहे रमन सिंह हो, बृजमोहन अग्रवाल हो, राजेश मूणत हो, अमर अग्रवाल हो, इन नेताओं के दागदार छवि से भाजपा घबराई हुई है. इसीलिए इन्हें साइड में करके बाहरी लोगों से प्रचार-प्रसार करवा रही है. हम बस इतना कहेंगे कि छत्तीसगढ़ में फिर से कांग्रेस की सरकार बनेगी."
कांग्रेस के बयान पर अमित चिमनानी का पलटवार: कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर के बयान पर भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि, "बीजेपी के अन्य राज्य के विधायक छत्तीसगढ़ आ रहे हैं और राज्य का काम देख रहे हैं तो इसमें कांग्रेस के पेट में दर्द क्यों हो रहा है? प्रियंका गांधी आई हुई थी, जिनके लिए छत्तीसगढ़ में गुलाब के फूल बिछाए गए थे, तो वह क्यों आई थी? क्या छत्तीसगढ़ का कांग्रेस का नेतृत्व कमजोर है? राहुल गांधी भी आने वाले हैं. लगातार कांग्रेस के नेताओं का दौरा जारी है. चुनाव के समय तो संगठन के लोग आते-जाते रहते हैं. अन्य राज्यों में जो विभिन्न पदों पर लोग हैं, वह भी आकर काम करते हैं. बीजेपी के लोग एसी कमरों में बैठने वाले लोग नहीं हैं. उन्हें जब भी राष्ट्र की सेवा करने का मौका मिलता है. वे करते हैं और राजनीति में हर काम को सेवा की दृष्टि से ही किया जाता है. यह बातें कांग्रेस को कभी समझ नहीं आएगी."
कांग्रेस पर कसा तंज: अरुण साव ने कांग्रेस को डरी हुई पार्टी करार दिया. साथ ही साव ने खुज्जी विधायक छन्नी साहू के साथ हुई घटना पर नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा, "जिस प्रकार विधायक छन्नी साहू के साथ घटना हुई है. इससे साफ है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति क्या है? यह बताने के लिए काफी है. ये हमला छन्नी साहू पर नहीं है, बल्कि ये हमला छत्तीसगढ़ की सवा करोड़ बहू बेटियों पर है. राज्य की कांग्रेस सरकार अपने विधायक की रक्षा नहीं कर पा रही है. ये सरकार प्रदेश की बेटियों की रक्षा कैसे कर पाएगी."
बता दें कि दूसरे राज्यों से आए बीजेपी के 57 विधायकों ने प्रशिक्षण शिविर में हिस्सा लिया है. इस ट्रेनिंग में उन्हें छत्तीसगढ़ की भगौलिक स्थिति की जानकारी दी गई है. ताकि इनको यहां चीजों को समझने में कोई परेशानी न हो.