रायपुर: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के लिए निगम मंडल की दूसरी सूची लाना टेढ़ी खीर साबित हो रही है. सरकार की ओर से लगातार मैराथन बैठकों के साथ सूची लाने को लेकर दिनरात मंथन चल रहा है. अलग-अलग स्तर पर बैठक कर सत्ता और संगठन में तालमेल बैठाने पर जोर दिया जा रहा है.
32 लोगों की भारी-भरकम सूची जारी करने के बाद अब दूसरी सूची भी जल्द ही जारी होने वाली है, लेकिन सूची में लेटलतीफी को लेकर अब विपक्ष को भी आरोप लगाने का मौका मिल गया है. निगम मंडल की सूची को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने पहले ही लेनदेन का आरोप लगाया था. अब एक बार फिर से सूची आने में देरी को लेकर विपक्ष सरकार और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर निशाना साधने से नहीं चूक रहे हैं.
इन निगम मंडलों में होनी है नियुक्तियां
- छत्तीसगढ़ बेवरेज कॉरपोरेशन
- पर्यटन मंडल
- सीएसआईडीसी
- छत्तीसगढ़ मार्कफेड
- छत्तीसगढ़ दुग्ध महासंघ
- छत्तीसगढ़ भवन संनिर्माण कर्मकार मंडल
- छत्तीसगढ़ युवा आयोग
- छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति आयोग
- छत्तीसगढ़ बाल आयोग
- मदरसा बोर्ड
- छत्तीसगढ़ माटी कला बोर्ड
- हथकरघा विकास बोर्ड
- छत्तीसगढ़ निशक्तजन आयोग
- मत्स्य महासंघ
- और क्रेडा जैसे बड़े विभागों में नियुक्तियां होनी हैं.
क्षेत्रीय और जातिगत संतुलन पर जोर
निगम मंडलों में नियुक्ति को लेकर जिस तरह से पार्टी दूसरी सूची तैयार कर रही है, इसे लेकर यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि क्षेत्रीय और जातिगत संतुलन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. संगठन की सूची में उन सक्रिय कार्यकर्ताओं पर ज्यादा ध्यान होगा जो अपने क्षेत्र में लंबे समय से सक्रिय हैं. वहीं निगम मंडलों में नियुक्ति नहीं पाने वाले सक्रिय कार्यकर्ताओं को जिला और ब्लॉक कांग्रेस कमेटी की कार्यकारिणी में भी जिम्मेदारी मिल सकती है.
नए साथियों को साथ लेकर चलने की जुगत
जानकारी के मुताबिक, जिन निगम मंडल, आयोग और प्राधिकरण में केवल अध्यक्षों की घोषणा की गई है, उनमें सदस्यों के नाम पर विचार किया जा रहा है. किन साथियों को उसमें एडजेस्ट किया जा सकता है, इसे लेकर अब चर्चा का दौर शुरू हो गया है. पहली सूची आने के बाद संगठन के कुछ नेताओं में नाराजगी की बात भी सामने आ रही है. कई वरिष्ठ साथियों को जगह न मिल पाने और उनके लोगों को जगह ना मिलने से अब दूसरी सूची में उन्हें भी एडजेस्ट करने की जद्दोजहद चल रही है.