रायपुर: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने छत्तीसगढ़ से श्रमिकों के पलायन के मुद्दे पर प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली और उनके दावों पर सवालिया निशान खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार श्रमिकों को पर्याप्त रोजगार मुहैया कराने और ग्रामीण अर्थ व्यवस्था की मजबूती के चाहे जितने दावे कर ले, लेकिन छत्तीसगढ़ से मजदूरों का पलायन इस बात का प्रमाण है कि प्रदेश सरकार इस मुद्दे पर झूठ फैलाकर प्रदेश को गुमराह कर रही है.
बीजेपी प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने कहा कि पिछले डेढ़ साल में प्रदेश के श्रमिकों को पर्याप्त रोजगार उपलब्ध कराकर ग्रामीण अर्थ व्यवस्था को मजबूती देने का दावा करने वाली प्रदेश की कांग्रेस सरकार के राजनीतिक पाखंड का जमीनी सच यह है कि पिछले डेढ़ साल के कांग्रेस शासन में प्रदेश से सर्वाधिक लोगों का पलायन हुआ है.
मजदूरों के लौटने का सिलसिला जारी
कोरोना संकट के मद्देनजर किए गए लॉकडाउन में फंसे श्रमिकों की वापसी के समय राज्य सरकार ने प्रदेश के सवा लाख श्रमिकों के अन्य प्रदेशों में होने की जानकारी दी थी, लेकिन इन श्रमिकों की वापसी अब तक जारी है. जिनकी संख्या तीन से सवा तीन लाख तक होने की संभावना लगाई गई है और यह संख्या अभी और बढ़ने का अनुमान है.
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प्रदेश में लगातार कोरोना के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं. वहीं प्रवासी मजदूरों का आना लगातार जारी है. इस बीच प्रदेश में बाहर से आए हुए मजदूरों को रोजगार देने के उद्देश्य से मनरेगा के तहत कई कार्यों की शुरुआत की गई है, जिसमें राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक लाखों मजदूरों को रोजगार मिल चुका है और उनकी आर्थिक स्थिति को इससे मदद मिली है.
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जशपुर जिला में मनरेगा के तहत दिया जाने वाला काम और मजदूरों को रोजगार देने के मामले में यह जिला टॉप पर है. जिले ने मई में मानव दिवस सृजन के लक्ष्य को 100 फीसदी तक प्राप्त कर लिया है. मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत के.एस.मंडावी ने बताया कि लाॅकडाउन के दौरान मनरेगा ग्रामीणों को मनरेगा के तहत काम दिया गया. जिससे ग्रामीणों की स्थिति में सुधार आया है. साथ ही सामाजिक काम के साथ साथ कृषि कार्य और जल बचाव के कामों को भी प्राथमिकता दी जा रही है. जिससे योजना का भी क्रियान्वयन किया जा रहा है.