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मेयर को पार्षद का भी टिकट न देने से कांग्रेस के निशाने पर भाजपा, रमन बोले-पुराने कार्यकर्ता हैं, मान जाएंगे - कांग्रेस के निशाने पर भाजपा

बीरगांव में निकाय चुनाव (chhattisgarh municipal elections 2021) काफी दिलचस्प होने की संभावना है. भाजपा ने यहां की मेयर रह चुकी अंबिका यदु को इस बार पार्षद का भी टिकट नहीं दिया है. इस मुद्दे पर कांग्रेस, भाजपा को लगातार घेर रही है.

Municipal elections may be triangular in Birgaon
बीरगांव में त्रिकोणीय हो सकता है निकाय चुनाव
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Published : Dec 6, 2021, 6:00 PM IST

Updated : Dec 6, 2021, 7:36 PM IST

रायपुर : छत्तीसगढ़ में 10 जिलों के 15 निकायों के लिए 20 दिसंबर को वोटिंग (chhattisgarh municipal elections 2021) होगी. इसका रिजल्ट 23 दिसंबर को घोषित किया जाएगा. वहीं बीरगांव नगर निगम (Birgaon Municipal Corporation) की बात की जाए तो 3 दिसंबर को नामांकन के आखिरी दिन कांग्रेस, भाजपा और जनता कांग्रेस के उम्मीदवार गाजे-बाजे के साथ नामांकन दाखिल करने पहुंचे थे. बीरगांव चुनाव में भाजपा, कांग्रेस और जनता कांग्रेस ने सभी 40 वार्डों के लिए प्रत्याशियों के नाम जारी कर दिया हैं. सभी पार्टियां बीरगांव चुनाव विकास के मुद्दों पर ही लड़ने जा रही है.

बीरगांव में त्रिकोणीय हो सकता है निकाय चुनाव

अंबिका यदु को टिकट के मुद्दे पर पक्ष-विपक्ष आमने-सामने

बीरगांव चुनाव में भाजपा ने बीरगांव की महापौर रह चुकी अंबिका यदु को इस बार पार्षद का टिकट भी नहीं दिया है. इसको लेकर कांग्रेस भाजपा को घेरने में लगी है. कांग्रेस का कहना है कि महापौर अंबिका यदु को टिकट न देकर भाजपा ने स्वीकार किया है कि महापौर रहने के दौरान बीरगांव की जनता पीड़ित और प्रताड़ित रही है. जबकि भाजपा का कहना है कि कुछ लोग ऐसे हैं, जो नाराज हैं. जिनको टिकट मिलने की उम्मीद थी, लेकिन सब को टिकट देना संभव नहीं था. हमारे पुराने कार्यकर्ता हैं, सब मान जाएंगे.

एक वायरल वीडियो में कुर्सी फेंकती दिख रही महिला

वहीं सोशल मीडिया पर भी एक वीडियो वायरल (video viral) हो रहा है जो भिलाई का है. उस वीडियो में नजर आ रहा है कि भाजपा कार्यालय में बैठक चल रही है. वीडियो में नाराज महिला कुर्सी फेंकती नजर आ रही हैं. साथ ही कुछ और लोग भी बैठक में हंगामा करते दिखाई दे रहे हैं. हालांकि ईटीवी भारत इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है.

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बीरगांव निकाय चुनाव में भाजपा का सूपड़ा साफ होगा : धनंजय

इधर, कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने बताया कि बीरगांव नगर निगम में भाजपा की परिषद रही है. भाजपा के कुशासन और भ्रष्टाचार से बीरगांव नगर निगम की जनता पीड़ित रही है. मूलभूत सुविधाएं जनता को नहीं मिल पाईं. छोटे-छोटे कामों को लेकर आम लोगों को भटकना पड़ रहा था. भाजपा ने बीरगांव नगर निगम के महापौर का टिकट काटकर यह स्वीकार किया है कि उनके शासनकाल में बीरगांव की जनता पीड़ित और प्रताड़ित रही. बीरगांव की जनता अब बदलाव चाहती है और कांग्रेस सरकार के कामों पर अब जनता मुहर लगाएगी. बीरगांव में भाजपा का सूपड़ा साफ होगा.

सबको टिकट देना संभव नहीं, कार्यकर्ताओं को समझाने की हो रही कोशिश

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह (Former Chief Minister of Chhattisgarh Raman Singh) ने कहा है कि कुछ लोग नाराज हैं. कुछ लोगों को टिकट मिलने की उम्मीद थी और उन लोगों को टिकट नहीं मिल पाया. सबको टिकट दे पाना संभव नहीं है. उनसे बातचीत करके उनको समझाया जा रहा है. सब हमारे बहुत पुराने कार्यकर्ता हैं, सब मान जाएंगे.

बरखा सिंह को रायगढ़ महिला कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने का विरोध, महिला कार्यकर्ताओं ने दी इस्तीफे की धमकी

भाजपा चेहरे को मौका देकर जीतना चाहती है चुनाव

वरिष्ठ पत्रकार एम केसरवानी का कहना है कि इसके पीछे हमें जो रीजन समझ में आ रहा है वह चेहरा बदलने का है. जैसे पिछले समय लोकसभा चुनाव में भी इन्होंने नए चेहरों का प्रयोग किया और इनको अच्छी सफलता मिली. इनको लग रहा है कि नगर निगम के चुनाव हैं, उसमें चेहरा बदलेंगे तो उसका फायदा उन्हें मिलेगा. जो पहले काम कर चुका है, जैसे अंबिका यदु पहले महापौर रही हैं तो एक विरोधी लहर की भावना रहती है. इससे बचने के लिए उन्हें पार्षद का भी टिकट नहीं दिया गया है. ऐसा मुझे लगता है. मतदाताओं का रुझान किसी भी पार्टी में ज्यादा नजर नहीं आ रहा है. बीरगांव क्षेत्र में जोगी कांग्रेस की स्थिति थोड़ी ठीक है.

रायपुर : छत्तीसगढ़ में 10 जिलों के 15 निकायों के लिए 20 दिसंबर को वोटिंग (chhattisgarh municipal elections 2021) होगी. इसका रिजल्ट 23 दिसंबर को घोषित किया जाएगा. वहीं बीरगांव नगर निगम (Birgaon Municipal Corporation) की बात की जाए तो 3 दिसंबर को नामांकन के आखिरी दिन कांग्रेस, भाजपा और जनता कांग्रेस के उम्मीदवार गाजे-बाजे के साथ नामांकन दाखिल करने पहुंचे थे. बीरगांव चुनाव में भाजपा, कांग्रेस और जनता कांग्रेस ने सभी 40 वार्डों के लिए प्रत्याशियों के नाम जारी कर दिया हैं. सभी पार्टियां बीरगांव चुनाव विकास के मुद्दों पर ही लड़ने जा रही है.

बीरगांव में त्रिकोणीय हो सकता है निकाय चुनाव

अंबिका यदु को टिकट के मुद्दे पर पक्ष-विपक्ष आमने-सामने

बीरगांव चुनाव में भाजपा ने बीरगांव की महापौर रह चुकी अंबिका यदु को इस बार पार्षद का टिकट भी नहीं दिया है. इसको लेकर कांग्रेस भाजपा को घेरने में लगी है. कांग्रेस का कहना है कि महापौर अंबिका यदु को टिकट न देकर भाजपा ने स्वीकार किया है कि महापौर रहने के दौरान बीरगांव की जनता पीड़ित और प्रताड़ित रही है. जबकि भाजपा का कहना है कि कुछ लोग ऐसे हैं, जो नाराज हैं. जिनको टिकट मिलने की उम्मीद थी, लेकिन सब को टिकट देना संभव नहीं था. हमारे पुराने कार्यकर्ता हैं, सब मान जाएंगे.

एक वायरल वीडियो में कुर्सी फेंकती दिख रही महिला

वहीं सोशल मीडिया पर भी एक वीडियो वायरल (video viral) हो रहा है जो भिलाई का है. उस वीडियो में नजर आ रहा है कि भाजपा कार्यालय में बैठक चल रही है. वीडियो में नाराज महिला कुर्सी फेंकती नजर आ रही हैं. साथ ही कुछ और लोग भी बैठक में हंगामा करते दिखाई दे रहे हैं. हालांकि ईटीवी भारत इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है.

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बीरगांव निकाय चुनाव में भाजपा का सूपड़ा साफ होगा : धनंजय

इधर, कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने बताया कि बीरगांव नगर निगम में भाजपा की परिषद रही है. भाजपा के कुशासन और भ्रष्टाचार से बीरगांव नगर निगम की जनता पीड़ित रही है. मूलभूत सुविधाएं जनता को नहीं मिल पाईं. छोटे-छोटे कामों को लेकर आम लोगों को भटकना पड़ रहा था. भाजपा ने बीरगांव नगर निगम के महापौर का टिकट काटकर यह स्वीकार किया है कि उनके शासनकाल में बीरगांव की जनता पीड़ित और प्रताड़ित रही. बीरगांव की जनता अब बदलाव चाहती है और कांग्रेस सरकार के कामों पर अब जनता मुहर लगाएगी. बीरगांव में भाजपा का सूपड़ा साफ होगा.

सबको टिकट देना संभव नहीं, कार्यकर्ताओं को समझाने की हो रही कोशिश

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह (Former Chief Minister of Chhattisgarh Raman Singh) ने कहा है कि कुछ लोग नाराज हैं. कुछ लोगों को टिकट मिलने की उम्मीद थी और उन लोगों को टिकट नहीं मिल पाया. सबको टिकट दे पाना संभव नहीं है. उनसे बातचीत करके उनको समझाया जा रहा है. सब हमारे बहुत पुराने कार्यकर्ता हैं, सब मान जाएंगे.

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भाजपा चेहरे को मौका देकर जीतना चाहती है चुनाव

वरिष्ठ पत्रकार एम केसरवानी का कहना है कि इसके पीछे हमें जो रीजन समझ में आ रहा है वह चेहरा बदलने का है. जैसे पिछले समय लोकसभा चुनाव में भी इन्होंने नए चेहरों का प्रयोग किया और इनको अच्छी सफलता मिली. इनको लग रहा है कि नगर निगम के चुनाव हैं, उसमें चेहरा बदलेंगे तो उसका फायदा उन्हें मिलेगा. जो पहले काम कर चुका है, जैसे अंबिका यदु पहले महापौर रही हैं तो एक विरोधी लहर की भावना रहती है. इससे बचने के लिए उन्हें पार्षद का भी टिकट नहीं दिया गया है. ऐसा मुझे लगता है. मतदाताओं का रुझान किसी भी पार्टी में ज्यादा नजर नहीं आ रहा है. बीरगांव क्षेत्र में जोगी कांग्रेस की स्थिति थोड़ी ठीक है.

Last Updated : Dec 6, 2021, 7:36 PM IST
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