रायपुर: छत्तीसगढ़ के कवर्धा हिंसा मामले (Kawardha Violence Case) में बीजेपी सांसद संतोष पांडेय (BJP MP Santosh Pandey) के शामिल होने पर खुद बीजेपी सांसद (BJP MP) ने अपनी ओर से सफाई दी है. उन्होंने कहा कि मैं किसी हिंसा में शामिल नहीं था. मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि मेरे खिलाफ कोई सबूत दिखाएं. पुलिस सिर्फ बीजेपी वालों को टारगेट कर रही है. यहां प्रदेश कांग्रेस कमेटी (State Congress Committee) की जगह 'पुलिस कांग्रेस कमेटी' है. दरअसल कवर्धा दंगों में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है. जिसके बाद बीजेपी सांसद संतोष पांडेय (BJP MP Santosh Pandey) ने इस मामले से अपने आप को अलग बताया है.
कवर्धा कर्फ्यू में ढील, खुलेंगी सुबह 9 बजे से दोपहर 03 बजे तक दुकानें
93 लोग गिरफ्तार
कवर्धा जिले में विवाद को लेकर 3 अक्टूबर से अब तक 7 एफआईआर में दोनों समुदाय से 1 हजार से ज्यादा लोगों पर FIR दर्ज की गई है. जिसमें राजनांदगांव लोकसभा सांसद संतोष पाडेय (Rajnandgaon Lok Sabha MP Santosh Pandey), पूर्व सांसद अभिषेक सिंह (Former MP Abhishek Singh) भी शामिल हैं. एक पक्ष के 16 लोग और दूसरे पक्ष से 77 लोग कुल 93 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. रविवार तीन अक्टूबर की शाम को हुई दो पक्षों में मारपीट (fight between two sides) के बाद शहर का माहौल पूरी तरह से बिगड़ गया था. जिला प्रशासन (Kawardha Administration) ने धारा 144 लगा दी थी. कलेक्टर (Kawardha Collector) ने रविवार को ही स्कूल-कॉलेज बंद करने की घोषणा कर दी थी. चार जिला रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, बेमेतरा से बड़ी संख्या में पुलिस बल और PTS के जवानों को बुलाया लिया गया था. पुलिस लगातार पेट्रोलिंग कर रही है.
रायपुर में बीजेपी नेताओं ने राज्यपाल से की मुलाकात
कवर्धा विवाद (Kawardha Controversy) में गिरफ्तार किए गए भाजपा कार्यकर्ताओं (BJP workers) को छोड़ने और न्यायिक जांच की मांग को लेकर भाजपा नेता शुक्रवार को राज्यपाल से भी मिले. पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह (Former Chief Minister Dr. Raman Singh), अजय चंद्राकर, बृजमोहन अग्रवाल, सांसद सुनील सोनी, शिवरतन शर्मा, पूर्व सांसद अभिषेक सिंह, संतोष पांडे और विजय शर्मा ने राज्यपाल से मुलाकात की. भाजपा नेताओं ने राज्यपाल से कवर्धा मामले में न्यायिक जांच कराने की मांग की है.