रायपुर: राज्य सरकार ने राजनांदगांव के मदनवाड़ा नक्सली हमले की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन कर दिया है. हमले की जांच के लिए 9 बिन्दु तय कर दिए गए हैं. इलाहाबाद उच्च न्यायालय के रिटायर न्यायाधीश न्यायमूर्ति शंभूनाथ श्रीवास्तव की अध्यक्षता में गठित यह न्यायिक जांच आयोग 6 महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेंगी.
12 जुलाई 2009 को हुआ था मदनवाड़ा नक्सल हमला
यह जांच आयोग 12 जुलाई 2009 को राजनांदगांव जिले के थाना मानपुर के अंतर्गत ग्राम मदनवाड़ा, महका पहाडी़, ग्राम कारेकट्टा एवं ग्राम कोरकोट्टी के पास नक्सली घटना की जांच करेगा. इस घटना में राजनांदगांव जिले के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक वीके चौबे सहित 29 पुलिस के जवान शहीद हो गए थे. आयोग के गठन की अधिसूचना 15 जनवरी के छत्तीसगढ़ राजपत्र में प्रकाशित कर दी गई है.
6 महीने में यह जांच आयोग देगा रिपोर्ट
आयोग के गठन की अधिसूचना 15 जनवरी के छत्तीसगढ़ राजपत्र में प्रकाशित कर दी गई है. यह आयोग अधिसूचना के प्रकाशन की तारीख से 6 माह के भीतर जांच पूरी कर शासन को रिपोर्ट सौंपेगा.
पढ़ें: नड्डा के रूप में बीजेपी को मिला 11वां अध्यक्ष, हिमाचल से खास नाता
यह जांच आयोग 9 बिंदुओं पर जांच करेगी और उसके बाद यह रिपोर्ट सौंपेगी. निम्न 9 बिंदुओं पर इसकी जांच होगी.
- यह घटना किन परिस्थितियों में हुई.
- क्या घटना को घटित होने से रोका जा सकता था.
- क्या सुरक्षा की सभी निर्धारित प्रक्रियाओं-निर्देशों का पालन किया गया था.
- वे कौन सी परिस्थितियां थीं जिनके आधार पर पुलिस अधीक्षक और सुरक्षा बलों को उस अभियान में जाना पड़ा.
- मदनवाड़ा, कारेकट्टा एवं कोरकुट्टी में पुलिस अधीक्षक और सुरक्षाबलों के एम्बुश में फंसने पर क्या अतिरिक्त संसाधन और बल उपलब्ध कराए गए थे.
- उक्त घटना में नक्सलियों को हुए नुकसान एवं नक्सलियों के घायल, मृत होने के संबंध की जांच होगी.
- उक्त घटना में मृत एवं घायल सुरक्षाबल के सदस्य किन परिस्थितियों में शहीद और घायल हुए.
- घटना के पूर्व, घटना के दौरान एवं घटना के उपरांत ऐसे अन्य मुद्दे, जो घटना से संबंधित हो इस पर भी जांच होगी.
- क्या राज्य पुलिस बल एवं केन्द्रीय बल के बीच में समुचित समन्वय था, भविष्य में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति न हो, सुरक्षा एवं प्रशासकीय कदम उठाये जाने के संबंध में सुझाव एवं उपाय.