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रायपुर: विधानसभा के विशेष सत्र को लेकर आज भूपेश कैबिनेट की बैठक, कृषि कानून और धान खरीदी पर होगी चर्चा

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Published : Oct 26, 2020, 1:53 AM IST

छत्तीसगढ़ में विधानसभा के विशेष सत्र से पहले भूपेश कैबिनेट की दोपहर 12 बजे बैठक होगी. छत्तीसगढ़ सरकार ने 27 और 28 अक्टूबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है. इससे पहले आज भूपेश कैबिनेट की बैठक होगी, जिसमें सत्र में पेश किए जाने वाले कृषि विधेयक पर चर्चा होगी.

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विधानसभा के विशेष सत्र को लेकर आज भूपेश कैबिनेट की बैठक

रायपुर: छत्तीसगढ़ में विधानसभा के विशेष सत्र से पहले भूपेश कैबिनेट की बैठक होने जा रही है. आज दोपहर 12 बजे यह बैठक होगी. इस मीटिंग में विधानसभा के विशेष सत्र में प्रस्तुत किए जाने वाले संशोधन विधेयकों के प्रारूप पर चर्चा होगी. कैबिनेट की मंजूरी के बाद मंगलवार को इन विधेयकों को सदन में पेश किया जाएगा. इसके अलावा धान खरीदी के मुद्दे पर भी कैबिनेट में चर्चा हो सकती है.

छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार कृषि कानून के खिलाफ अपना कानून लाने जा रही है. जिसके लिए कैबिनेट का अनुमोदन जरूरी है. साथ ही 27 और 28 अक्टूबर को जो विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है, उसका उद्देश्य कृषि कानून 2020 में संशोधन करना है. 27 और 28 अक्टूबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है. इस लिहाज से कैबिनेट की बैठक 26 अक्टूबर को हो सकती है. छत्तीसगढ़ के संसदीय कार्य मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि कैबिनेट में नए कृषि कानून को लेकर चर्चा होगी.

विधेयक के लिए मंत्रिमंडल का अनुमोदन जरूरी

दरअसल विधानसभा में प्रस्तुत किए जाने वाले किसी भी विधेयक के लिए मंत्रिमंडल का अनुमोदन जरूरी होता है, इसलिए कैबिनेट की बैठक में इस पर चर्चा होगी. छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार कृषि कानून के खिलाफ अपना कानून लाने जा रही है. जिसके लिए कैबिनेट का अनुमोदन जरूरी है. साथ ही 27 और 28 अक्टूबर को जो विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है, उसका उद्देश्य कृषि कानून 2020 में संशोधन करना है.

27-28 अक्टूबर को विशेष सत्र

छत्तीसगढ़ में भी कृषि कानून को लेकर 27 और 28 अक्टूबर को सरकार ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है. इसके लिए सरकार ने राज्यपाल की मंजूरी के लिए प्रस्ताव भी भेजा था, लेकिन राजभवन ने फाइल लौटाकर ये पूछा है कि, 58 दिन पहले ही जब सत्र बुलाया गया था, तो ऐसी कौन सी परिस्थिति आ गई है कि विशेष सत्र बुलाए जाने की जरूरत पड़ रही है? सरकार के स्पष्टिकरण के बाद राज्यपाल ने सत्र के लिए मंजूरी दे दी.

कृषि कानून और विवाद: किसानों के हितों की रक्षा के लिए क्या कदम उठा सकती है छत्तीसगढ़ सरकार

पंजाब ने भी बनाया अपना कानून

कृषि कानून को लेकर पंजाब सरकार ने भी किसानों के अधिकतम समर्थन मूल्य में खरीदी करने के लिए नियम बनाए हैं. लेकिन इससे हटकर छत्तीसगढ़ के किसान नेताओं ने पंजाब में बनाई गई व्यवस्था से बेहतर नियम बनाने की मांग की है.

पंजाब सरकार ने ये 3 बिल पेश किए

  • फार्मर्स प्रोड्यूसर ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) स्पेशल प्रोविजंस एंड पंजाब अमेंडमेंट बिल
  • द एसेंशियल कमोडिटीज (स्पेशल प्रोविजंस एंड पंजाब अमेंडमेंट) बिल
  • द फार्मर्स (एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेज (स्पेशल प्रोविजंस एंड पंजाब अमेंडमेंट बिल)

क्या है कृषि कानून

  • पहला - बिल कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020. इसे ‘एक राष्ट्र एक बाज़ार’ का क़ानून कहा जा रहा है. अंग्रेजी में APMC
  • दूसरा - कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020. कानून के जरिए किसानों को कान्ट्रैक्ट फार्मिंग की ओर आकर्षित करने की कोशिश है.
  • तीसरा - आवश्यक वस्तु (संशोधक) विधेयक 2020. इस कानून के तहत आपदा एवं युद्ध काल के अलावा खाद्यान्न भंडारण की सीमा खत्म की जा रही है.

रायपुर: छत्तीसगढ़ में विधानसभा के विशेष सत्र से पहले भूपेश कैबिनेट की बैठक होने जा रही है. आज दोपहर 12 बजे यह बैठक होगी. इस मीटिंग में विधानसभा के विशेष सत्र में प्रस्तुत किए जाने वाले संशोधन विधेयकों के प्रारूप पर चर्चा होगी. कैबिनेट की मंजूरी के बाद मंगलवार को इन विधेयकों को सदन में पेश किया जाएगा. इसके अलावा धान खरीदी के मुद्दे पर भी कैबिनेट में चर्चा हो सकती है.

छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार कृषि कानून के खिलाफ अपना कानून लाने जा रही है. जिसके लिए कैबिनेट का अनुमोदन जरूरी है. साथ ही 27 और 28 अक्टूबर को जो विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है, उसका उद्देश्य कृषि कानून 2020 में संशोधन करना है. 27 और 28 अक्टूबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है. इस लिहाज से कैबिनेट की बैठक 26 अक्टूबर को हो सकती है. छत्तीसगढ़ के संसदीय कार्य मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि कैबिनेट में नए कृषि कानून को लेकर चर्चा होगी.

विधेयक के लिए मंत्रिमंडल का अनुमोदन जरूरी

दरअसल विधानसभा में प्रस्तुत किए जाने वाले किसी भी विधेयक के लिए मंत्रिमंडल का अनुमोदन जरूरी होता है, इसलिए कैबिनेट की बैठक में इस पर चर्चा होगी. छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार कृषि कानून के खिलाफ अपना कानून लाने जा रही है. जिसके लिए कैबिनेट का अनुमोदन जरूरी है. साथ ही 27 और 28 अक्टूबर को जो विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है, उसका उद्देश्य कृषि कानून 2020 में संशोधन करना है.

27-28 अक्टूबर को विशेष सत्र

छत्तीसगढ़ में भी कृषि कानून को लेकर 27 और 28 अक्टूबर को सरकार ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है. इसके लिए सरकार ने राज्यपाल की मंजूरी के लिए प्रस्ताव भी भेजा था, लेकिन राजभवन ने फाइल लौटाकर ये पूछा है कि, 58 दिन पहले ही जब सत्र बुलाया गया था, तो ऐसी कौन सी परिस्थिति आ गई है कि विशेष सत्र बुलाए जाने की जरूरत पड़ रही है? सरकार के स्पष्टिकरण के बाद राज्यपाल ने सत्र के लिए मंजूरी दे दी.

कृषि कानून और विवाद: किसानों के हितों की रक्षा के लिए क्या कदम उठा सकती है छत्तीसगढ़ सरकार

पंजाब ने भी बनाया अपना कानून

कृषि कानून को लेकर पंजाब सरकार ने भी किसानों के अधिकतम समर्थन मूल्य में खरीदी करने के लिए नियम बनाए हैं. लेकिन इससे हटकर छत्तीसगढ़ के किसान नेताओं ने पंजाब में बनाई गई व्यवस्था से बेहतर नियम बनाने की मांग की है.

पंजाब सरकार ने ये 3 बिल पेश किए

  • फार्मर्स प्रोड्यूसर ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) स्पेशल प्रोविजंस एंड पंजाब अमेंडमेंट बिल
  • द एसेंशियल कमोडिटीज (स्पेशल प्रोविजंस एंड पंजाब अमेंडमेंट) बिल
  • द फार्मर्स (एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेज (स्पेशल प्रोविजंस एंड पंजाब अमेंडमेंट बिल)

क्या है कृषि कानून

  • पहला - बिल कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020. इसे ‘एक राष्ट्र एक बाज़ार’ का क़ानून कहा जा रहा है. अंग्रेजी में APMC
  • दूसरा - कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020. कानून के जरिए किसानों को कान्ट्रैक्ट फार्मिंग की ओर आकर्षित करने की कोशिश है.
  • तीसरा - आवश्यक वस्तु (संशोधक) विधेयक 2020. इस कानून के तहत आपदा एवं युद्ध काल के अलावा खाद्यान्न भंडारण की सीमा खत्म की जा रही है.
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