रायपुर: मोदी सरकार के गांधी परिवार से एसपीजी सुरक्षा वापस लेने के फैसले के बाद से कांग्रेस के तमाम बड़े नेता नाराज हैं. पार्टी ने इसे बदले की कार्रवाई बताया है. इधर, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी इस फैसले पर ट्वीट करते हुए नाराजगी जताई है.
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जिस परिवार के दो शहीद व्यक्तियों के लहू की लालिमा आज भी भारत के नक्शे पर झलकती हो।
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जो देश अपने दो पूर्व प्रधानमंत्रियों को असमय खोने के लिए आज भी पश्चाताप करता हो।
उनके परिवार से एसपीजी सुरक्षा वापस लेना महज परिवार को असुरक्षित करना नहीं, बल्कि यह देश का भी अपमान है।
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— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) November 8, 2019
जो देश अपने दो पूर्व प्रधानमंत्रियों को असमय खोने के लिए आज भी पश्चाताप करता हो।
उनके परिवार से एसपीजी सुरक्षा वापस लेना महज परिवार को असुरक्षित करना नहीं, बल्कि यह देश का भी अपमान है।जिस परिवार के दो शहीद व्यक्तियों के लहू की लालिमा आज भी भारत के नक्शे पर झलकती हो।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) November 8, 2019
जो देश अपने दो पूर्व प्रधानमंत्रियों को असमय खोने के लिए आज भी पश्चाताप करता हो।
उनके परिवार से एसपीजी सुरक्षा वापस लेना महज परिवार को असुरक्षित करना नहीं, बल्कि यह देश का भी अपमान है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट करते हुए लिखा है, "जिस परिवार के दो शहीद व्यक्तियों के लहू की लालिमा आज भी भारत के नक्शे पर झलकती हो, जो देश अपने दो पूर्व प्रधानमंत्रियों को असमय खोने के लिए आज भी पश्चाताप करता हो, उनके परिवार से एसपीजी सुरक्षा वापस लेना महज परिवार को असुरक्षित करना नहीं, बल्कि यह देश का भी अपमान है."
28 साल से मिली थी SPG सुरक्षा
गांधी परिवार के तीनों सदस्यों को अब केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की सुरक्षा कवच वाली जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा मिलेगी. गांधी परिवार को अतिविशिष्ट लोगों को मिलने वाला एसपीजी (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप) सुरक्षा 28 साल से मिला हुआ था.
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विस्तृत समीक्षा के बाद लिया गया फैसला
श्रीलंका के तमिल आतंकवादी संगठन लिट्टे द्वारा 21 मई 1991 को किये गये हमले का शिकार हुए पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के परिजनों की एसपीजी सुरक्षा हटाये जाने के फैसले के बारे में सरकार की ओर से दलील दी गई है कि विस्तृत समीक्षा के बाद यह फैसला लिया गया है.