ETV Bharat / state

राजमाता के नाम पर जाना जाएगा सरगुजा का मेडिकल कॉलेज, सीएम ने किया एलान

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सदन में सरगुजा मेडिकल कॉलेज का नाम राजमाता देवेंद्र कुमारी सिंहदेव मेडिकल कॉलेज करने की घोषणा की है.

bhupesh baghel
भूपेश बघेल
author img

By

Published : Feb 25, 2020, 12:36 PM IST

रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सदन में सरगुजा मेडिकल कॉलेज का नाम राजमाता देवेंद्र कुमारी सिंहदेव मेडिकल कॉलेज करने की घोषणा की है. मंत्री रविंद्र चौबे के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री ने स्वीकार किया. विधानसभा सत्र के दूसरे दिन दिवंगत राजमाता देवेंद्र कुमारी सिंहदेव को श्रद्धांजलि दी गई.

सीएम का एलान

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि, 'राजमाता को हमने संगठक के रूप में देखा. कांग्रेस की जड़ें सरगुजा में जमाने में सबसे ज्यादा योगदान राजमाता का है. उनकी सहजता, सरलता और वात्सल्य हम सबको मिला. उनके संस्कार जो उन्होंने परिवार और समाज को दिया, वो मंत्री टीएस सिंहदेव में दिखता है. वो भले शारीरिक तौर पर नहीं हैं लेकिन उनके विचार हमेशा साथ रहेंगे'.

10 फरवरी को ली थी आखिरी सांस

राजमाता देवेन्द्र कुमारी ने 10 फरवरी को लंबी बीमारी के बाद आखिरी सांस ली थी. राजमाता देवेन्द्र कुमारी का जन्म 13 जुलाई 1933 को हिमाचल प्रदेश के शिमला में हुआ था. वो जुब्बल रियासत के महाराज स्वर्गीय दिग्विजय सिंह की बेटी थीं. 21 अप्रैल 1948 को इनका विवाह सरगुजा महाराज रामानुज शरण सिंहदेव के बेटे IAS मदनेश्वर शरण सिंहदेव से हुआ था.

राजनीति में सक्रिय थीं राजमाता

1967 में सरगुजा की राजनीति में वे सक्रिय हुईं थी. तभी 1967 के भयंकर अकाल में राजमाता ने ही सरगुजा का नेतृत्व किया था. देवेन्द्र कुमारी सिंहदेव अंबिकापुर विधानसभा से विधायक बनीं और मध्यप्रदेश के प्रकाश चंद्र सेठी मंत्रीमंडल में आवास, पर्यावरण, वित्त एवं पृथक आगम मंत्री रहीं. इसके बाद वो वर्तमान में कोरिया और तब के सरगुजा जिले की बैकुंठपुर विधानसभा से विधायक बनीं और अर्जुन सिंह मंत्रीमंडल में लघु एवं मध्यम सिंचाई मंत्री रहीं.

रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सदन में सरगुजा मेडिकल कॉलेज का नाम राजमाता देवेंद्र कुमारी सिंहदेव मेडिकल कॉलेज करने की घोषणा की है. मंत्री रविंद्र चौबे के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री ने स्वीकार किया. विधानसभा सत्र के दूसरे दिन दिवंगत राजमाता देवेंद्र कुमारी सिंहदेव को श्रद्धांजलि दी गई.

सीएम का एलान

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि, 'राजमाता को हमने संगठक के रूप में देखा. कांग्रेस की जड़ें सरगुजा में जमाने में सबसे ज्यादा योगदान राजमाता का है. उनकी सहजता, सरलता और वात्सल्य हम सबको मिला. उनके संस्कार जो उन्होंने परिवार और समाज को दिया, वो मंत्री टीएस सिंहदेव में दिखता है. वो भले शारीरिक तौर पर नहीं हैं लेकिन उनके विचार हमेशा साथ रहेंगे'.

10 फरवरी को ली थी आखिरी सांस

राजमाता देवेन्द्र कुमारी ने 10 फरवरी को लंबी बीमारी के बाद आखिरी सांस ली थी. राजमाता देवेन्द्र कुमारी का जन्म 13 जुलाई 1933 को हिमाचल प्रदेश के शिमला में हुआ था. वो जुब्बल रियासत के महाराज स्वर्गीय दिग्विजय सिंह की बेटी थीं. 21 अप्रैल 1948 को इनका विवाह सरगुजा महाराज रामानुज शरण सिंहदेव के बेटे IAS मदनेश्वर शरण सिंहदेव से हुआ था.

राजनीति में सक्रिय थीं राजमाता

1967 में सरगुजा की राजनीति में वे सक्रिय हुईं थी. तभी 1967 के भयंकर अकाल में राजमाता ने ही सरगुजा का नेतृत्व किया था. देवेन्द्र कुमारी सिंहदेव अंबिकापुर विधानसभा से विधायक बनीं और मध्यप्रदेश के प्रकाश चंद्र सेठी मंत्रीमंडल में आवास, पर्यावरण, वित्त एवं पृथक आगम मंत्री रहीं. इसके बाद वो वर्तमान में कोरिया और तब के सरगुजा जिले की बैकुंठपुर विधानसभा से विधायक बनीं और अर्जुन सिंह मंत्रीमंडल में लघु एवं मध्यम सिंचाई मंत्री रहीं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.