रायपुर: छत्तीसगढ़ में बिजली कटौती को लेकर भ्रामक जानकारी फैलाने के आरोप में एक व्यक्ति मांगीलाल अग्रवाल को गिरफ्तार किया गया था. आरोपी मांगीलाल अग्रवाल के खिलाफ पुलिस ने राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया है.
मामले की जानकारी जैसे की मुख्यमंत्री को मिली, मुख्यमंत्री ने तत्काल आरोपी के खिलाफ दर्ज राजद्रोह का केस वापस लेने का निर्देश दिए हैं. बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने राजद्रोह की धारा लगाने को लेकर पुलिस के खिलाफ नाराजगी भी जताई है.
सीएम ने क्या कहा
मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि, वे अभिव्यक्ति की आजादी का सम्मान करते हैं और इसका प्रबल पक्षधर हैं. उन्होंने मामले में बीजेपी को निशाने पर लेते हुए कहा कि इस तरह के काम पहले की सरकार की परंपरा रही है, लेकिन वे ऐसा नहीं होने देंगे. मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि लोग अपनी अभिव्यक्ति की आजादी को समझें और जो सही हो वहीं करें भ्रामक जानकारी न फैलाएं. मुख्यमंत्री ने मामले में राजद्रोह की धारा हटाने और पुलिस अधिकारियों को आगे इस तरह की घटना न दोहराने की निर्देश भी दिए हैं.
ये था पूरा मामला
राजनांदगांव के डोंगरगढ़ के मुसरा में रहने वाले एक व्यक्ति मांगीलाल अग्रवाल ने बीते दिनों एक वीडियो सोशल साइट्स पर शेयर किया था. जिसमें मांगीलाल ने छत्तीसगढ़ सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि, 'एक इन्वर्टर कंपनी के साथ छत्तीसगढ़ सरकार की सेटिंग हो गई है. जिसने राज्य सरकार को पैसा दिया है. करार के मुताबिक प्रदेश में घंटे दो घंटे में 10 से 15 मिनट के लिए बिजली कटौती होती रहेगी तो जिससे इन्वर्टर की बिक्री बढ़ेगी.'
ये वीडियो के वायरल होने के बाद 53 वर्षीय मांगीलाल के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी. शिकायत में पुलिस ने मांगीलाल के खिलाफ राजद्रोह की धारा 124A और सरकार के खिलाफ भ्रामक प्रचार करने की धारा 505/1/2 के तहत केस दर्ज कर मांगीलाल को गिरफ्तार कर लिया गया था.