रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर के पुलिस परेड ग्राउंड में स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण किया. सशस्त्र बल के जवानों की ओर से सीएम को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. जिसके बाद सीएम बघेल ने परेड की सलामी ली. सीएम ने तिरंगे गुब्बारे भी छोड़े. समारोह में अभिभाषण के दौरान सीएम ने छत्तीसगढ़ में चल रही सरकार की योजनाओं के बारे में बताया. 43 पुलिस अधिकारियों को पदक देकर सम्मानित किया. तीन सर्वेश्रेष्ठ गौठानों को भी पुरस्कार दिया गया. Bhupesh Baghel hoisted tricolor
13 प्लाटून ने किया आकर्षक मार्च पास्ट: पुलिस परेड ग्राउंड में आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में सीमा सुरक्षा बल, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, सशस्त्र सीमा बल, छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल की पुरुष एवं महिला प्लाटून, छत्तीसगढ़ पुलिस, नगर सेना, भारतीय तिब्बत सेना और एनसीसी की बालक बालिका प्लाटून के साथ पुलिस बैंड प्लाटून ने भी मार्च पास्ट किया.
स्वतंत्रता दिवस समारोह में भूपेश बघेल का अभिभाषण: सीएम भूपेश बघेल ने भाषण की शुरुआत स्वतंत्रता दिवस की बधाई के साथ की. सीएम ने कहा "आजाद भारत के अमृत महोत्सव के मूल्यों को समझने के लिए दो शताब्दियों की गुलामी को याद करना होगा. हमारे पुरखों ने अपनी जान दांव पर लगाकर फिरंगी सरकार के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद किया था. उनका त्याग और बलिदान देश की भावी पीढ़ियों को खुशहाल बनाने के लिए था. हमारा कर्तव्य है कि हम उनके सपनों को साकार करें और उनकी स्मृतियों को चिरस्थायी बनाएं."
422 नए स्वामी आत्मानंद स्कूल: स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल प्रदेश वासियों को संबोधित करते हुए कहा कि "आगामी शिक्षा सत्र के पूर्व प्रदेश के 422 स्कूलों में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय योजना लागू किया जाएगा. इसमें से 252 स्कूल बस्तर और सरगुजा संभाग के होंगे. सीएम बघेल ने कहा कि स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय योजना से स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में एक नई क्रांति आई है. पिछले साल 51 स्कूलों से यह योजना प्रारंभ की थी, जो अब बढ़कर 279 स्कूलों तक पहुंच चुकी है. जिसमें से 32 स्कूल हिंदी माध्यम के हैं और 247 स्कूलों में हिंदी के साथ अंग्रेजी माध्यम में भी शिक्षा दी जा रही है."
प्रारंभिक शिक्षा मातृभाषा में: सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि "बच्चों को हिंदी के अलावा 16 स्थानीय भाषाओं में और 4 पड़ोसी राज्यों की भाषाओं में पढ़ाई कर सके. इसके लिए पाठ्य पुस्तक प्रकाशित कराई है. हमारी कोशिश रहेगी कि बच्चों को उनकी मातृभाषा में ही प्रारंभिक शिक्षा प्रदान की जाए. उन्होंने निशुल्क पाठ्य पुस्तक योजना के तहत पहली से कक्षा दसवीं तक के सभी स्कूलों के बच्चों को लगभग 52 लाख पाठ्य पुस्तकें प्रदान करने की बात कही है.
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"राजीव गांधी किसान न्याय योजना तीसरे साल में प्रवेश कर चुकी है. इससे लगभग 13 हजार करोड़ की राशि किसानों को दी गई. एक सीजन में किसानों को प्रति एकड़ 9 हजार रुपये की राशि देने वाला छत्तीसगढ़ पहला प्रदेश है."
"गोधन न्याय योजना शुरू हुए भी तीन साल हो गए हैं. अब तक गोबर विक्रेता, गौठान समितियों और स्व सहायता समूहों को 312 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं. देश में रासायनिक खाद की कमी और मूल्य वृद्धि के बीच गौठानों में बनाया जा रहा जैविक खाद एक बेहतर विकल्प बन रहा है.
"किसानों की सिंचाई कर माफी की पहल में भी विस्तार किया गया है. 7 लाख से अधिक किसानों के 342 करोड़ रुपये की राशि माफ की जा चुकी है. किसानों को 4 साल पहले मात्र 3 हजार 692 करोड़ रुपये कृषि ऋण के रूप में मिलता था. हमने इस साल लक्ष्य बढ़ाकर 6 हजार 500 करोड़ रुपये कर दिया है. जिससे लगभग 75 प्रतिशत अधिक राशि ब्याजमुक्त ऋण के रूप में कृषि क्षेत्र में आएगी."
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"राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना’ अपने दूसरे वर्ष में प्रवेश कर चुकी है. इसके तहत अब-तक पात्र हितग्राहियों को 213 करोड़ रुपये की राशि दी जा चुकी है.
मैंने घोषणा की थी कि 31 जनवरी 2021 तक लंबित कृषि पंपों के ऊर्जीकरण का काम जल्द पूरा कर दिया जाएगा और मुझे यह कहते हुए खुशी है कि हमने 35 हजार 151 कृषि पंपों को ऊर्जित करते हुए एक नया कीर्तिमान बना लिया है. अब 20 हजार 550 नए पंप कनेक्शनों का काम 31 मार्च 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य है."
इस साल धान खरीदी 98 लाख मीट्रिक टन के सर्वोच्च शिखर पर पहुंची है. जो 4 साल पहले सिर्फ 57 लाख मीट्रिक टन थी. धान बेचने वाले किसानों की संख्या भी अब बढ़कर 21 लाख 77 हजार से ज्यादा हो गई है. जो पहले मात्र 12 लाख 6 हजार थी. इस तरह हमारे प्रयासों से धान बेचने वाले किसानों की संख्या 9 लाख 71 हजार बढ़ी है. प्रदेश में धान के अलावा अन्य अनाजों का उत्पादन बढ़ाने के भी अनेक उपाय किए गए हैं. जिसके कारण अनाज उत्पादन के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ न सिर्फ स्वावलम्बी हुआ है बल्कि प्रदेश में कुल आवश्यकता का 270 प्रतिशत अधिक अनाज उत्पादन हुआ है. फसल विविधीकरण की गति बढ़ाने के लिए ‘टी-कॉफी बोर्ड’ का गठन किया गया है. दलहन-तिलहन का उत्पादन बढ़ाने के लिए बहुत से कदम उठाए हैं.
दलहन फसल की समर्थन मूल्य पर खरीदी: इस वर्ष से दलहन फसलों की खरीदी भी समर्थन मूल्य पर की जाएगी. खरीफ 2021 में धान के बदले 17 हजार 539 एकड़ क्षेत्र में दलहन, तिलहन और 240 एकड़ में वृक्षारोपण किया गया है. रबी 2021-22 में ग्रीष्मकालीन धान का रकबा 95 हजार हेक्टेयर कम करते हुए 42 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में मक्का और शेष रकबे में दलहन, तिलहन, साग-सब्जी की फसलें लगाई गई हैं. खरीफ 2022 में धान के 5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को दलहन-तिलहन एवं अन्य उद्यानिकी फसलों से प्रतिस्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है."
"सुराजी गांव योजना अत्यंत महत्वाकांक्षी पहल है. जिससे छत्तीसगढ़ को स्वावलंबी ग्रामीण अर्थव्यवस्था वाला राज्य बनाने, भू-जल संरक्षण व रिचार्जिंग को बढ़ाने और कृषि भूमि को जहरीले रसायनों से मुक्ति दिलाते हुए जैविक खेती में मदद मिल रही है. "
"नरवा योजना से विभिन्न नालों में 99 लाख से अधिक संरचनाओं का निर्माण किया गया है. जिससे उपचारित क्षेत्र में भू-जल स्तर में 30 प्रतिशत तक वृद्धि हुई है. नालों में पानी की उपलब्धता भी दो माह अधिक रहने लगी है. गरुवा योजना में पहले हमने गौठानों के विकास पर जोर दिया. अब-तक 8 हजार 408 गौठानों को विकसित किया जा चुका है, जो रोका-छेका अभियान के साथ आर्थिक-सांस्कृतिक गतिविधियों के केन्द्र बने हैं. गोबर से बिजली बनाने के लिए भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर के साथ प्रौद्योगिकी साझा करने एमओयू किया गया है. गोबर से ऑयल पेंट और अन्य उत्पाद बनाने की दिशा में भी बहुआयामी पहल की जा रही है."
"महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना को हम ग्रामीण अंचलों में मजदूरी से जीवन-यापन करने वाले परिवारों की जीवन रेखा मानते हैं.साल 2021-22 में लेबर बजट के विरूद्ध मांग के आधार पर लक्ष्य से 108 प्रतिशत अधिक मानव दिवस रोजगार सृजित किए. मनरेगा से हर जिले में कम से कम 75 अमृत सरोवर निर्मित करने का लक्ष्य था, उससे अधिक 2 हजार 709 अमृत सरोवर निर्मित किए. गौठानों के निकट मछली पालन के 1 हजार 859 तालाब स्वीकृत किए गए हैं. जिसमें से 1 हजार 318 पूरे कर लिए गए हैं. मनरेगा को शहरी क्षेत्रों के लिए भी लागू करने का अनुरोध भारत सरकार से किया है.'
चिटफंड कंपनियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करते हुए उनके 622 पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया है. माननीय न्यायालयों द्वारा लगभग 56 करोड़ रुपए की सम्पत्ति की नीलामी के आदेश दिए जा चुके हैं, जिसमें से 32 करोड़ रुपए की राशि नीलामी से मिली है. 8 हजार से अधिक निवेशकों को लगभग 18 करोड़ रुपए लौटाए जा चुके हैं. नीलामी से प्राप्त शेष राशि भी निवेशकों को लौटाने का कार्य प्रगति पर है. ऐसी अन्य कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई जारी है.
पेसा कानून किया लागू: आदिवासियों के हित में बरसों से लंबित पेसा अधिनियम के अंतर्गत नियम बनाने का काम पूरा कर इसे लागू कर दिया है. जिससे ग्राम सभाओं की शक्ति बढ़ेगी और उन्हें जल-जंगल-जमीन के बारे में खुद फैसला लेने का अधिकार मिलेगा.
शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के स्थायी उपाय किए. जिसके तहत पहले चरण में 14 हजार से अधिक शिक्षकों की स्थायी भर्ती का कार्य शुरू किया गया, जो अब अंतिम चरणों में है. इसके अतिरिक्त 10 हजार शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है.
छत्तीसगढ़ में न्यूनतम बेरोजगारी दर: राज्य की बेरोजगारी दर लगातार देश में न्यूनतम स्तर पर बनी हुई है. जो युवा कल्याण और रोजगारपरक योजनाओं की सफलता का प्रमाण है. सेंटर फॉर मॉनीटरिंग इंडियन इकॉनॉमी की तरफ से जारी नए आंकड़ों के अनुसार जुलाई में राज्य की बेरोजगारी दर मात्र 0.8 प्रतिशत रही, जबकि देश की औसत बेरोजगारी दर 6.9 प्रतिशत दर्ज की गई है.