रायपुर: गुरुवार को भूपेश बघेल कैबिनेट की अहम बैठक है. इस कैबनेट मीटिंग में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हो सकती है. छत्तीसगढ़ में कर्मचारियों के ट्रांसफर से जुड़े फैसले पर बैन हट सकता है.कैबिनेट बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हो सकती है. ट्रांसफर पर पिछले दो साल से भी ज्यादा समय से बैन है और कर्मचारी अधिकारियों के साथ साथ मंत्री और कांग्रेस के नेता भी इंतजार में हैं. संभव है कि सरकार कैबिनेट में इस पर फैसला कर सकती है.
कैबिनेट बैठक से पहले मंत्रिमंडलीय उपसमिति की हुई बैठक: गुरुवार को भूपेश कैबिनेट की बैठक है. उस मीटिंग से पहले मंत्रालय महानदी भवन में धान खरीदी के लिए गठित मंत्री मण्डलीय उप समिति की बैठक संपन्न हुई. खाद्य मंत्री अमरजीत भगत की अध्यक्षता में बैठक सम्पन्न हुई. जिसमे आगामी खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में प्रदेश के पंजीकृत किसानों से धान खरीदी करने के लिए कार्य योजना तैयार की गई.
110 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य: मंत्री मण्डलीय उप समिति की बैठक में इस वर्ष किसानों से समर्थन मूल्य पर 110 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है. बैठक में यह भी निर्णय लिया गया है कि पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी पुराने बारदानों से धान खरीदी की जाएगी. साथ ही किसानों से सुगमतापूर्वक धान खरीदी के लिए उपार्जन केन्द्रों की स्थिति तथा पहले से ही बारदाने की व्यवस्था करने पर विचार-विमर्श की गई है. बैठक में मंत्रियों ने पिछले वर्ष की गई धान खरीदी एवं कस्टम मिलिंग व्यवस्था के लिए अधिकारियों को बधाई दिया.
साल 2021 में 97.98 लाख टन धान खरीदा गया: मंत्री मण्डलीय उप समिति की बैठक में अधिकारियों ने बताया कि पिछले खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में राज्य सरकार द्वारा 105 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा था. जिसके विरूद्ध रिकॉर्ड 97.98 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई थी. लगभग शत-प्रतिशत धान का उठाव हो गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर धान खरीदी के साथ-साथ तेजी से कस्टम मिलिंग का कार्य भी जारी रहा. इसका सफलतापूर्वक परिणाम आया. केन्द्रीय पूल में अब तक रिकॉर्ड 50.72 लाख मीट्रिक टन चावल जमा कराया जा चुका है. केवल 14 लाख मीट्रिक टन चावल जमा करना ही शेष है.
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बारदाने की व्यवस्था को लेकर हुई चर्चा: बैठक में किसानों से धान खरीदी के लिए बारदानों के व्यवस्था के लिए विस्तार से भी चर्चा की गई. पिछले वर्ष धान खरीदी लक्ष्य 105 लाख मीट्रिक टन के अनुरूप 5.25 लाख गठान बारदानें की जरूरत थी. आगामी खरीफ वर्ष 2022-23 में 110 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए 5.50 लाख गठान जूट बारदानें की जरूरत पड़ेगी. मंत्रियों ने कहा कि केन्द्रीय मंत्रालय से पत्र व्यवहार कर धान खरीदी के पहले ही बारदानें की व्यवस्था सुनिश्चित कर ली जाए.
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि पिछले वर्ष 24 लाख 6 हजार से अधिक किसानों ने धान विक्रय हेतु पंजीयन कराया था. इस वर्ष नये किसानों का पंजीयन पिछले वर्ष की तरह ही एक जुलाई से 31 अक्टूबर तक किया जाएगा. खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में पंजीकृत किसानों का पंजीयन ऑटोमैटिक कैरीफॉरवर्ड हो जाएगा. बैठक में उपार्जन केंद्रों की स्थिति, बारदाने की उपलब्धता, धान खरीदी व्यवस्था, कस्टम मिलिंग एवं धान परिवहन, संग्रहण, भंडारण तथा रख-रखाव के संबंध में विस्तार से विचार-विमर्श किया गया.