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Bhai Dooj 2023 यमराज ने बहन यमुना को दिया था वचन,जानिए भाई दूज की पौराणिक कथा ? - भाई दूज

Bhai Dooj 2023 साल के सबसे बड़े त्यौहार के रूप में दीपावली पर्व को माना जाता है. दीपावली 5 दिनों का होता है. लेकिन साल 2023 में ये 6 दिनों की है. दीपावली की शुरुआत धनतेरस से होती है.अंतिम दिन 15 नवंबर को भाईदूज का पर्व मनाया जाएगा.

bhai dooj 2023
भाई बहन के प्रेम का पर्व भाईदूज
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Nov 14, 2023, 8:46 AM IST

Updated : Nov 15, 2023, 6:22 AM IST

भाई दूज की पौराणिक कथा

रायपुर : भाई दूज के दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी आयु और सुख समृद्धि की कामना करती हैं. बहनें अपने भाई के माथे पर टीका और हाथ में कलावा यानी रक्षा सूत्र बांधती हैं. इसके बदले में भाई अपनी बहन को गिफ्ट देकर उनका सम्मान करते हैं. भाई दूज का यह पावन पर्व हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाई जाती है.

भाई दूज के साथ दीपावली पर्व का समापन :महामाया मंदिर के पुजारी पंडित मनोज शुक्ला ने बताया कि साल भर के सबसे बड़े महापर्व के रूप में दीपावली को मनाया जाता है. इसकी शुरुआत धनतेरस से होती है और आखिरी दिन भाईदूज का पर्व मनाया जाता है. भाईदूज का पर्व कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाई जाती है. इसे यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है.

भाई दूज की पौराणिक कथा :पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान यम अपनी बहन यमुना से मिलने जाते हैं, तो बहन यमुना अपने भाई यम को एक आसन पर बिठाकर माथे पर तिलक लगाकर उनकी आरती उतारती हैं. यमुना अपने भाई यम को तरह-तरह के व्यंजन बनाकर खिलाती हैं, जिससे भगवान यमराज प्रसन्न हो जाते हैं. भाई दूज सामाजिक पर्व होने के कारण इसमें मुहूर्त की कोई खास जरूरत नहीं होती है.

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यमराज आए थे बहन के घर: पौराणिक कथा के अनुसार मृत्यु के देवता यमराज कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को पहली बार अपनी बहन यमुना के घर आए थे. यमुना ने उनसे कहा था कि सभी भाई अपनी बहन के घर आते हैं और आप कभी नहीं आते. यमराज दिवाली के बाद द्वितीया तिथि को यमुना के घर आए थे. तब यमुना ने यमराज का सेवा सत्कार किया था और उनसे यमराज बहुत प्रसन्न हुए थे. उन्होंने बहन यमुना से वरदान मांगने को कहा इस पर यमुना ने कहा कि जो भी भाई कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया को अपनी बहन के घर जाएगा उसे यम का भय ना हो. इस पर यमराज ने कहा कि भाई दूज के दिन जो भी भाई अपनी बहन के घर जाएगा उसे मृत्यु का भय नहीं होगा. भाई दूज का संबंध यमराज से है, इसलिए इसे यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है.

भाई दूज का मुहूर्त : पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 14 नवंबर को दोपहर 2:36 तक है. इसके बाद द्वितीय तिथि शुरू होगी कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 14 नवंबर को दोपहर 2:36 से शुरू होकर अगले दिन 15 नवंबर को दोपहर 1:45 तक रहेगा. भाई दूज का यह पर्व दिन के समय में मनाया जाता है.

भाई दूज की पौराणिक कथा

रायपुर : भाई दूज के दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी आयु और सुख समृद्धि की कामना करती हैं. बहनें अपने भाई के माथे पर टीका और हाथ में कलावा यानी रक्षा सूत्र बांधती हैं. इसके बदले में भाई अपनी बहन को गिफ्ट देकर उनका सम्मान करते हैं. भाई दूज का यह पावन पर्व हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाई जाती है.

भाई दूज के साथ दीपावली पर्व का समापन :महामाया मंदिर के पुजारी पंडित मनोज शुक्ला ने बताया कि साल भर के सबसे बड़े महापर्व के रूप में दीपावली को मनाया जाता है. इसकी शुरुआत धनतेरस से होती है और आखिरी दिन भाईदूज का पर्व मनाया जाता है. भाईदूज का पर्व कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाई जाती है. इसे यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है.

भाई दूज की पौराणिक कथा :पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान यम अपनी बहन यमुना से मिलने जाते हैं, तो बहन यमुना अपने भाई यम को एक आसन पर बिठाकर माथे पर तिलक लगाकर उनकी आरती उतारती हैं. यमुना अपने भाई यम को तरह-तरह के व्यंजन बनाकर खिलाती हैं, जिससे भगवान यमराज प्रसन्न हो जाते हैं. भाई दूज सामाजिक पर्व होने के कारण इसमें मुहूर्त की कोई खास जरूरत नहीं होती है.

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यमराज आए थे बहन के घर: पौराणिक कथा के अनुसार मृत्यु के देवता यमराज कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को पहली बार अपनी बहन यमुना के घर आए थे. यमुना ने उनसे कहा था कि सभी भाई अपनी बहन के घर आते हैं और आप कभी नहीं आते. यमराज दिवाली के बाद द्वितीया तिथि को यमुना के घर आए थे. तब यमुना ने यमराज का सेवा सत्कार किया था और उनसे यमराज बहुत प्रसन्न हुए थे. उन्होंने बहन यमुना से वरदान मांगने को कहा इस पर यमुना ने कहा कि जो भी भाई कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया को अपनी बहन के घर जाएगा उसे यम का भय ना हो. इस पर यमराज ने कहा कि भाई दूज के दिन जो भी भाई अपनी बहन के घर जाएगा उसे मृत्यु का भय नहीं होगा. भाई दूज का संबंध यमराज से है, इसलिए इसे यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है.

भाई दूज का मुहूर्त : पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 14 नवंबर को दोपहर 2:36 तक है. इसके बाद द्वितीय तिथि शुरू होगी कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 14 नवंबर को दोपहर 2:36 से शुरू होकर अगले दिन 15 नवंबर को दोपहर 1:45 तक रहेगा. भाई दूज का यह पर्व दिन के समय में मनाया जाता है.

Last Updated : Nov 15, 2023, 6:22 AM IST
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