रायपुर: लंबे समय बाद एक बार फिर ग्रह दशा में चांडाल योग बन गया है. 5 नवंबर की सुबह धनु राशि में यह ग्रह प्रवेश कर गया है, यह गुरु ग्रह कि अपनी राशि है. पहले से ही शनि ग्रह इस स्थान पर मौजूद है ज्योतिशाचार्यों के मुताबिक गुरु और शनि दोनों भारी ग्रह होते हैं. जबकि इस स्थान पर छाया ग्रह केतु भी मौजूद है.
इन ग्रहों का आपस में मिलन को चंडाल योग कहा जाता है माना जाता है कि इससे कुछ राशियों पर अशुभ योग बनता है, तो कुछ राशियों पर इसका शुभ फल भी देखने को मिलता है. माना जा रहा है कि अगले 5 महीने तक चांडाल योग किसी ना किसी तरह विभिन्न राशियों को प्रभावित करता रहेगा.
ज्योतिषाचार्य का मानना है कि, चंडाल योग के चलते न केवल मनुष्यों का जीवन प्रभावित होता है बल्कि प्रकृति पर भी इसका असर देखने को मिल सकता है. जैसा कि कुछ दिनों बाद गुजरात के तट से टकराने वाला तूफान चंडाल योग के कारण ज्यादा विकराल हो सकता है, इसी तरह दो देशों के बीच आपसी संबंधों पर भी इस योग का असर देखने को मिल सकता है. भारत और पाकिस्तान की बात की जाए कारगिल युद्ध के वक्त भी चांडाल योग लगा हुआ था, इससे पहले 1962 में हुए युद्ध के वक्त भी चांडाल योग था ऐसे में दो देशों के बीच तनाव बढ़ाने वाला भी साबित होता है.
चंडाल योग ज्योतिष की दृष्टिकोण से गुरु ग्रह सभी कल्याणकारी कार्यों के आदि देव माने जाते हैं. इन्हें विवाह, पद-प्रतिष्ठा, आयु का कारक ग्रह माना गया है ऐसे में गुरु ग्रह के चांडाल योग में आने से जातकों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए, ज्योतिष के ज्ञाता इसके कुप्रभाव से बचने के लिए भगवान विष्णु के स्मरण की सलाह देते हैं.