रायपुर : हनुमान बल, बुद्धि और ज्ञान के देवता हैं. हनुमान संयम, साहस और गुणों की खान माने जाते हैं. हनुमानजी से कई तरह का ज्ञान सीखने को मिलता है. साथ ही साथ भक्तगण हनुमान जी को चोला चढ़ाकर उन्हें प्रसन्न करते हैं. हफ्ते में सातों दिन हनुमानजी को चोला चढ़ाने की परंपरा है. कुछ विशेष दिनों में चोला चढ़ाना शुभ माना गया है. मंगलवार, शनिवार, पूर्णिमा, हनुमान जयंती, रामनवमी जैसे पर्व में चोला चढ़ाना सबसे अच्छा माना जाता है.
कैसे चढ़ाएं हनुमान जी को चोला: ज्योतिषाचार्य पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि, किस तरह से भगवान हनुमान का चोला चढ़ाया जाता है.
- चोला चढ़ाने के पहले और बाद में ब्रह्मचर्य के व्रत का पालन करना चाहिए.
- चोला चढ़ाते समय धोती, कुर्ता परिधान का इस्तेमाल करना चाहिए.
- जनेऊधारियों को जनेऊ पहनकर ही चोला चढ़ाना चाहिए.
- चोला चढ़ाने के लिए चमेली के तेल, शुद्ध सिंदूर और शुद्ध पदार्थों का समुचित उपयोग करना चाहिए.
- चोला चढ़ाने के पहले अच्छी तरह शुद्ध रूप से स्नान करना चाहिए.
- चोला चढ़ाने के पहले हनुमान जी का चरण छूकर आशीर्वाद लेना चाहिए.
ये भी पढ़ें- घी का दीपक जलाकर करें हनुमान चालीसा का पाठ
हनुमान हैं अमर ! : ज्योतिषाचार्य विनीत शर्मा ने बताया कि "हनुमान जी चिरंजीवी यानी अमर देवता माने जाते हैं. ऐसा माना गया है कि, हनुमान अमरत्व को प्राप्त हैं. वह आज भी जीवित हैं. राम कथा, रामजी की स्तुति, रामचरितमानस, सुंदरकांड, बालकांड, हनुमान चालीसा के पावन पाठ से भक्तों के बीच उपस्थित हो जाते हैं. चोला चढ़ाते समय एकाग्रता भंग नहीं होनी चाहिए. पूरे समय मन में शुद्ध विचार आने चाहिए. नकारात्मकता से पूरी तरह से दूर रहना चाहिए. यह प्रक्रिया सूर्योदय के पूर्व करना श्रेष्ठ होता है. ब्रह्म मुहूर्त में जितनी जल्दी चोला चढ़ाया जाए यह शुभ होता है."