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BBC Documentary Row: पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में दिखाई गई बीबीसी की प्रतिबंधित डॉक्यूमेंट्री, मचा बवाल, प्रबंधन ने दी सफाई - BBC documentary screened in raipur

गुजरात दंगे पर बीबीसी की प्रतिबंधित डॉक्यूमेंट्री 'द मोदी क्वेश्चन' का विवाद छत्तीसगढ़ पहुंच गया है. प्रतिबंधित की गई डॉक्यूमेंट्री को रायपुर के पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में 26 जनवरी की रात हॉस्टल में दिखाया गया है. प्रतिबंधित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के दौरान हॉस्टल के एक समूह ने इसका विरोध भी किया गया.

Bbc Documentary Row
रविवि में दिखाई गई बीबीसी की प्रतिबंधित डॉक्यूमेंट्री
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Published : Jan 28, 2023, 9:57 PM IST

Updated : Jan 28, 2023, 10:13 PM IST

रायपुर: विरोध के दौरान संविधान जिंदाबाद गणतंत्र दिवस अमर रहे के नारे भी लगाए गए. हालांकि बाद में छात्रों के दूसरे समूह के विरोध करने के बाद डॉक्यूमेंट्री को बंद कर दिया गया. पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉक्टर शैलेंद्र कुमार पटेल ने ईटीवी भारत को बताया कि " हॉस्टल में छात्रों द्वारा गलती से यह डॉक्यूमेंट्री चला दी गई थी, हालांकि बाद में उसे बंद करवा दिया गया है, छात्रों को हिदायत दी गई है."

देश के कई राज्यों में बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर मचा बवाल: देश के कई राज्यों में बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर बवाल मचा है. बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री का नाम इंडिया द मोदी क्वेश्चन है. सबसे पहले दिल्ली की जेएनयू में इसकी स्क्रीनिंग को लेकर बवाल हुआ. उसके बाद हैदराबाद केंद्रीय विश्विद्यालय में इस वृतचित्र पर बवाल हुआ. फिर दिल्ली यूनिवर्सिटी और उसके बाद कोलकाता के प्रेसिडेंसी कॉलेज में भी इस डॉक्यूमेंट्री को लेकर बड़ा बखेड़ा खड़ा हो गया.

यह भी पढ़ें: BBC Documentary Controversy: हंगामे के बाद जामिया में BBC डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग टली, 13 स्टूडेंट्स हिरासत में

रायपुर की रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी में ऐसे हुआ बवाल: बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री इंडिया: द मोदी क्वेश्चन डॉक्यूमेंट्री को लेकर यह बताया जा रहा है कि रायपुर में इस यूनिवर्सिटी की स्क्रीनिंग की गई है. बताया जा रहा है कि 26 जनवरी को इस डॉक्यूमेंट्री को दिखाया गया. रात में इसका प्रदर्शन किया गया. जब यह खबर अन्य छात्रों के पास पहुंची तो एक गुट ने दूसरे गुट के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया.

रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी में लगे नारे: यूनिवर्सिटी के छात्रों के मुताबिक इस डॉक्यूमेंट्री को लेकर दो गुट आमने सामने हो गए. एक गुट इस डॉक्यूमेंट्री के समर्थन में था. तो दूसरा गुट इस डॉक्यूमेंट्री के विरोध में आ खड़ा हुआ. डॉक्यूमेंट्री का समर्थन करने वाले गुट ने इसके पक्ष में नारेबाजी करते हुए संविधान जिंदाबाद के नारे लगाए. जबकि विरोध करने वाला गुट इसके विरोध में नारे लगाता रहा.

बीबीसी की इस डॉक्यूमेंट्री में क्या है: बीबीसी की यह डॉक्यूमेंट्री गुजरात दंगे पर तैयार की गई है. इसे दो भाग में बनाया गया है. भारत में इस वृतचित्र को लेकर प्रतिबंध लगा दिया गया है. उसके बाद से ही देश की कई यूनिवर्सिटी और कॉलेज में इसे दिखाने को लेकर दो गुट आमने सामने आ रहे हैं. लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहा है.

रायपुर: विरोध के दौरान संविधान जिंदाबाद गणतंत्र दिवस अमर रहे के नारे भी लगाए गए. हालांकि बाद में छात्रों के दूसरे समूह के विरोध करने के बाद डॉक्यूमेंट्री को बंद कर दिया गया. पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉक्टर शैलेंद्र कुमार पटेल ने ईटीवी भारत को बताया कि " हॉस्टल में छात्रों द्वारा गलती से यह डॉक्यूमेंट्री चला दी गई थी, हालांकि बाद में उसे बंद करवा दिया गया है, छात्रों को हिदायत दी गई है."

देश के कई राज्यों में बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर मचा बवाल: देश के कई राज्यों में बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर बवाल मचा है. बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री का नाम इंडिया द मोदी क्वेश्चन है. सबसे पहले दिल्ली की जेएनयू में इसकी स्क्रीनिंग को लेकर बवाल हुआ. उसके बाद हैदराबाद केंद्रीय विश्विद्यालय में इस वृतचित्र पर बवाल हुआ. फिर दिल्ली यूनिवर्सिटी और उसके बाद कोलकाता के प्रेसिडेंसी कॉलेज में भी इस डॉक्यूमेंट्री को लेकर बड़ा बखेड़ा खड़ा हो गया.

यह भी पढ़ें: BBC Documentary Controversy: हंगामे के बाद जामिया में BBC डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग टली, 13 स्टूडेंट्स हिरासत में

रायपुर की रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी में ऐसे हुआ बवाल: बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री इंडिया: द मोदी क्वेश्चन डॉक्यूमेंट्री को लेकर यह बताया जा रहा है कि रायपुर में इस यूनिवर्सिटी की स्क्रीनिंग की गई है. बताया जा रहा है कि 26 जनवरी को इस डॉक्यूमेंट्री को दिखाया गया. रात में इसका प्रदर्शन किया गया. जब यह खबर अन्य छात्रों के पास पहुंची तो एक गुट ने दूसरे गुट के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया.

रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी में लगे नारे: यूनिवर्सिटी के छात्रों के मुताबिक इस डॉक्यूमेंट्री को लेकर दो गुट आमने सामने हो गए. एक गुट इस डॉक्यूमेंट्री के समर्थन में था. तो दूसरा गुट इस डॉक्यूमेंट्री के विरोध में आ खड़ा हुआ. डॉक्यूमेंट्री का समर्थन करने वाले गुट ने इसके पक्ष में नारेबाजी करते हुए संविधान जिंदाबाद के नारे लगाए. जबकि विरोध करने वाला गुट इसके विरोध में नारे लगाता रहा.

बीबीसी की इस डॉक्यूमेंट्री में क्या है: बीबीसी की यह डॉक्यूमेंट्री गुजरात दंगे पर तैयार की गई है. इसे दो भाग में बनाया गया है. भारत में इस वृतचित्र को लेकर प्रतिबंध लगा दिया गया है. उसके बाद से ही देश की कई यूनिवर्सिटी और कॉलेज में इसे दिखाने को लेकर दो गुट आमने सामने आ रहे हैं. लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहा है.

Last Updated : Jan 28, 2023, 10:13 PM IST
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