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LOCK DOWN: कोरोना ने छीना निवाला, परिवार से दूर और भूखे रहने को मजबूर ट्रक डाइवर्स

छत्तीसगढ़ में लॉक डाउन की वजह से ट्रक ड्राइवर्स को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ट्रक ड्राइवरों के सामने जीवन यापन की समस्या खड़ी हो गई है. खास कर जो ट्रक ड्राइवर दूसरे प्रदेश से आकर यहां फंस गए हैं, उन्हें कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

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ट्रक डाइवर्स पर पड़ी लॉक डाउन की मार
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Published : Apr 29, 2020, 9:01 PM IST

रायपुर: लॉक डाउन ने कई परिवारों के पेट पर लात मारी है. रोजी-रोटी के इस बड़े संकट ने ट्रक डाइवर को दो कौर निवाले के लिए मोहताज कर दिया है. जहां ट्रकें रुकीं वहीं उनकी जिंदगी फंस गई. किसी की नौकरी गई, तो कोई परिवार से मीलों दूर इस विपदा के खत्म होने का इंतजार कर रहा है.

ट्रक डाइवर्स पर पड़ी लॉक डाउन की मार

हमने आपको ऐसी कई कहानियों से रुबरु करवाया, कई ऐसे लोगों से मिलवाया जो इस लॉक डाउन में तमाम तरह की परेशानियों से जूझ रहे हैं. लॉकडाउन की वजह से सड़कों पर गैरजरूरी वाहनों की आवाजाही पर रोक है. सिर्फ अतिआवश्यक कार्यों के लिए ही गाड़ियों को आने-जाने की इजाजत मिली है. ऐसे में ट्रक ड्राइवरों के सामने जीवन यापन की समस्या खड़ी हो गई है.

1 महीने से फंसे दूसरे राज्यों के ट्रक ड्राइवर

कुछ ऐसे भी ट्रक चालक हैं, जो लॉकडाउन के पहले दूसरे राज्य से सामान लेकर आए थे और यहीं फंस गए हैं. जब ईटीवी भारत की टीम ने उत्तर प्रदेश से आए एक ट्रक ड्राइवर से बात की तो उन्होंने बताया कि वो लॉकडाउन के एक दिन पहले ही छत्तीसगढ़ आए थे और पिछले एक महीने से ट्रांसपोर्ट नगर में फंसे हुए हैं.

वहीं कुछ ट्रक ड्राइवर ने ये भी बताया कि किस तरह से उनके मालिक ने उन्हें बेसहारा छोड़ दिया है. हालात ये हैं कि उनके पास खाने और पीने को कुछ नहीं है. दूसरों की मदद से पेट भर रहा है.

ट्रांसपोर्ट यूनियन कर रही मदद

ट्रांसपोर्ट यूनियन के लोगों ने बताया कि ऐसे बहुत से ट्रक ड्राइवर ट्रांसपोर्ट नगर में लॉकडाउन के बाद से फंसे हुए हैं. यूनियन द्वारा उनके रहने और खाने-पीने की व्यवस्था की जा रही है.

वहीं इस संकट की घड़ी में इन ट्रक ड्राइवरों की बस एक ही चाह है कि किसी तरह उन्हें उनके घर पहुंचा दिया जाए, ताकि वे अपने परिवारवालों से जल्द से जल्द मिल सकें.

रायपुर: लॉक डाउन ने कई परिवारों के पेट पर लात मारी है. रोजी-रोटी के इस बड़े संकट ने ट्रक डाइवर को दो कौर निवाले के लिए मोहताज कर दिया है. जहां ट्रकें रुकीं वहीं उनकी जिंदगी फंस गई. किसी की नौकरी गई, तो कोई परिवार से मीलों दूर इस विपदा के खत्म होने का इंतजार कर रहा है.

ट्रक डाइवर्स पर पड़ी लॉक डाउन की मार

हमने आपको ऐसी कई कहानियों से रुबरु करवाया, कई ऐसे लोगों से मिलवाया जो इस लॉक डाउन में तमाम तरह की परेशानियों से जूझ रहे हैं. लॉकडाउन की वजह से सड़कों पर गैरजरूरी वाहनों की आवाजाही पर रोक है. सिर्फ अतिआवश्यक कार्यों के लिए ही गाड़ियों को आने-जाने की इजाजत मिली है. ऐसे में ट्रक ड्राइवरों के सामने जीवन यापन की समस्या खड़ी हो गई है.

1 महीने से फंसे दूसरे राज्यों के ट्रक ड्राइवर

कुछ ऐसे भी ट्रक चालक हैं, जो लॉकडाउन के पहले दूसरे राज्य से सामान लेकर आए थे और यहीं फंस गए हैं. जब ईटीवी भारत की टीम ने उत्तर प्रदेश से आए एक ट्रक ड्राइवर से बात की तो उन्होंने बताया कि वो लॉकडाउन के एक दिन पहले ही छत्तीसगढ़ आए थे और पिछले एक महीने से ट्रांसपोर्ट नगर में फंसे हुए हैं.

वहीं कुछ ट्रक ड्राइवर ने ये भी बताया कि किस तरह से उनके मालिक ने उन्हें बेसहारा छोड़ दिया है. हालात ये हैं कि उनके पास खाने और पीने को कुछ नहीं है. दूसरों की मदद से पेट भर रहा है.

ट्रांसपोर्ट यूनियन कर रही मदद

ट्रांसपोर्ट यूनियन के लोगों ने बताया कि ऐसे बहुत से ट्रक ड्राइवर ट्रांसपोर्ट नगर में लॉकडाउन के बाद से फंसे हुए हैं. यूनियन द्वारा उनके रहने और खाने-पीने की व्यवस्था की जा रही है.

वहीं इस संकट की घड़ी में इन ट्रक ड्राइवरों की बस एक ही चाह है कि किसी तरह उन्हें उनके घर पहुंचा दिया जाए, ताकि वे अपने परिवारवालों से जल्द से जल्द मिल सकें.

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