रायपुर: राजधानी सहित पूरे प्रदेश में कोरोना और लॉकडाउन की वजह से इसका सीधा असर पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर देखने को मिल रहा है. प्रदेश में रेल और बस सेवा गिनती के शुरू हुए हैं. राजधानी रायपुर में सिटी बसों का संचालन कुछ दिनों तक हुआ, इसके बाद अब ये ठप हो गए हैं. पब्लिक ट्रांसपोर्ट के अभाव में आम लोग मनमाना किराया देकर ऑटो में सफर करने को मजबूर हैं. ऑटो चालक एक जगह से दूसरे जगह जाने के लिए दो से तीन गुणा ज्यादा किराया ले रहे हैं. ऑटो ड्राइवर्स के मनमाना किराया वसूले जाने के संबंध में अब तक ट्रैफिक विभाग को कोई शिकायत नहीं मिली है.
राजधानी सहित पूरे प्रदेश में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के अभाव में लोग ऑटो में सफर करने को मजबूर हैं. छत्तीसगढ़ में यात्री बसों के संचालन की बात की जाए, तो पूरे प्रदेश में यात्री बसों का संचालन 10% ही शुरू हो पाया है. रेल सेवा की बात की जाए, तो राजधानी रायपुर में 1 दिन में लगभग 110 ट्रेनें राजधानी से होकर गुजरती थी, लेकिन लॉकडाउन के बाद से स्थिति खराब हो चुकी है, अभी 6 ट्रेनें रायपुर के रेलवे स्टेशन से होकर गुजर रही हैं.
ज्यादा किराया देना हुई मजबूरी
राजधानी में चलने वाले सिटी बसों ने भी 3 दिन चलने के बाद दम तोड़ दिया और सिटी बसों का संचालन पूरी तरह से बंद हो गया. ऐसे में आम लोग एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए पूरी तरह से ऑटो पर निर्भर हैं. पब्लिक ट्रांसपोर्ट के अभाव के चलते इसका फायदा ऑटो ड्राइवर उठा रहे हैं. ऑटो ड्राइवर पहले की तुलना में एक स्थान से दूसरे स्थान तक यात्रियों को ले जाने के लिए दो से 3 गुणा ज्यादा किराया वसूल रहे हैं. मजबूरन यात्रियों को दो से 3 गुणा ज्यादा किराया देकर अपने गंतव्य तक पहुंचना पड़ रहा है.
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ऑटो ड्राइवर्स की दलील
राजधानी रायपुर में एक अनुमान के मुताबिक लगभग 12000 ऑटो हैं,जो शहर में चल रहे हैं. ऑटो चालकों द्वारा मनमाना किराया वसूले जाने के बारे में जब ETV भारत ने ऑटो ड्राइवर्स से बात की तो उनका कहना है कि सरकार ने कोरोना को लेकर जो गाइडलाइन बनाई है, उसके मुताबिक वे केवल दो सवारी ऑटो में बिठा सकते हैं. इससे उनका किराया तक नहीं निकल पा रहा है.
'पेट्रोल-डीजल और सोशल डिस्टेंसिंग बनी वजह'
ऑटो ड्राइवर्स का ये भी कहना है कि पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने के साथ ही शहर में सवारी भी कम मिल रहे हैं. कहीं ना कहीं इन सवारियों के मन में भी कोरोना का डर है, जिसके कारण भी सवारी ऑटो में बैठने से कतरा रहे हैं. ऐसे में ऑटो ड्राइवर्स को मजबूर होकर ऑटो का किराया बढ़ाना पड़ा है.
परिवहन और ट्रैफिक विभाग की बनेगी संयुक्त टीम
सिटी बसों के अभाव में ऑटो ड्राइवर यात्रियों से 2 से 3 गुणा ज्यादा किराया वसूल रहे हैं. ऑटो ड्राइवर्स द्वारा मनमाना किराया वसूले जाने के संबंध में रायपुर के ट्रैफिक पुलिस को अब तक किसी प्रकार की कोई भी शिकायत नहीं मिली है. ट्रैफिक पुलिस के एडिशनल एसपी एमआर मंडावी ने ETV भारत से बातचीत में इस तरह की किसी भी शिकायत मिलने पर परिवहन और ट्रैफिक विभाग की संयुक्त टीम बनाकर कार्रवाई की बात कही है.