रायपुर: लॉकडाउन ने भले ही लोगों को घरों में कैद कर परेशान किया हो, लेकिन लॉकडाउन की वजह से प्रदूषण का स्तर लगातार कम हो रहा है. पर्यावरण और प्रकृति लॉकडाउन के फैसले की शुक्रगुजार रहेगी. अचानक हुए लॉकडाउन ने जहां लोगों को घरों में कैद किया तो वहीं प्रदूषण को रोक भी दिया है. राजधानी में भी इसका असर दिखने लगा है. यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स भी लगातार इम्प्रूव होता जा रहा है. जिससे शहर की आबो हवा ठीक हुई है.
प्रदेश में कोयला, लोहा, बॉक्साइट और अन्य प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुंध दोहन से प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया था. इसके आलावा क्रेशर गिट्टी, फर्शी पत्थर, मुरम की खदान, ईंट भट्टे, पत्थर कटिंग के कारखने संचालित थे. जिससे प्रदूषण लगातार बढ़ रहा था.
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क्यों साफ हो रही हवा
कोरोना संक्रमण के कारण आनन-फानन में लॉकडाउन किया गया. जिसके बाद से इंडस्ट्री बंद है, फैक्ट्रियों से निकलने वाला काला धुंआ, सड़कों पर वाहनों की आवाजाही सब थम गई है. सभी बड़े उद्योगों के बंद होने से प्रदूषण में गिरावट दर्ज किया गया है. पर्यावरण में आए इस बदलाव से लोगों को काफी राहत मिल रही है.
लोगों का कहना है कि राजधनी में इतना स्वच्छ वातावरण कभी देखा नहीं गया था. कुछ लोगों ने बताया कि 'घर की छत पर पंछियों ने दस्तक देना शुरू किया है. लोग को इस साफ वातावरण में काफी अच्छा महसूस हो रहा है'.
जल प्रदूषण भी हुआ कम
लॉकडाउन की वजह से लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं. ऐसे में तलाबों में कचरा नहीं फैल रहा. राजधानी का मरीन ड्राइव ऐरिया भी लगभग पूरा साफ हो चुका है. नदियों की बात करें तो लोगों से ज्यादा इंडस्ट्री और फैक्ट्रियों से निकलने वाला तरल कैमिकल नदियों को बर्बाद कर रहा था. लेकिन इसके बंद होने से नदियों में भी पानी साफ होने लगा है.