रायपुर: सशस्त्र सेना झंडा दिवस भारत के हर सैनिक और देश के लिए जान न्योछावर करने वाले वीर शहीदों का सम्मान का दिन होता है, जो 7 दिसंबर, 1949 से हर साल मनाया जाता है. भारतीय सशस्त्र सेना बलों के कर्मियों के कल्याण के लिए भारत की जनता से धन जमा करने के प्रति समर्पित दिवस हैं. इस दिन शहीदों और वीर सेनानियों के उन लोगों को समान्नित किया जाता है, जिन्होंने देश की रक्षा के किए दुश्मनों का मुकाबला किया है और अपना सबकुछ देश के नाम कर किया जाता है.
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सशस्त्र सेना झंडा दिवस देश के नाम आपना जीवन करने वाले दिव्यांग पूर्व सैनिकों, युद्ध में वीर गति प्राप्त किए हुए सैनिकों की विधवाओं, शहीदों के परिवार जनों की देखभाल करने के लिए मदद सुनिश्चित करता है और उनके प्रति हमारी प्रतिबद्धता और सम्मान का प्रतिक है. जवान देश की वो ढाल होते हैं, जो देश को हर खतरे और बुराइयों से बचाते हैं. सैनिक देश का वो गौरव हैं जो हमेशा देश का अभिमान बनके देश की रक्षा और मान बढ़ाते हैं. अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए बहुत से सैनिकों ने अपने प्राणों तक बलिदान दे देते हैं और देश के दुश्मनों का मुहतोड़ जवाब देने के लिए हमारे वीर सेनानी हमेशा तैयार रहते हैं. तभी तो भारत का वीर जावन दुश्मनों को कहता है...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 'सशस्त्र सेना झंडा दिवस' पर नागरिकों से बलों के कल्याण में योगदान करने का अपील करते हैं. 'सशस्त्र सेना झंडा दिवस' के मौके पर रक्षामंत्री सैनिकों के प्रति नमन करते हैं.
क्यों मनाया जाता है सशस्त्र सेना झंडा दिवस: भारत Armed Forces Flag Day के 1949 से प्रत्येक साल मना रहा है. 28 अगस्त, 1949 को रक्षा मंत्री ने एक कमेटी का गठन किया था. इसी कमेटी के फैसले के बाद से झंडा दिवस प्रत्येक साल 7 दिसंबर को मनाया जाता है. इस दिन नागरिकों के बीच छोटे झंडे को बांट कर लोगों से डोनेशन लिया जाता है. इस फंड को आर्म्ड फोर्स फ्लैग डे फंड में दिया जाता है जो कि एक्स सर्विसमैन के वेलफेयर के लिए प्रयोग किया जाता है. Armed Forces Flag Day के दिन भारतीय अपने सैनिकों के प्रति आभार व्यक्त करते हैं.
Armed Forces Flag Day के दिन भारत की तीनों सेनाएं इंडियन आर्मी, भारतीय वायु सेना, इंडियन नेवी कई कार्यक्रमों का भी आयोजन करती है. इसके साथ ही झंडे का झंडे का वितरण भी किया जाता है जिसके बदले में लोग डोनेशन देते हैं.