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अपरा एकादशी पर ऐसे पूजा करने से मोक्ष की होगी प्राप्ति ! - अपरा एकादशी पर करें दान

हिंदू धर्मशास्त्रों के मुताबिक ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को अपरा एकदशी का का व्रत रखा जाता है. मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से जातक को सभी पापों से मुक्ति मिलती है.

Apara Ekadashi 2022
भगवान विष्णु की पूजा
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Published : May 26, 2022, 12:19 AM IST

रायपुर/हैदराबाद: अपरा एकादशी का हिंदू धर्म में काफी महत्व है. धर्मशास्त्रियों के अनुसार इस दिन व्रत करने से जातक के संपूर्ण जीवन के सारे पाप और कष्ट दूर हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. अपरा एकादशी 2022 इस बार 26 मई 2022 को है. हिंदू धर्मशास्त्रों के मुताबिक अपरा एकादशी का व्रत हर साल ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को होता है. पंडितों के मुताबिक इस दिन जो भी व्यक्ति भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करता है उसे पुण्य फल की प्राप्ति होती है.

अपरा एकादशी का महत्व: अपरा एकादशी का हिंदू धर्मशास्त्र में काफी महत्व है. इस दिन विधि विधान से व्रत करने पर प्रेत योनि से मुक्ति मिलती है. जो जातक भगवान विष्णु की इस दिन पूजा करता है और व्रत की कथा सुनता है उसके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस व्रत के पुण्य को किसी प्रेतात्मा को दान कर देने से उसे प्रेत योनि से छुटकारा मिल जाता है. कहा जाता है कि उसे स्वर्ग में जगह मिलती है.

अपरा एकादशी 2022 का शुभ मुहूर्त

  1. ब्रह्म मुहूर्त का समय सुबह 04:03 से सुबह 04:44 तक
  2. अभिजीत मुहूर्त का समय सुबह 11:51 से दोपहर 12:46 तक
  3. विजय मुहूर्त का समय दोपहर 02:36 दोपहर 03:31 तक
  4. गोधूलि मुहूर्त का समय शाम 06:57 से शाम 07:21 तक
  5. अमृत काल का समय रात 10:07 से रात 11:48 तक
  6. निशित मुहूर्त का समय रात्रि11:58 से मध्यरात्रि 12:39 तक
  7. अपरा एकादशी पर पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि का योग रहने वाला है
  8. अपरा एकादशी व्रत का पारन अगले दिन 27 मई को सुबह 5.25 से सुबह 8 बजकर 10 मिनट तक कर लें

अपरा एकादशी के व्रत और पूजा की विधि:25 मई को लहसुन और प्याज से बने भोजन और तामसिक आहार का त्याग कर लें. उसके बाद 26 मई को सुबह उठकर नित्य क्रिया को कर स्नान कर लें. फिर अपरा एकादशी व्रत और भगवान विष्णु जी की पूजा का संकल्प लें. उसके बाद अपने घर के पूजा कक्ष में भगवान विष्णु की प्रतिमा या फोटो की स्थापना कर लें. उसके बाद भगवान विष्णु को गंगाजल से स्नान कराएं और पंचामृत से अभिषेक कराएं. फिर उन्हें पीला वस्त्र, पीला फूल, अक्षत, चंदन, हल्दी और केसर अर्पित करें. प्रसाद में केला भगवान विष्णु को अर्पित कर सकते हैं. इसके बाद विष्णु चालीसा, विष्णु सहस्रनाम, अपरा एकादशी व्रत कथा का पाठ करें. उसके बाद सपरिवार भगवान विष्णु जी की आरती करें. पूजा पाठ करने के बाद पूरे दिन व्रत रखें और निश्चित समय पर फलाहार करें

अपरा एकादशी पर करें दान: अपरा एकादशी पर दान का काफी महत्व है. इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को दान करने से भगवान विष्णु काफी प्रसन्न होते हैं. जो जातक ऐसा करता है उसके जीवन में सुख और समृद्धि आती है.

अपरा एकादशी पर बन रहा शुभ संयोग: अपरा एकादशी पर शुभ संयोग बन रहा है. इस दिन वार नक्षत्र और ग्रह मिलकर शुभ योग बना रहे हैं. इस दिन सूर्य और बुध की युति से बुधादित्य योग बन रहा है. इसके साथ ही गुरु, चंद्र और मंगल मिलकर गजकेसरी योग भी बना रहे हैं.

रायपुर/हैदराबाद: अपरा एकादशी का हिंदू धर्म में काफी महत्व है. धर्मशास्त्रियों के अनुसार इस दिन व्रत करने से जातक के संपूर्ण जीवन के सारे पाप और कष्ट दूर हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. अपरा एकादशी 2022 इस बार 26 मई 2022 को है. हिंदू धर्मशास्त्रों के मुताबिक अपरा एकादशी का व्रत हर साल ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को होता है. पंडितों के मुताबिक इस दिन जो भी व्यक्ति भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करता है उसे पुण्य फल की प्राप्ति होती है.

अपरा एकादशी का महत्व: अपरा एकादशी का हिंदू धर्मशास्त्र में काफी महत्व है. इस दिन विधि विधान से व्रत करने पर प्रेत योनि से मुक्ति मिलती है. जो जातक भगवान विष्णु की इस दिन पूजा करता है और व्रत की कथा सुनता है उसके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस व्रत के पुण्य को किसी प्रेतात्मा को दान कर देने से उसे प्रेत योनि से छुटकारा मिल जाता है. कहा जाता है कि उसे स्वर्ग में जगह मिलती है.

अपरा एकादशी 2022 का शुभ मुहूर्त

  1. ब्रह्म मुहूर्त का समय सुबह 04:03 से सुबह 04:44 तक
  2. अभिजीत मुहूर्त का समय सुबह 11:51 से दोपहर 12:46 तक
  3. विजय मुहूर्त का समय दोपहर 02:36 दोपहर 03:31 तक
  4. गोधूलि मुहूर्त का समय शाम 06:57 से शाम 07:21 तक
  5. अमृत काल का समय रात 10:07 से रात 11:48 तक
  6. निशित मुहूर्त का समय रात्रि11:58 से मध्यरात्रि 12:39 तक
  7. अपरा एकादशी पर पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि का योग रहने वाला है
  8. अपरा एकादशी व्रत का पारन अगले दिन 27 मई को सुबह 5.25 से सुबह 8 बजकर 10 मिनट तक कर लें

अपरा एकादशी के व्रत और पूजा की विधि:25 मई को लहसुन और प्याज से बने भोजन और तामसिक आहार का त्याग कर लें. उसके बाद 26 मई को सुबह उठकर नित्य क्रिया को कर स्नान कर लें. फिर अपरा एकादशी व्रत और भगवान विष्णु जी की पूजा का संकल्प लें. उसके बाद अपने घर के पूजा कक्ष में भगवान विष्णु की प्रतिमा या फोटो की स्थापना कर लें. उसके बाद भगवान विष्णु को गंगाजल से स्नान कराएं और पंचामृत से अभिषेक कराएं. फिर उन्हें पीला वस्त्र, पीला फूल, अक्षत, चंदन, हल्दी और केसर अर्पित करें. प्रसाद में केला भगवान विष्णु को अर्पित कर सकते हैं. इसके बाद विष्णु चालीसा, विष्णु सहस्रनाम, अपरा एकादशी व्रत कथा का पाठ करें. उसके बाद सपरिवार भगवान विष्णु जी की आरती करें. पूजा पाठ करने के बाद पूरे दिन व्रत रखें और निश्चित समय पर फलाहार करें

अपरा एकादशी पर करें दान: अपरा एकादशी पर दान का काफी महत्व है. इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को दान करने से भगवान विष्णु काफी प्रसन्न होते हैं. जो जातक ऐसा करता है उसके जीवन में सुख और समृद्धि आती है.

अपरा एकादशी पर बन रहा शुभ संयोग: अपरा एकादशी पर शुभ संयोग बन रहा है. इस दिन वार नक्षत्र और ग्रह मिलकर शुभ योग बना रहे हैं. इस दिन सूर्य और बुध की युति से बुधादित्य योग बन रहा है. इसके साथ ही गुरु, चंद्र और मंगल मिलकर गजकेसरी योग भी बना रहे हैं.

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