रायपुर: राजधानी के कमल विहार में रहने वाले लोग इन दिनों असामाजिक तत्वों से बेहद परेशान हैं. यहां अक्सर शराबियों के जमावड़े से रहवासी काफी परेशान हैं. यहां स्ट्रीट लाइट भी अक्सर बंद रहती है. शाम होते ही असामाजिक तत्व एक्टिव हो जाते हैं. यही वजह है कि लोग शाम को घर से बाहर निकलना पसंद नहीं करते हैं.
खुद को ठगा महसूस कर रहे यहां के लोग
1600 एकड़ में फैले कमल विहार प्रोजेक्ट में अबतक थाना नहीं खुल पाया है. कमल विहार में अपनी पूंजी लगाकर आशियाना बनाने वाले लोगों का कहना है कि रायपुर विकास प्राधिकरण ने इस प्रोजेक्ट को लेकर कई वादे किए थे, लेकिन उन वादों पर वो खरा नहीं उतर पाए हैं. यहां मैनेजमेंट का अभाव है. यहां एक थाना प्रस्तावित है. इतने बड़े क्षेत्र में अबतक थाना नहीं खुला है. अब आलम यह है कि यहां असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है.
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पानी की नहीं है सुविधा
कमल विहार निवासी मीना अग्रवाल कहती हैं कि RDA की ओर से हमें पानी देने की बात की गई थी. पानी की सुविधा अबतक नहीं मिली है. हमें सिक्योरिटी देने का वादा किया गया था. लेकिन सिक्योरिटी के नाम पर यहां कुछ नहीं है. आसपास थाना नहीं है और समय पर यहां पेट्रोलिंग नहीं होती है. गार्ड की भी व्यवस्था नहीं है. हमने कमल विहार में घर बना कर बहुत गलत निर्णय लिया है. शिकायत की जाती है लेकिन उस पर अमल नहीं किया जाता.
रात में महिलाओं का बाहर निकलना मुश्किल
कमल विहार निवासी पूर्ति सिंह का कहना है कि इस प्रोजेक्ट का जैसा महिमामंडन किया गया था, वैसी व्यवस्था नहीं दी जा रही. शाम होते ही यहां अंधेरा हो जाता है. स्ट्रीट लाइट नहीं जलती. महिलाएं अकेले कहीं आ-जा नहीं सकतीं. पुलिस की गाड़ी भी बहुत कम चलती है. आए दिन असामाजिक तत्वों का जमावड़ा रहता है. यहां जो सुविधाएं देने का वादा किया गया था, उसे पूरा नहीं किया जा रहा है.
सुविधाओं से वंचित है कमल विहार
पिछले 3 सालों से कमल विहार में रह रहीं चंदा सिंह का कहना है कि यहां किसी प्रकार की सुविधा नहीं है. हम सिर्फ अपने भरोसे रह रहे हैं. कोई सामान लेने भी बहुत दूर जाना पड़ता है. यहां न तो मार्केट है, ना ही पानी की सुविधा. यहां 1 घंटे ही पानी चलता है. यहां पर सुरक्षा का अभाव है. यहां के नागरिक अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं. कमल विहार रेसिडेंशियल एसोसिएशन के अध्यक्ष आशीष भट्टाचार्य का कहना है कि आरडीए द्वारा कमल विहार का 980 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट है, जिसे 2016 तक पूरा करना था, लेकिन प्राधिकरण की उदासीनता के कारण यह प्रोजेक्ट फेल होता दिख रहा है.
डेवलपमेंट का काम लगभग 90 फीसद तक पूरा
रायपुर विकास प्राधिकरण प्रधान अधीक्षक अभियंता अनिल गुप्ता का कहना है कि लोगों को ठगा महसूस करने की जरूरत नहीं है. डेवलपमेंट का काम लगभग 90 फीसद पूरा हो चुका है. थाने का प्रस्ताव पुलिस विभाग को दिया गया है. हमने थाने के लिए जगह निर्धारित की है. यहां केबल चोरी की शिकायत कई बार मिली है. रात में स्ट्रीट लाइट जलाई जाती है लेकिन रात को कई बार चोर केबल चोरी करके ले जाते हैं. शिकायतें मिलती हैं तो तत्काल उनका निराकरण भी किया जाता है.