रायपुर: 25 जून 1975 को देश में आपातकाल लगाया गया था. रविवार को भाजपा ने शहीद स्मारक भवन में आपातकाल की 48 बरस पूरे होने पर प्रबुद्धजन सम्मेलन का आयोजन किया. इस दौरान मीसा बंदियों का सम्मान भी किया गया. कार्यक्रम आयोजन के दौरान पूरे भवन में चारों प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और आपातकाल से जुड़े पोस्टर लगाए गए, जिसमें तात्कालिक प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी कांग्रेस को तानाशाह बताया गया.
"इस कार्यक्रम का उद्देश्य है कि देश सजग, सावधान और जागरूक रहे. लोकतंत्र सेनानी (मीसा बंदी) सम्मानित होने के लिए कभी जेल नहीं गए. उनको आज सम्मानित कर हम आज स्वयं सम्मानित हो रहे हैं. यह इस कार्यक्रम की भावना है. हम कांग्रेस के इतिहास को पढ़ते पंडित जवाहरलाल नेहरू के कालखंड से लेकर आज तक के कालखंड में देखेंगे, तो वह मानसिकता आज तक अंकुरित रही है. आधुनिकवाद की जो प्रवृत्ति नेहरू और इंदिरा गांधी के समय थी, वह आज भी इनके डीएनए में है." - शिव प्रकाश, राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री, भाजपा
शिव प्रकाश ने इंदिरा और कांग्रेस पर साधा निशाना: कार्यक्रम में पहुंचे भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिव प्रकाश ने इंदिरा सरकार और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. अपने भाषण में शिव प्रकाश ने कहा "सोनिया गांधी बिना किसी संवैधानिक पद पर रहते हुए छत्तीसगढ़ के नए विधानसभा का शिलान्यास करती है. नरसिम्हा राव के पार्थिव देह को अंतिम दर्शन के लिए भी पार्टी कार्यालय में स्थान नहीं दिया गया. मोरारजी देसाई, जो कांग्रेस के नेता थे. उनको पार्टी से कैसे निकाला गया. सीताराम केसरी अपमानित किए गए और नीलम संजीव रेड्डी कांग्रेस से राष्ट्रपति के अधिकृत प्रत्याशी थे, उनको हराकर वीवी गिरी को राष्ट्रपति बनाया गया. साल 1975 में जो गिरफ्तारियां हुई. वह कानून 1971 में लाया गया था."
चुनी हुई सरकारों को 90 बार कांग्रेस ने गिराया: भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश ने कहा "भारत में चुने हुए सरकार को गिराने का काम 90 बार कांग्रेस ने किया है. 50 बार इंदिरा गांधी ने सरकार गिराने का अलोकतांत्रिक कृत्य किया. जब आप इन सभी घटनाओं को आपातकाल के साथ जोड़ेंगे, तो पता चलेगा कि देश और कांग्रेस पर परिवार का कब्जा करना इनका चरित्र रहा है. दल के भीतर भी जो इनके विपरीत होगा, वह नहीं चलेगा. यह इनके डीएनए में है.
"15 कार्य समितियों ने प्रस्ताव पारित कर सरदार पटेल का समर्थन किया था, लेकिन नेहरू जी को संतुष्ट करने के लिए लोकतांत्रिक प्रक्रिया को अस्वीकार कर नेहरू को देश थोपा गया. लोकतंत्र अगर आपातकाल के समय संकट में था, तो कांग्रेस शासित राज्यों में आज भी है. इंदिरा गांधी का जो सिंडिकेट था, उनके इतिहास को पढ़ना चाहिए. किस तरह संजय गांधी किसी पद पर नहीं थे, लेकिन उनके लिए रक्षा मंत्री हेलीकॉप्टर और हवाई जहाज की व्यवस्था करते थे. मुख्यमंत्री उन्हें छोड़ने और लेने जाते थे. आपातकाल में स्वदेशी और विदेशी दोनों तरह के प्रेस प्रभावित हुए, जो राष्ट्रवादी पत्रकार थे, उन्हें गिरफ्तार किया गया." - शिव प्रकाश, राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री, भाजपा
स्वतंत्रता को छीनने का काम इंदिरा गांधी ने किया: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा "आपातकाल के दौरान नागरिकों की स्वतंत्रता को छीनने का काम इंदिरा गांधी ने किया. प्रेस, न्यायपालिका, के अधिकारों को छीनने का काम कांग्रेस और इंदिरा गांधी ने किया था. भारत लोकतंत्र की जननी है और सबसे बड़ा लोकतंत्र है. लोकतंत्र पर सबसे बड़ा हमला अगर किसी ने किया है तो कांग्रेस पार्टी ने किया था. दोबारा कोई ऐसी हिम्मत ना कर पाए, लोकतंत्र को कोई नुकसान ना पहुंचा पाए, इसलिए 25 जून को काले अध्याय का स्मरण करते हैं. आपातकाल के दौरान हजारों लोगों को यातनाएं सहनी पड़ी, आज उनके त्याग तपस्या के बदौलत हमारा लोकतंत्र सुरक्षित है."
दूसरी आजादी के लड़ाई के पीछे वजह है आपातकाल: भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा "भारत दो बार आजादी की लड़ाई का गवाह बना है. पहले लड़ाई 1947 में अंग्रेजो के खिलाफ हुई और दूसरी लड़ाई जो हम पर थोपी गई, दूसरी आजादी के लड़ाई के पीछे कारण आपातकाल था, रमन सिंह ने कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि " कांग्रेस से लड़कर हमने दूसरी बार हमने आपातकाल से आजादी पाई थी. आपातकाल में छत्तीसगढ़ से हजारों कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था. वर्तमान में छत्तीसगढ़ में पत्रकार स्वतंत्र नहीं हैं. छत्तीसगढ़ में भी वर्तमान सरकार इंदिरा गांधी के नक्शे कदम पर आतंक के बल पर राजनीति करना चाह रही है."
छत्तीसगढ़ में कुछ ही महीनों बाद विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में चुनाव के मद्देनजर सभी राजनीतिक दल एक दूसरे पर हमला बोलने का कोई मौका नहीं चूक रहे हैं. चुनाव नजदीक आते आते आरोप प्रत्यारोेप का यह दौर और भी तेज हो जायेगा.