रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 2021-22 का बजट पेश किया है. बजट को लेकर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने राज्य सरकार पर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि, 'बजट भाषण को पढ़कर लगता है कि वे अपनी पार्टी की जनघोषणा पत्र को पूरी तरह से भूल चुके हैं. यह बजट छत्तीसगढ़ की ढाई करोड़ लोगों की जगह ढाई लोगों के हितों को देखकर बनाया गया है'.
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अमित जोगी ने ये भी कहा कि बजट में दोहरी आर्थिक ग़ुलामी की 8 सौगात के रूप में है..
- किसानों को कर्जा-माफ़ी की जगह ₹36000 करोड़ का कर्ज मिला.
- केंद्र के हाथ खींच देने के बाद ₹2500 की जगह ₹700 (92 लाख मीट्रिक टन धान के लिए मात्र ₹5010 करोड़) प्रति क्विंटल समर्थन मूल का प्रावधान.
- गरीबों को ₹1500 मासिक पेंशन की जगह टेंशन दिया गया.
- युवाओं को नौकरी और मासिक ₹2500 बेरोजगारी भत्ता की जगह धक्का मिला.
- संविदा कर्मचारियों को नियमितिकरण की जगह एक बार फिर धोखा मिला.
- प्रदेश शराबबंदी की जगह देश की सबसे बड़ी शराबमंडी बनी.
- बिजली बिल हाफ़ की जगह बिल-डबल हुआ.
- बिजली हाफ और आत्मनिर्भर छत्तीसगढ़ की जगह केंद्रीय-अनुदान और शराब-बिक्री की दोहरी गुलामी मिली.
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अमित ने कहा कि ये बजट हर दृष्टि से आज तक का सबसे चिंताजनक बजट है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बतौर वित्त मंत्री अपने कार्यकाल का तीसरा और राज्य का 21वां बजट पेश कर दिया है. बजट में ग्रामीण अर्थव्यवस्था के साथ उद्योग पर विशेष फोकस दिखा.