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किसान धनीराम खुदकुशी केस: अमित जोगी ने किया 2 महीने की विधायक पेंशन राशि देने का ऐलान

कोंडागांव के मांगरपुरी गांव में किसान धनीराम खुदकुशी केस में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश अध्यक्ष ने सरकार पर जमकर हमला बोला है. अमित जोगी ने धनीराम की खुदकुशी के लिए भूपेश सरकार और अधिकारियों को दोषी बताया है. अमित जोगी ने किसान के परिवार को तत्कालीक आर्थिक मदद के लिए अपने दो महीने का पेंशन देने का ऐलान किया है.

Janata Congress Chhattisgarh (J) state president Amit Jogi
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी
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Published : Feb 21, 2021, 8:20 AM IST

Updated : Feb 21, 2021, 12:06 PM IST

रायपुर: जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी रायपुर में अपने निवास में प्रेस कॉन्फेंस कर छत्तीसगढ़ सरकार पर जमकर बरसे. अमिज जोगी ने कोंडागांव जिले के मांगरपुरी गांव में किसान धनीराम की खुदकुशी केस में भी सरकार को घेरा है. जोगी ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में सरकार के नियम और धान खरीदी में अनियमितता के कारण एक किसान को जान देना पड़ा.

किसान धनीराम की मौत के केस में एसडीएम और तहसीलदार की रिपोर्ट पर सरकार से सवाल किया है. अमिज जोगी ने सरकार और पटवारी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कहा कि पिछले साल धनीराम ने 100 क्विंटल धान बेचा था, लेकिन इस साल पटवारी को रिश्वत नहीं देने के कारण उसका रकबा घटा दिया गया. जिसके कारण धनीराम को महज 11 क्विंटल धान बेचने की अनुमति थी. 100 क्विंटल से सीधे 11 क्विंटल लिमिट होने से आहत किसान धनीराम ने खुदकुशी कर ली. अमित जोगी ने इसके लिए भूपेश बघेल सरकार को जिम्मेदार ठहराया है.

पढ़ें: रायपुर में किसान के आत्महत्या की कोशिश का वीडियो वायरल

जांच में फर्जीवाड़ा?

अमित जोगी ने कहा, सरकार की जांच रिपोर्ट में किसान धनीराम की मौत उसके बेटे की मौत के कारण अवसाद में जाने और शराब पीने के कारण हुई हुई है, जबकि दिवंगत धनीराम की पत्नी का कहना है कि उन्होंने जांच अधिकारी (एसडीएम) को ऐसी कोई बात नहीं बताई है. एसडीएम ने जांच रिपोर्ट दिवंगत धनीराम की पत्नी के बयान के मुताबिक बनाने का दावा किया.

पटवारी की गलती से गई जान ?

अमित जोगी ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि भूपेश सरकार अपनी नाकामियों और गलती पर पर्दा डालने के लिए किसान धनीराम को नशेड़ी बता रही है. ये किसानों का अपमान है. अमित जोगी ने बताया कि तहसीलदार की रिपोर्ट के मुताबिक धनीराम ने करीब 7 एकड़ भूमि पर धान बोया था, लेकिन गलती से 0.7 एकड़ का पंजीयन हो गया. जिसके कारण धनीराम को 11 क्विंटल धान बेचने के लिए टोकन मिला. इसकी शिकायत धनीराम ने समिति प्रबंधक, पटवारी, तहसीलदार और संबंधित अधिकारी से की थी, लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई. जिससे आहत होकर किसान धनीराम खुदकुशी करने पर मजबूर हो गया. अमित जोगी ने कहा, 'जब हमने 14 दिसम्बर 2020 को कलेक्टरेट का घेराव किया तब पटवारी को निलंबित कर दिया गया और तहसीलदार को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया, लेकिन इसके बाद कोई कार्रवाई नहीं हुई. बाद में बताया गया कि ऐसी घटना फिर से न हो इसके लिए सरकार ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया है.'

पढ़ें: किसान आत्महत्या मामला: किसान के घर पहुंचे सांसद विजय बघेल, सरकार से की जांच की मांग

कर्ज में दबा था किसान

अमित जोगी ने कहा, 'सरकार कर्जमाफी की बात करती है. किसान धनीराम के पास किसान क्रेडिट कार्ड और पासबुक के अनुसार 9 जुलाई 2020 को उनके ऊपर 61 हजार 932 रुपये का कर्ज दर्शाया गया और कर्ज चुकाने का नोटिस भी दिया गया था. जबकि भूपेश सरकार प्रदेश के किसानों का कर्ज माफी की बात कह रही है.'

बिचौलियों को 1200 रुपये प्रति क्विंटल में बेचना पड़ा धान

अमित जोगी ने कहा, 'किसान धनीराम ने 2 दिसंबर 2020 को खुदकुशी की तो उनके सामाजिक कार्यक्रम के लिए उनकी पत्नी सुमित्रा मरकाम को धान को बिचौलियों को 1200 रुपये प्रति क्विंटल में बेचना पड़ा. जबकि धान का समर्थन मूल्य सरकार के मुताबिक 2500 रुपये प्रति क्विंटल है.' अमित जोगी ने कहा, 'भारत सरकार की एक योजना है. जिसके तहत किसी गरीब परिवार में किसी की आकस्मिक मृत्यु हो जाती है तो उसको तत्काल 25 हजार की सहायता राशि दी जाती है, जो धनीराम के परिवार को नहीं मिला.' अमित जोगी ने कहा, धनीराम के परिवार का कार्ड अंत्योदय कार्ड है. मतलब गरीब से गरीब की श्रेणी में इसका परिवार आता है. दिवंगत धनीराम के केस को हम आगामी विधानसभा सत्र में उठाएंगे. हम सरकार से यह मांग करते हैं कि धनीराम की दो बेटियों कमलेश्वरी और लिलेश्वरी को सरकारी नौकरी दी जाए.' अमित जोगी ने अपनी तरफ से 2 महीने की विधायक पेंशन की राशि 1 लाख दोनों बेटियों को देने का ऐलान किया है.

पढ़ें: केशकाल किसान आत्महत्या केस: अमित जोगी भी होंगे अनशन में शामिल

अविश्वास प्रस्ताव लाने की घोषणा

इसी केस में जोगी कांग्रेस ने बजट सत्र में अविश्वास प्रस्ताव लाने की घोषणा की है. प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने कहा कि सरकार ने दो साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है. जोगी कांग्रेस गठबंधन को सात सीटें मिली थी, फिलहाल सदन में 6 विधायक हैं. जबकि अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए कम से कम 10 फीसदी विधायक होने चाहिए. ऐसे में जोगी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी और विधायक रेणु जोगी ने भाजपा से समर्थन मांगा है.

Copy of order
समर्थन के लिए लिखा गया पत्र

रायपुर: जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी रायपुर में अपने निवास में प्रेस कॉन्फेंस कर छत्तीसगढ़ सरकार पर जमकर बरसे. अमिज जोगी ने कोंडागांव जिले के मांगरपुरी गांव में किसान धनीराम की खुदकुशी केस में भी सरकार को घेरा है. जोगी ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में सरकार के नियम और धान खरीदी में अनियमितता के कारण एक किसान को जान देना पड़ा.

किसान धनीराम की मौत के केस में एसडीएम और तहसीलदार की रिपोर्ट पर सरकार से सवाल किया है. अमिज जोगी ने सरकार और पटवारी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कहा कि पिछले साल धनीराम ने 100 क्विंटल धान बेचा था, लेकिन इस साल पटवारी को रिश्वत नहीं देने के कारण उसका रकबा घटा दिया गया. जिसके कारण धनीराम को महज 11 क्विंटल धान बेचने की अनुमति थी. 100 क्विंटल से सीधे 11 क्विंटल लिमिट होने से आहत किसान धनीराम ने खुदकुशी कर ली. अमित जोगी ने इसके लिए भूपेश बघेल सरकार को जिम्मेदार ठहराया है.

पढ़ें: रायपुर में किसान के आत्महत्या की कोशिश का वीडियो वायरल

जांच में फर्जीवाड़ा?

अमित जोगी ने कहा, सरकार की जांच रिपोर्ट में किसान धनीराम की मौत उसके बेटे की मौत के कारण अवसाद में जाने और शराब पीने के कारण हुई हुई है, जबकि दिवंगत धनीराम की पत्नी का कहना है कि उन्होंने जांच अधिकारी (एसडीएम) को ऐसी कोई बात नहीं बताई है. एसडीएम ने जांच रिपोर्ट दिवंगत धनीराम की पत्नी के बयान के मुताबिक बनाने का दावा किया.

पटवारी की गलती से गई जान ?

अमित जोगी ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि भूपेश सरकार अपनी नाकामियों और गलती पर पर्दा डालने के लिए किसान धनीराम को नशेड़ी बता रही है. ये किसानों का अपमान है. अमित जोगी ने बताया कि तहसीलदार की रिपोर्ट के मुताबिक धनीराम ने करीब 7 एकड़ भूमि पर धान बोया था, लेकिन गलती से 0.7 एकड़ का पंजीयन हो गया. जिसके कारण धनीराम को 11 क्विंटल धान बेचने के लिए टोकन मिला. इसकी शिकायत धनीराम ने समिति प्रबंधक, पटवारी, तहसीलदार और संबंधित अधिकारी से की थी, लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई. जिससे आहत होकर किसान धनीराम खुदकुशी करने पर मजबूर हो गया. अमित जोगी ने कहा, 'जब हमने 14 दिसम्बर 2020 को कलेक्टरेट का घेराव किया तब पटवारी को निलंबित कर दिया गया और तहसीलदार को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया, लेकिन इसके बाद कोई कार्रवाई नहीं हुई. बाद में बताया गया कि ऐसी घटना फिर से न हो इसके लिए सरकार ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया है.'

पढ़ें: किसान आत्महत्या मामला: किसान के घर पहुंचे सांसद विजय बघेल, सरकार से की जांच की मांग

कर्ज में दबा था किसान

अमित जोगी ने कहा, 'सरकार कर्जमाफी की बात करती है. किसान धनीराम के पास किसान क्रेडिट कार्ड और पासबुक के अनुसार 9 जुलाई 2020 को उनके ऊपर 61 हजार 932 रुपये का कर्ज दर्शाया गया और कर्ज चुकाने का नोटिस भी दिया गया था. जबकि भूपेश सरकार प्रदेश के किसानों का कर्ज माफी की बात कह रही है.'

बिचौलियों को 1200 रुपये प्रति क्विंटल में बेचना पड़ा धान

अमित जोगी ने कहा, 'किसान धनीराम ने 2 दिसंबर 2020 को खुदकुशी की तो उनके सामाजिक कार्यक्रम के लिए उनकी पत्नी सुमित्रा मरकाम को धान को बिचौलियों को 1200 रुपये प्रति क्विंटल में बेचना पड़ा. जबकि धान का समर्थन मूल्य सरकार के मुताबिक 2500 रुपये प्रति क्विंटल है.' अमित जोगी ने कहा, 'भारत सरकार की एक योजना है. जिसके तहत किसी गरीब परिवार में किसी की आकस्मिक मृत्यु हो जाती है तो उसको तत्काल 25 हजार की सहायता राशि दी जाती है, जो धनीराम के परिवार को नहीं मिला.' अमित जोगी ने कहा, धनीराम के परिवार का कार्ड अंत्योदय कार्ड है. मतलब गरीब से गरीब की श्रेणी में इसका परिवार आता है. दिवंगत धनीराम के केस को हम आगामी विधानसभा सत्र में उठाएंगे. हम सरकार से यह मांग करते हैं कि धनीराम की दो बेटियों कमलेश्वरी और लिलेश्वरी को सरकारी नौकरी दी जाए.' अमित जोगी ने अपनी तरफ से 2 महीने की विधायक पेंशन की राशि 1 लाख दोनों बेटियों को देने का ऐलान किया है.

पढ़ें: केशकाल किसान आत्महत्या केस: अमित जोगी भी होंगे अनशन में शामिल

अविश्वास प्रस्ताव लाने की घोषणा

इसी केस में जोगी कांग्रेस ने बजट सत्र में अविश्वास प्रस्ताव लाने की घोषणा की है. प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने कहा कि सरकार ने दो साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है. जोगी कांग्रेस गठबंधन को सात सीटें मिली थी, फिलहाल सदन में 6 विधायक हैं. जबकि अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए कम से कम 10 फीसदी विधायक होने चाहिए. ऐसे में जोगी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी और विधायक रेणु जोगी ने भाजपा से समर्थन मांगा है.

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समर्थन के लिए लिखा गया पत्र
Last Updated : Feb 21, 2021, 12:06 PM IST
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