अनूपपुर/रायपुर: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन के बाद उनके कब्र की मिट्टी को नर्मदा नदी में प्रवाहित किया गया. बेटे अमित जोगी परिवार के साथ पिता की कब्र की मिट्टी को कलश में लेकर मंगलवार को मध्यप्रदेश के अमरकंटक पहुंचे. जहां पूरे रीति-रिवाज के साथ पूजन कर अस्थियों को सोनभद्र उद्गम स्थल पहुंचकर बहती जलधारा में प्रवाहित किया गया.
इस दौरान अमित जोगी के साथ मां रेणु जोगी, परिवार के अन्य सदस्य, बलौदाबाजार विधायक प्रमोद शर्मा, लोरमी विधायक धर्मजीत सिंह, अजय जायसवाल, अमरकंटक से कल्याण सेवा आश्रम के संत, अमरकंटक पटवारी प्रेमलाल, अमरकंटक थाना प्रभारी और स्टाफ उपस्थित रहे.
![Renu Jogi present during ritual](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/06:16_mp-anu-narmada-me-prvahit-hui-jogi-ki-asthi-mp10031_02062020224313_0206f_1591117993_740.jpg)
अजीत जोगी की अंतिम इच्छा
अजीत जोगी को अनूपपुर जिले से अधिक लगाव था और मां नर्मदा में उनकी अपार आस्था भी थी. जीवित रहते हुए भी वो वक्त मिलने पर मां नर्मदा के दर्शन के लिए आया करते थे. अजीत जोगी की अंतिम इच्छा के अनुरूप बेटे अमित और परिवार के सदस्यों ने उनकी कब्र की मिट्टी को मां नर्मदा में प्रवाहित किया. अजीत जोगी ने निधन से पहले ये इच्छा जताई थी कि उनकी कब्र की मिट्टी को मां नर्मदा सहित विभिन्न क्षेत्रीय नदियों में प्रवाहित किया जाए.
![Ajit Jogi's grave soil flowed in Narmada river](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/06:16_mp-anu-narmada-me-prvahit-hui-jogi-ki-asthi-mp10031_02062020224313_0206f_1591117993_302.jpg)
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29 मई को हुआ था जोगी का निधन
74 वर्षीय अजीत जोगी का इलाज के दौरान 29 मई को निधन हो गया था. पिता के निधन की जानकारी बेटे अमित जोगी ने खुद ट्वीट कर दी थी. बता दें कि अजीत जोगी को 9 मई की दोपहर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. सांस की नली में गंगा इमली का बीज फंस जाने से उनकी सांस रुक गई थी और उन्हें कार्डियक अरेस्ट हुआ था. तब से वे वेंटिलेटर पर थे और उनकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा था. डॉक्टरों की टीम दिनरात उनकी सेहत में सुधार के लिए हरसंभव प्रयास कर रही थी, लेकिन 29 मई को उनका निधन हो गया.