अंबिकापुर: छत्तीसगढ़ ट्राइब्स की चमक ब्यूटी इंडस्ट्री में भी दिखने लगी है. 15 जनवरी को अम्बिकापुर में एक ऐसी ब्यूटी प्रतियोगिता आयोजित हुई, जिसमें मुख्य आकर्षण का केन्द्र आदिवासी संस्कृति रही. प्रकृति में मिलने वाली वन संपदा की ज्वेलरी और पारंपरिक पोशाक पहनकर महिलाएं इस आयोजन में रैंप वॉक करती नजर आईं. आयोजन समिति की ओर से आदेश जारी किया गया था कि हर कैंडिडेट एक ऐसी ज्वेलरी जरूर पहनेगा, जो फूल या अन्य वन संपदा से ट्राइब्स के हाथों बनाया गया हो. इस नावचार को अंजाम दिया गया, जिसके कारण गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में यह आयोजन दर्ज हुआ.
ब्यूटी के क्षेत्र में आदिवासी संस्कृति का विकास: गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड अथॉरिटी ने 'लार्जेस्ट थीमेटिक ब्राइडल शो विथ नेचुरल ज्वेलरी' का वर्ल्ड रिकार्ड अम्बिकापुर की निरूपा गुप्ता के नाम दर्ज किया है. इस रिकॉर्ड में खास बात यह थी कि इसमें आदिवासी संस्कृति को दर्शाया गया. इस नए प्रयोग से ब्यूटी मार्केट में आदिवासी सभ्यता का प्रसार हुआ. मेकअप की दुनिया में अब आदिवासी समाज का भी बड़ा योगदान होगा. यही प्रयास आयोजन समिति का रहा है.
स्थानीय प्रतिभाओं को सरगुजिहा कोहिनूर का खिताब मिला: बता दें कि पिछले कई सालों से अंबिकापुर की रानी संतोष गुप्ता एक बड़ा आयोजन करती आ रही हैं. इसमें देश भर के मशहूर मेकअप आर्टिस्ट और ब्यूटीशियन शामिल होते हैं. लेकिन इस बार यह आयोजन बेहद खास था. आदिवासियों तक फैशन मार्केट का मुनाफा पहुंचाने की योजना बनाई गई. इतना ही नहीं इस आयोजन में सामाजिक क्षेत्रों में काम करने वाली हस्तियां और स्थानीय प्रतिभाओं को सरगुजिहा कोहिनूर के खिताब से सम्मानित भी किया गया.
विश्व रिकॉर्ड बना: ईटीवी भारत से बाचतीत के दौरान आयोजक रानी संतोष गुप्ता ने बताया कि, "ये एक ब्राइडल शो और सम्मान समारोह था. इसे नारी सशक्तिकरण का महाकुंभ नाम दिया गया था. इसके अंदर हम लोग गोल्डन बुक वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने की तैयारी में थे. रैम्प वॉक करने आई सभी मॉडल डिफरेंट लुक में थी. सभी ने आदिवासी कल्चर के अनुसार नेचुरल ज्वेलरी पहना था. कुछ ने तो पूरा ड्रेस ही नेचुरल चीजों से तैयार कर लिया था. हमने इस आयोजन को एक वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में गोल्डन बुक को क्लेम किया था, जिसमें हम सफल रहे. गोल्डन बुक अथॉरिटी ने इसे वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया है."
बता दें कि इस प्रतियोगिता में महिलाएं आदिवासी लुक में, आदिवासी ज्वेलरी और कपड़े पहनकर रैंप वॉक करती नजर आई. इस दौरान इनका आत्मविश्वास देखने लायक था.