रायपुर: देश के मशहूर शायर राहत इंदौरी की मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमण के बाद मौत हो गई है. संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने प्रसिद्ध शायर डॉ. राहत इंदौरी के अचानक निधन पर शोक व्यक्त किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी. इसके अलावा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने ने भी ट्वीट कर राहत इंदौरी को श्रद्धांजलि दी है.
अमरजीत भगत ने कहा कि राहत इंदौरी इस दौर के बड़े शायर थे. उनके शायरी को हर कोई दिल से सुनना पसंद करता था. राहत इंदौरी जब बोलते थे तो सभा में सन्नाटा छा जाता था. उनके एक-एक शब्द का जो भाव था वह दिल को छू जाता था.
सीएम बघेल ने दी श्रद्धांजलि
उन्होंने कहा कि राहत इंदौरी केवल मध्यप्रदेश ही नहीं बल्कि हिंदुस्तान के दिलों में राज करते थे. उनका इस तरह से असमय चला जाना साहित्य जगत के लिए बड़ा नुकसान है. उनकी कमी को पूरा नहीं किया जा सकता है. सीएम भूपेश बघेल ने भी ट्वीट कर लिखा है कि 'अलविदा राहत इंदौरी साहब। आपकी शायरी फ़िज़ा में हमेशा गूंजती रहेगी'.
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तूफानों से आँख मिलाओ, सैलाबों पर वार करो
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) August 11, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
मल्लाहों का चक्कर छोड़ो, तैर के दरिया पर करो।
अलविदा राहत इंदौरी साहब। आपकी शायरी फ़िज़ा में हमेशा गूंजती रहेगी।
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— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) August 11, 2020
मल्लाहों का चक्कर छोड़ो, तैर के दरिया पर करो।
अलविदा राहत इंदौरी साहब। आपकी शायरी फ़िज़ा में हमेशा गूंजती रहेगी।तूफानों से आँख मिलाओ, सैलाबों पर वार करो
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मल्लाहों का चक्कर छोड़ो, तैर के दरिया पर करो।
अलविदा राहत इंदौरी साहब। आपकी शायरी फ़िज़ा में हमेशा गूंजती रहेगी।
रमन सिंह ने दी श्रद्धांजलि
रमन सिंह ने कहा कि 'देश के जाने-माने शायर राहत इंदौरी जी का अचानक हम सबको छोड़कर चले जाना बेहद स्तब्ध और दुखी करने वाला है. उनका जाना देश के लिए अपूरणीय क्षति है. ईश्वर से प्रार्थना है दिवंगत आत्मा को शांति और उनके परिजनों और प्रशंसकों को धैर्य प्रदान करें'.
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देश के जाने-माने शायर राहत इंदौरी जी का अचानक हम सबको छोड़कर चले जाना बेहद स्तब्ध व दुःखी करने वाला है। उनका जाना देश के लिए अपूरणीय क्षति है।
— Dr Raman Singh (@drramansingh) August 11, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
ईश्वर से प्रार्थना है दिवंगत आत्मा को शांति और उनके परिजनों व प्रशंसकों को धैर्य प्रदान करें।
विनम्र श्रद्धांजलि!
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ईश्वर से प्रार्थना है दिवंगत आत्मा को शांति और उनके परिजनों व प्रशंसकों को धैर्य प्रदान करें।
विनम्र श्रद्धांजलि!देश के जाने-माने शायर राहत इंदौरी जी का अचानक हम सबको छोड़कर चले जाना बेहद स्तब्ध व दुःखी करने वाला है। उनका जाना देश के लिए अपूरणीय क्षति है।
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ईश्वर से प्रार्थना है दिवंगत आत्मा को शांति और उनके परिजनों व प्रशंसकों को धैर्य प्रदान करें।
विनम्र श्रद्धांजलि!
शुगर और हार्ट पेशेंट थे इंदौरी
शायरी की दुनिया में अपना एक अलग मुकाम बनाने वाले राहत इंदौरी की कोरोना वायरस संक्रमण के बाद मौत हो गई है. कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद में सोमवार देर रात उन्हें इंदौर के अस्पताल में भर्ती कराया गया था. राहत इंदौरी ने खुद ट्वीट करके इसकी जानकारी दी थी. उन्होंने ट्वीट कर लिखा था कि 'कोविड के शरुआती लक्षण दिखाई देने पर कल मेरा कोरोना टेस्ट किया गया, जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. अरविंदो हॉस्पिटल में एडमिट हूं दुआ कीजिए जल्द से जल्द इस बीमारी को हरा दूं एक और इल्तेजा है, मुझे या घर के लोगों को फोन ना करें, मेरी खैरियत ट्विटर और फेसबुक पर आपको मिलती रहेगी.'
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मशहूर शायर डॉ. राहत इंदौरी जी के निधन का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ, ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें। शायरी के ज़रिये अपनी बात बेबाकी से रखना उनकी ख़ूबी थी। ईश्वर उनके परिजनों तथा चाहनेवालों को इस कठिन घड़ी में धैर्य प्रदान करें।#ॐशान्ति #RahatIndori #राहत_इंदौरी #राहत pic.twitter.com/GGbIEGDT9p
— Amarjeet Bhagat (@amarjeetcg) August 11, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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लाख कोशिशों के बाद भी नहीं बचे इंदौरी
अस्पताल में भर्ती किए जाने के बाद से ही उनका शुगर लेवल अनियंत्रित था. डॉक्टर रवि डोसी के मुताबिक, भर्ती किए जाने के समय इंदौरी निमोनिया से भी ग्रसित थे. इलाज के दौरान उन्हें लगातार कार्डियक अरेस्ट का दौरा भी पड़ा, जिसके बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया. लेकिन डॉक्टरों के तमाम प्रयासों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका. डॉ. राहत इंदौरी का अंतिम संस्कार कोविड केंद्र से मिले गाइडलाइन के तहत किया गया.
बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय से की थी पढ़ाई
राहत इंदौरी का जन्म 1 जनवरी 1950 को इंदौर में रफ्तुल्लाह कुरैशी के घर हुआ था. वे उनकी चौथी संतान थे. राहत साहब ने इंदौर के नूतन स्कूल से अपनी शुरुआती शिक्षा ली. भोपाल के बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय और इस्लामिया करीमिया कॉलेज इंदौर से उन्होंने अपनी कॉलेज जी पढ़ाई की पूरी की थी. तो मध्य प्रदेश के भोजमुक्त विश्वविद्यालय से उन्होंने पीएचडी की डिग्री पूरी की थी. उर्दू में महारथ हासिल रखने वाले राहत इंदौरी ने कॉलेज के दिनों में ही शायरी और मुशायरे करने शुरु कर दिए. देखते ही देखते उनकी प्रसद्धि एक शायर के तौर पर पूरी दुनिया में छा गई. अपने बेबाक शायरी से राहत साहब ने शायरी की दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बना ली.
घर को अस्पताल में तब्दील करने चाहते थे इंदौरी
राहत इंदौरी हर मुद्दे पर अपनी राय बिल्कुल खुले दिल से रखते थे. राहत इंदौरी ने उर्दू और हिंदी को बेहद खूबसूरती से शायरी में पिरोया था. राहत साहब जब मुशायरें में माइक और शायरी या गजले बोलते थे तो हर कोई सुनता ही रह जाता था. उनका बेबाक अंदाज हर किसी को उनका कायल बना देता था. राहत इंदौरी एक समंदर थे जिनके पास कितने मोती थे किसी को अंदाजा तक नहीं था. जिस कोरोना के खिलाफ राहत साहब जंग हार गए. उसके लिए उन्होंने खुद लड़ाई छेड़ी थी. जब इंदौर में कोरोना के मरीज बढ़े तो उन्होंने अपने घर को अस्पताल में तब्दील करने की बात कही थी.