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Aman Singh appeared EOW office : पूर्व सीएस अमन सिंह से नौ घंटे हुई पूछताछ, आय से अधिक संपत्ति का मामला

आय से अधिक संपत्ति मामले में ईओडब्ल्यू मुख्यालय में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्य सचिव अमन सिंह से 9 घंटे तक पूछताछ हुई. इससे पहले अमन सिंह ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज करते हुए पूर्व सीएस अमन सिंह को निचली अदालत में जाने के निर्देश दिए थे. Former Chief Secretary Aman Singh

Aman Singh appeared EOW office
पूर्व सीएस अमन सिंह से नौ घंटे हुई पूछताछ
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Published : Mar 7, 2023, 3:52 PM IST

रायपुर : छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के पूर्व प्रमुख सचिव रहे अमन कुमार सिंह की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले और कड़ी टिप्पणियों के बाद सोमवार को राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो एंटी करप्शन ब्यूरो मुख्यालय में अमन सिंह से आय से अधिक संपत्ति मामले में 9 घंटे लंबी पूछताछ हुई. एसीबी ने 2 दिन पहले ही नोटिस जारी कर उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था. सूत्रों की मानें तो अमन सिंह ने जिला न्यायालय में अग्रिम जमानत का आवेदन लगाया है. अमन सिंह या उनके पक्ष की ओर से इसकी अधिकृत पुष्टि नहीं हो पाई है.


कितनी देर चली पूछताछ : पूर्व सीएस अमन सिंह ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन भी लगाया था, लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली. इसके बाद वे सोमवार सुबह 11 बजे ईओडब्ल्यू मुख्यालय पहुंचे. शाम 7:30 बजे तक उनसे पूछताछ जारी थी. ईओडब्ल्यू अधिकारियों ने उनसे आय से अधिक संपत्ति मामले में कई घंटे तक पूछताछ की. ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने अमन सिंह से पूछताछ की पुष्टि की है, लेकिन पूछताछ के बारे में ईओडब्ल्यू की ओर से फिलहाल कोई अधिकृत जानकारी नहीं दी गई है.


अमन की जमानत अर्जी नामंजूर : पूर्व सीएस अमन सिंह की अग्रिम जमानत अर्जी को सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने सोमवार को खारिज कर दिया. जस्टिस राकेश मोहन पांडे की सिंगल बेंच ने उन्हें पहले निचली अदालत में आवेदन करने की छूट दी है. अमन सिंह ने अपने खिलाफ एसीबी ईओडब्ल्यू द्वारा रायपुर में दर्ज एफआईआर की वजह से गिरफ्तारी से बचने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी पेश की थी.

कोर्ट ने क्यों खारिज की अर्जी : जस्टिस राकेश मोहन पांडे की सिंगल बेंच ने सुनवाई करते हुए कहा कि ''सर्वोच्च न्यायालय के 1 मार्च 2023 को पारित आदेश के अवलोकन से ऐसा प्रतीत होता है कि आवेदक को 3 सप्ताह की अवधि के लिए सुरक्षात्मक छत्र प्रदान किया गया है. आवेदक के पास सत्र न्यायालय से संपर्क करने के लिए पर्याप्त अवसर और समय था. आगे वर्तमान मामले में कोई असाधारण परिस्थिति नहीं है, जो आवेदक को सीधे इस न्यायालय के समक्ष जमानत आवेदन दायर करने का अधिकार देगी." कोर्ट ने वर्तमान मामले में तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए इस अर्जी को खारिज कर दिया. इसके साथ ही निचली अदालत में आवेदन करने की छूट देते हुए इस आवेदन पर कानून के अनुसार विचार करने का निर्देश भी सत्र न्यायालय को दिया है.

ये भी पढ़ें- पूर्व सीएस अमन सिंह और पत्नी यास्मीन सिंह को हाईकोर्ट ने दी राहत

क्या है मामला : अमन सिंह के खिलाफ मुख्यमंत्री सचिवालय से 24 फरवरी 2019 को एक पत्र एंटी करप्शन ब्यूरो को भेजा गया था. जिसमें प्राथमिक जांच के उल्लेख के साथ अमन सिंह और उनकी पत्नी यास्मीन सिंह के खिलाफ नंबरी अपराध दर्ज कर सूचित करने के निर्देश दिए गए थे. एसीबी ने अमन सिंह और उनकी पत्नी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अपराध दर्ज किया है.

रायपुर : छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के पूर्व प्रमुख सचिव रहे अमन कुमार सिंह की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले और कड़ी टिप्पणियों के बाद सोमवार को राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो एंटी करप्शन ब्यूरो मुख्यालय में अमन सिंह से आय से अधिक संपत्ति मामले में 9 घंटे लंबी पूछताछ हुई. एसीबी ने 2 दिन पहले ही नोटिस जारी कर उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था. सूत्रों की मानें तो अमन सिंह ने जिला न्यायालय में अग्रिम जमानत का आवेदन लगाया है. अमन सिंह या उनके पक्ष की ओर से इसकी अधिकृत पुष्टि नहीं हो पाई है.


कितनी देर चली पूछताछ : पूर्व सीएस अमन सिंह ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन भी लगाया था, लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली. इसके बाद वे सोमवार सुबह 11 बजे ईओडब्ल्यू मुख्यालय पहुंचे. शाम 7:30 बजे तक उनसे पूछताछ जारी थी. ईओडब्ल्यू अधिकारियों ने उनसे आय से अधिक संपत्ति मामले में कई घंटे तक पूछताछ की. ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने अमन सिंह से पूछताछ की पुष्टि की है, लेकिन पूछताछ के बारे में ईओडब्ल्यू की ओर से फिलहाल कोई अधिकृत जानकारी नहीं दी गई है.


अमन की जमानत अर्जी नामंजूर : पूर्व सीएस अमन सिंह की अग्रिम जमानत अर्जी को सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने सोमवार को खारिज कर दिया. जस्टिस राकेश मोहन पांडे की सिंगल बेंच ने उन्हें पहले निचली अदालत में आवेदन करने की छूट दी है. अमन सिंह ने अपने खिलाफ एसीबी ईओडब्ल्यू द्वारा रायपुर में दर्ज एफआईआर की वजह से गिरफ्तारी से बचने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी पेश की थी.

कोर्ट ने क्यों खारिज की अर्जी : जस्टिस राकेश मोहन पांडे की सिंगल बेंच ने सुनवाई करते हुए कहा कि ''सर्वोच्च न्यायालय के 1 मार्च 2023 को पारित आदेश के अवलोकन से ऐसा प्रतीत होता है कि आवेदक को 3 सप्ताह की अवधि के लिए सुरक्षात्मक छत्र प्रदान किया गया है. आवेदक के पास सत्र न्यायालय से संपर्क करने के लिए पर्याप्त अवसर और समय था. आगे वर्तमान मामले में कोई असाधारण परिस्थिति नहीं है, जो आवेदक को सीधे इस न्यायालय के समक्ष जमानत आवेदन दायर करने का अधिकार देगी." कोर्ट ने वर्तमान मामले में तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए इस अर्जी को खारिज कर दिया. इसके साथ ही निचली अदालत में आवेदन करने की छूट देते हुए इस आवेदन पर कानून के अनुसार विचार करने का निर्देश भी सत्र न्यायालय को दिया है.

ये भी पढ़ें- पूर्व सीएस अमन सिंह और पत्नी यास्मीन सिंह को हाईकोर्ट ने दी राहत

क्या है मामला : अमन सिंह के खिलाफ मुख्यमंत्री सचिवालय से 24 फरवरी 2019 को एक पत्र एंटी करप्शन ब्यूरो को भेजा गया था. जिसमें प्राथमिक जांच के उल्लेख के साथ अमन सिंह और उनकी पत्नी यास्मीन सिंह के खिलाफ नंबरी अपराध दर्ज कर सूचित करने के निर्देश दिए गए थे. एसीबी ने अमन सिंह और उनकी पत्नी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अपराध दर्ज किया है.

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