रायपुर: राष्ट्रीय महिला आयोग के 27वें स्थापना दिवस पर नई दिल्ली में ‘बीजिंग-25 की समीक्षा पर राष्ट्रीय परामर्श’ पर राज्यपाल अनुसुईया उइके ने संबोधित किया. उन्होंने कहा कि, 'महिला सुरक्षा के लिए कानून को मजबूत बनाने के साथ ही बच्चों को नैतिक शिक्षा भी दी जाए. महिला आयोग का काम राज्यों में भी मजबूत करना चाहिए, ताकि सभी महिलाओं को न्याय मिल सके'.
उन्होंने कहा कि 'किसी संस्था को हमेशा प्रभावी बनाने के लिए हमें नवाचार भी अपनाना चाहिए. उन्होंने महिला आयोग के संबंध में आवश्यक सुझाव देते हुए कहा कि, 'इस पर सार्थक चर्चा की गुंजाइश बनी तो कुछ नए कार्य भी शुरू हो सकते हैं'. राज्यपाल ने महिला सुरक्षा के लिए तकनीक के प्रयोग पर जोर दिया, ताकि पीड़ित महिला फौरन थानों में सूचना दे सकें'.
'न्यूनतम अनुपात में करनी चाहिए अनुशंसा'
उन्होंने कहा कि 'अभी भी पुलिस में महिलाओं की संख्या कम है. इसके कारण कहीं महिला के साथ अन्याय होता है, तो जांच में पुलिस को ज्यादा वक्त लग जाता है. आयोग को इस संबंध में महिलाओं के सुरक्षाबलों में न्यूनतम अनुपात के संबंध में अनुशंसा भी करनी चाहिए. महिलाओं के पुलिस बल में अधिक संख्या में होने से महिलाएं अपनी पीड़ा भी एक महिला पुलिस अधिकारी को खुलकर बता सकेंगी.
'दोषियों को जल्द सजा मिले'
उइके ने कहा कि 'लैंगिक उत्पीड़न के प्रकरणों पर बने कानूनों में संशोधन करने की आवश्यकता भी है. प्रयास किया जाना चाहिए कि ऐसे मामलों में जितनी जल्दी फैसले आएं और दोषियों को जल्द साजा मिले. इससे पीड़िता को न्याय मिल सकेगा और दोषियों के दिमाग में खौफ रहे'.